मेरठ : ई-रिक्शा चालकों का कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन, रूट डायवर्जन से आजीविका प्रभावित, स्थाई स्टैंड और लाइसेंस की मांग
मेरठ में सैकड़ों ई-रिक्शा चालकों ने उत्तर प्रदेश ई-रिक्शा चालक कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष विशाल कौशिक के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन किया।
Feb 11, 2025, 22:03 IST
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मेरठ में सैकड़ों ई-रिक्शा चालकों ने उत्तर प्रदेश ई-रिक्शा चालक कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष विशाल कौशिक के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन किया। चालकों ने यातायात पुलिस के रूट डायवर्जन प्लान का विरोध करते हुए कमिश्नरी पर ई-रिक्शा लगाकर जाम लगा दिया। READ ALSO:-बिजनौर : कावड़ यात्रा की तैयारियां जोरों पर, 16 फरवरी से भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक, उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड पुलिस अलर्ट, CCTV से निगरानी
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि शहर को जाम मुक्त बनाने के लिए यातायात विभाग द्वारा बनाए गए रूट डायवर्जन प्लान से उनकी रोजी-रोटी बुरी तरह प्रभावित हो गई है। सवारियां न मिलने के कारण वे अपने ई-रिक्शा की मासिक किस्त भी नहीं दे पा रहे हैं। चालकों ने प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपे ज्ञापन में कहा कि वे शहर में जाम की समस्या के खिलाफ हैं, लेकिन उनकी मुख्य मांग यह है कि ई-रिक्शा चालकों के लिए स्थाई स्टैंड की व्यवस्था की जाए।
दूसरा बड़ा मुद्दा लाइसेंस को लेकर है। चालकों का आरोप है कि पुलिसकर्मी साधारण ड्राइविंग लाइसेंस पर उन्हें परेशान करते हैं और अवैध वसूली करते हैं। उनकी मांग है कि जिस लाइसेंस पर चार पहिया वाहन चलाने की अनुमति दी जाती है, उसी लाइसेंस पर ई-रिक्शा चलाने की भी अनुमति दी जाए।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाकर शांत किया। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू करेंगे।
सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी:
सरकार और प्रशासन को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और ई-रिक्शा चालकों की समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए। एक व्यापक नीति बनाई जानी चाहिए जिसमें ई-रिक्शा चालकों के हितों का ध्यान रखा जाए और साथ ही शहर के यातायात व्यवस्था को भी सुधारा जाए।
सरकार और प्रशासन को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और ई-रिक्शा चालकों की समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए। एक व्यापक नीति बनाई जानी चाहिए जिसमें ई-रिक्शा चालकों के हितों का ध्यान रखा जाए और साथ ही शहर के यातायात व्यवस्था को भी सुधारा जाए।
