मेरठ : FIITJEE कोचिंग सेंटर अचानक बंद, 2 साल की एडवांस फीस लेने के बाद बंद, अभिभावकों में गुस्सा; परीक्षा के समय बच्चों का करियर दांव पर
मेरठ में FIITJEE कोचिंग सेंटर के खिलाफ अभिभावकों का गुस्सा फूटा। अभिभावकों ने मेरठ एसएसपी डॉ. विपिन ताडा से मुलाकात कर कोचिंग संचालकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे कई छात्रों के अभिभावक एसएसपी से मिलने पहुंचे।
Jan 23, 2025, 00:16 IST
|

मेरठ के एक FIITJEE कोचिंग सेंटर के अचानक बंद होने से अभिभावकों ने एसएसपी कार्यालय पहुंचकर विरोध जताया। अभिभावकों ने एसएसपी डॉ. विपिन ताडा से मुलाकात कर कोचिंग संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। अभिभावकों ने कहा कि फिटजी ने बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक सेंटर बंद कर दिया है। जिससे छात्रों की पढ़ाई ठप हो गई है। READ ALSO:-बिजनौर : पुलिस मुठभेड़ में दो हिस्ट्रीशीटर घायल, अफजलगढ़ में चेकिंग के दौरान आरोपियों ने चलाई थी गोली, एक पुलिसकर्मी भी घायल
संस्थान ने इंजीनियरिंग की तैयारी कराने के नाम पर दो साल की एडवांस फीस लेने के बाद अचानक सेंटर बंद कर दिया। एसएसपी ने सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ सिविल लाइंस से पूरे मामले की जांच करने को कहा है।
अभिभावकों का कहना है कि कोचिंग सेंटर 3 दिन पहले बंद कर दिया गया। यह भी नहीं बताया जा रहा कि सेंटर कब खुलेगा, खुलेगा भी या नहीं। हमारे बच्चों की पढ़ाई ठप हो गई है। बच्चे डिप्रेशन में हैं, उनकी परीक्षाएं हैं, उनका पूरा करियर अधर में है।
अभिभावकों का कहना है कि सेंटर के 11 शिक्षक 5 दिन पहले सेंटर छोड़कर चले गए हैं। सभी शिक्षक दूसरे संस्थान में चले गए हैं। 400 से अधिक बच्चों से 2 साल की एडवांस फीस जमा कराई गई है। प्रति बच्चे 6 लाख से अधिक के हिसाब से करोड़ों रुपये एडवांस जमा कराए गए हैं।
अभिभावकों का कहना है कि दूसरे संस्थानों में गए शिक्षक फोन करके कह रहे हैं कि अपने बच्चों का दाखिला हमारे संस्थान में करा लो, हम उन्हें यहीं पढ़ाएंगे, कोर्स पूरा कराएंगे। जबकि हम दो साल की एडवांस फीस दे चुके हैं, अब उसका क्या होगा। संस्थान ने हमारे साथ धोखा किया है। अभिभावकों ने मेरठ सेंटर हेड गौरव शर्मा, प्रशांत शर्मा पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। साथ ही संस्थान के संचालक डीके गोयल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
अभिभावकों ने एसएसपी से मांग की है कि कोई भी कोचिंग पूरे साल की एडवांस फीस न ले। कोचिंग सेंटर जो फीस एडवांस लेता है, उसे प्रशासनिक कोष में जमा कराया जाए, ताकि उस पैसे से कोचिंग संस्थान के शिक्षकों को समय पर वेतन मिलता रहे। समाधान न निकला तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एसएसपी का कहना है कि सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ सिविल लाइंस को पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। सेंटर के संस्थापक से बात करने के लिए टीम भी बनाई जाएगी।
थाना मेडिकल प्रभारी शैलेश कुमार ने बताया कि बातचीत चल रही है। छात्रों के परिजनों के कहने पर लिखित शिकायत दर्ज कर ली गई है। इस पूरे मामले में एक और पहलू यह सामने आ रहा है कि कर्मचारियों को वेतन न मिलने के कारण यह पूरा प्रकरण रचा गया है। मामले की जांच अभी चल रही है।