मेरठ में सड़क सुरक्षा पर DM सख्त: बिना हेलमेट पेट्रोल बेचने वालों पर गिरेगी गाज, ₹25 हजार का इनाम भी!

पेट्रोल पंपों पर CCTV अनिवार्य, चौराहों के सौंदर्यीकरण और अतिक्रमण हटाने के निर्देश; घायल की मदद करने वाले को बड़ा इनाम
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MRT TRAFFIC
मेरठ, उत्तर प्रदेश: मेरठ में सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है। जिला मजिस्ट्रेट (DM) डॉ. वीके सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में कई बड़े और कड़े फैसले लिए गए, जिनका सीधा असर शहर की सड़कों और लोगों की सुरक्षा पर पड़ेगा। सबसे महत्वपूर्ण आदेश यह है कि अब बिना हेलमेट पहने वाहन चालकों को पेट्रोल पंप पर तेल नहीं मिलेगा, और ऐसे पंपों पर कड़ी कार्रवाई होगी। साथ ही, सड़क हादसों में घायल लोगों की मदद करने वाले 'गुड Samaritan' को अब ₹25,000 का नकद इनाम दिया जाएगा।READ ALSO:-बिजनौर में कर्ज ने फिर छीना एक मासूम जीवन: शेरकोट में 10वीं के छात्र आदित्य ने लगाया फंदा, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, जिले में 3 दिन में तीसरी आत्महत्या!

 

'नो हेलमेट, नो पेट्रोल' नियम सख्ती से लागू
बैठक में मिशिका सोसायटी के अध्यक्ष अमित नागर ने एक वीडियो दिखाया, जिसमें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के पास एक पेट्रोल पंप पर बिना हेलमेट पहने लोगों को आसानी से पेट्रोल मिलता दिख रहा था। इस पर डीएम ने तुरंत संज्ञान लिया और एसपी ट्रैफिक व एआरटीओ को निर्देश दिए कि वे ऐसे सभी पेट्रोल पंपों की जांच करें और उन पर भारी चालान लगाएं।

 

इसके अलावा, वाहनों की मियाद (समय सीमा) पूरी होने के बाद भी उन्हें पेट्रोल-डीजल देने से रोकने के लिए, सभी पेट्रोल पंपों पर एचडीआर (हाई डायनामिक रेंज) कैमरे लगाने का आदेश दिया गया है। यह कदम सड़क पर पुराने और असुरक्षित वाहनों की संख्या को कम करने में मददगार साबित होगा।

 TRAFFIC

ब्लैक स्पॉट और अतिक्रमण पर 'जीरो टॉलरेंस'
डीएम ने सड़क दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार 'ब्लैक स्पॉट' में सुधार न होने पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने एसपी ट्रैफिक, एआरटीओ और पीडब्ल्यूडी एक्सईएन को इन खतरनाक जगहों का तत्काल दौरा कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए।

 

शहर में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के बाद सड़कों पर पड़े मलबे को लेकर भी डीएम सख्त दिखे। उन्होंने नगर निगम को आदेश दिया कि अतिक्रमण हटाने के तुरंत बाद, रात में ही मलबे को साफ किया जाए ताकि यातायात बाधित न हो और दुर्घटनाएं न हों।

 

शहर का बदलेगा चेहरा, यातायात होगा सुगम
सड़क सुरक्षा के साथ-साथ शहर के सौंदर्यीकरण और यातायात प्रबंधन पर भी जोर दिया गया। मेडा और नगर निगम को शहर के 14 प्रमुख चौराहों के सौंदर्यीकरण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा, टूटे डिवाइडरों को ठीक कराने, अवैध ई-रिक्शा पर अंकुश लगाने, उनके लिए मार्ग निर्धारित करने और स्टैंड बनाने के भी निर्देश दिए गए।

 OMEGA

स्कूलों के फिर से खुलने पर पूरे जनपद में सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाने, हाईवे पर अवैध पार्किंग हटाने और शराब की दुकानों के बाहर लगने वाले जाम को खत्म करने का आदेश दिया गया। कांवड़ मार्गों को गड्ढामुक्त करने और रात में चमकने वाले ब्लिंकर लगाने के निर्देश भी दिए गए। एक्सप्रेसवे पर दोपहिया वाहनों के जबरन प्रवेश को रोकने के लिए एसपी यातायात को गाजियाबाद में तैनात पुलिसकर्मियों के साथ सख्ती बरतने का निर्देश दिया गया।
घायल की मदद करने वाले 'फरिश्ते' को अब ₹25,000 का इनाम!
एक बेहद सराहनीय पहल में, डीएम ने घोषणा की कि सड़क हादसों में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचाने वाले किसी भी व्यक्ति को अब सरकार की 'राहगीर योजना' के तहत ₹5,000 की जगह ₹25,000 का नकद इनाम मिलेगा। ऐसे नेक काम करने वाले व्यक्ति की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। वहीं, हिट एंड रन मामलों में मृतकों के परिजनों को मिलने वाली मदद की राशि भी ₹1.5 लाख कर दी गई है।

 

इस बैठक में एडीएम सिटी बृजेश सिंह, एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र मिश्रा, एक्सईएन लोक निर्माण विभाग सत्येंद्र सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी विनय कुमार सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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