मेरठ: नौचंदी मेले के उद्घाटन पर बवाल, महापौर के अपमान पर गिरी गाज
निमंत्रण पत्र में नाम न होने और पहले उद्घाटन से नाराज महापौर, भाजपा पार्षदों की शिकायत पर मेला प्रभारी CDO हटाए गए, नगर आयुक्त को मिली जिम्मेदारी।
Mar 25, 2025, 13:37 IST
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मेरठ: मेरठ का प्रसिद्ध नौचंदी मेला इस बार अपने उद्घाटन को लेकर विवादों में घिर गया है। मेले के निमंत्रण पत्र में शहर की महापौर का नाम शामिल नहीं किया गया था, और इससे भी अधिक आश्चर्यजनक बात यह रही कि उनके मेले में पहुंचने से पहले ही फीता काटकर उद्घाटन की रस्म पूरी कर दी गई। इस घटना से महापौर बुरी तरह नाराज हो गईं, जिसका असर यह हुआ कि वह नौचंदी मेले के अन्य कार्यक्रमों में भी शामिल नहीं हुईं और उद्घाटन स्थल पर पीछे जाकर बैठ गईं, जिससे उनकी नाराजगी स्पष्ट रूप से झलक रही थी।READ ALSO:-बिजनौर में सनसनी: चांदपुर में 8 दिन से लापता युवक का शव जंगल में पेड़ से लटका मिला, परिजनों को हत्या की आशंका
महापौर के अपमान पर पार्षदों का आक्रोश:
महापौर के साथ हुए इस व्यवहार से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पार्षद भी खासे नाराज दिखे। उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सीधे मुख्यमंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह से शिकायत दर्ज कराई। पार्षदों ने अपनी शिकायत में कहा कि महापौर न केवल शहर की प्रथम नागरिक हैं, बल्कि नगर निगम बोर्ड की अध्यक्ष भी हैं। इस प्रकार उनका अपमान केवल उनका ही नहीं, बल्कि पूरे शहर की जनता का अपमान है। पार्षदों ने यह भी तर्क दिया कि नौचंदी मेला एक प्रांतीय स्तर का महत्वपूर्ण मेला है, और ऐसे प्रतिष्ठित आयोजन में महापौर का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रभारी मंत्री ने दिखाई सख्ती, मेला प्रभारी हटाए:
महापौर के अपमान के मामले को प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने गंभीरता से लिया। उन्होंने तत्काल कार्रवाई करते हुए मुख्य विकास अधिकारी (CDO) नूपुर गोयल, जो कि मेले की प्रभारी थीं, को उनके पद से हटा दिया। उनकी जगह अब नगर आयुक्त सौरभ गंगवार को नौचंदी मेले की व्यवस्था और संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रभारी मंत्री ने इस संबंध में महापौर से फोन पर भी बात की और उन्हें घटना पर अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराया।
नगर निगम के हवाले मेले की व्यवस्था:
जिलाधिकारी के आदेश के बाद अब नौचंदी मेले की संपूर्ण व्यवस्था नगर निगम के नियंत्रण में रहेगी। यह फैसला महापौर के साथ हुए कथित अपमान के बाद लिया गया है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके और शहर के प्रथम नागरिक का सम्मान बना रहे।
पार्षदों ने की प्रभारी मंत्री से मुलाकात:
इस पूरे घटनाक्रम के बाद, मेरठ के 20 से अधिक पार्षदों ने सर्किट हाउस पहुंचकर प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह से मुलाकात की। इन पार्षदों में प्रमुख रूप से कुलदीप राजेश वाल्मीकि, संजय सैनी और प्रवीण अरोड़ा शामिल थे। उन्होंने प्रभारी मंत्री को अपनी नाराजगी से अवगत कराया और महापौर के सम्मान की रक्षा के लिए उठाए गए कदमों पर संतोष व्यक्त किया। इस घटना ने मेरठ के राजनीतिक गलियारों में गर्माहट ला दी है और नौचंदी मेले की व्यवस्था को लेकर नए सिरे से चर्चा शुरू हो गई है।