मेरठ: बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने कहा-खराब गुरुओं से बचो, भगवान भाव से मिलते हैं, 'ड्रम' का जिक्र कर ली चुटकी

हनुमंत कथा के दूसरे दिन बोले शास्त्री-मूर्ति तोड़ने, सिंदूर-मंगलसूत्र न लगाने वाले गुरुओं से रहें सावधान, कल लगेगा दिव्य दरबार
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Pandit Dhirendra Shastri
मेरठ में जागृति विहार एक्सटेंशन में चल रही बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हनुमंत कथा के दूसरे दिन बुधवार को उन्होंने श्रद्धालुओं को खराब गुरुओं से सावधान रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि एक गलत गुरु के कारण कई परिवार बर्बाद हो जाते हैं। उन्होंने ऐसे गुरुओं की आलोचना की जो लोगों को मूर्तियों को फेंकने, सिंदूर न लगाने और मंगलसूत्र न पहनने की शिक्षा देते हैं। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि ऐसे गुरुओं से हमेशा बचना चाहिए जो भगवानों का अपमान करना सिखाते हैं।

 

कथा के दौरान उन्होंने कहा कि भगवान को पाने के लिए महंगे पदार्थ चढ़ाने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि सच्ची भक्ति और भाव से ही उन्हें प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने मेरठ के लोगों से सीधा सवाल किया कि वे प्रभु को चाहते हैं या प्रभु से कुछ चाहते हैं। जब कुछ लोगों ने दोनों बातें कहीं तो उन्होंने मजाकिया अंदाज में टिप्पणी की और फिर दोबारा पूछा, जिस पर लोगों ने 'प्रभु को' कहकर उत्तर दिया। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि जो लोग प्रभु को चाहते हैं, उन्हें सब कुछ अपने आप मिल जाता है।

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पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने मेरठ में हाल ही में हुए चर्चित सौरभ हत्याकांड (जिसमें शव ड्रम में मिला था) का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आजकल मेरठ के लोग 'ड्रम' का जिक्र बहुत कर रहे हैं और सब डरे हुए हैं। उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि किसी ने उनसे पूछा कि महाराज जी कहां जा रहे हो? तो उन्होंने जवाब दिया कि मेरठ जा रहा हूं, जिस पर उस व्यक्ति ने कहा कि उस घर में सोना जहां ड्रम न हो।

 


धीरेंद्र शास्त्री ने गुरुवार के कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक दिव्य दरबार लगेगा, जिसमें वे लोगों की समस्याओं का निवारण करेंगे। इसके बाद शाम 5:30 बजे से सात बजे तक हनुमंत कथा का आयोजन होगा।

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कथा सुनने के लिए बुधवार को भी लगभग एक लाख लोग पहुंचे थे। कथा की शुरुआत भगवान राम के भजनों से हुई, जिस पर भक्त जमकर झूमे और पूरा पंडाल भगवान श्रीराम और बागेश्वर धाम के जयकारों से गूंज उठा। इस कथा में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ-साथ दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे।

 

पंडित धीरेंद्र शास्त्री की पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यह पहली पांच दिवसीय कथा है, जो 25 मार्च से 29 मार्च तक चलेगी और इसमें प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।
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