मेरठ शहर स्तब्ध, पार्षद मौन: 42 की उम्र में जिंदगी की जंग हार गए 'जनसेवक' गगनदीप, खुद स्कूटी चलाकर अस्पताल पहुंचे थे
मेरठ वार्ड-67 के पार्षद गगनदीप गौतम का हृदयगति रुकने से निधन, सूरजकुंड में अंतिम विदाई, सांसद अरुण गोविल से लेकर आम कार्यकर्ता तक, हर आंख हुई नम; सूरजकुंड में दी गई अंतिम विदाई।
Jun 20, 2025, 10:45 IST
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मेरठ, (विशेष संवाददाता): गुरुवार का दिन मेरठ शहर के लिए एक दुखद समाचार लेकर आया। वार्ड-67 (कैलाशपुरी, शास्त्रीनगर) के लोकप्रिय और युवा पार्षद, 42 वर्षीय गगनदीप गौतम, अब हमारे बीच नहीं रहे। हार्ट अटैक के एक अप्रत्याशित और घातक दौरे ने शहर से उसका एक होनहार 'जनसेवक' छीन लिया। सबसे हृदयविदारक पहलू यह रहा कि अपनी जिंदगी के आखिरी पलों में भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और सीने में उठे असहनीय दर्द के बावजूद खुद स्कूटी चलाकर अस्पताल तक पहुंचे, पर शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।Read also:-मेरठ को 'जाम-अतिक्रमण मुक्त' बनाने का महाअभियान शुरू: पहले दिन बच्चा पार्क से घंटाघर तक चला बुलडोजर, हड़कंप
जिंदगी से आखिरी जंग: जब दर्द से जूझते हुए भी नहीं हारी हिम्मत
यह कहानी गगनदीप के अदम्य साहस को बयां करती है। बताया गया है कि तीन दिन पहले उन्हें सीने में हल्के दर्द का आभास हुआ था, जिसे उन्होंने सामान्य मानकर स्थानीय दवा की दुकान से दवा ले ली थी। लेकिन गुरुवार सुबह जब दर्द ने भयावह रूप ले लिया, तो उन्होंने किसी का इंतजार नहीं किया। वह खुद अपनी स्कूटी पर सवार हुए और गढ़ रोड स्थित न्यूटिमा अस्पताल पहुंचे।
अस्पताल में जांच के दौरान उनका ब्लड प्रेशर 200 के पार था। डॉक्टरों ने तुरंत ईसीजी (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी) की, जिसमें हृदय की एक बड़ी और गंभीर समस्या सामने आई। डॉक्टरों ने तत्काल ऑपरेशन की सलाह दी। इसी बीच, बेहतर इलाज और ऑपरेशन के लिए उनके साथी उन्हें दूसरे अस्पताल ले जा रहे थे कि इलाज विधिवत शुरू हो पाता, उससे पहले ही उनकी सांसों की डोर टूट गई और उन्होंने दम तोड़ दिया।
अधूरी रह गई सेवा, सूना हो गया वार्ड-67
गगनदीप गौतम का राजनीतिक सफर भी उनकी जीवटता का प्रतीक था। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव में ताल ठोकी थी और भाजपा की प्रत्याशी मीनल गौतम को हराकर जीत दर्ज की थी। उनकी लोकप्रियता और कार्यशैली को देखते हुए बाद में वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे। उनके निधन से वार्ड-67 की सेवा का एक अध्याय अधूरा रह गया। उनके सम्मान में, उनके ही वार्ड में लगने वाले प्रसिद्ध नौचंदी मेले में गुरुवार रात को होने वाला हास्य कवि सम्मेलन स्थगित कर दिया गया।
आंसुओं का सैलाब और नम हुईं आंखें: अंतिम विदाई में उमड़ा शहर
जैसे ही गगनदीप के निधन की खबर शहर में फैली, राजनीतिक और सामाजिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई। दोपहर में सूरजकुंड श्मशान घाट पर जब उनकी अंतिम यात्रा पहुंची, तो वहां का माहौल अत्यंत गमगीन था। मेरठ के नवनिर्वाचित सांसद अरुण गोविल, राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर, महापौर हरिकांत अहलूवालिया, महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तोगी और विधायक प्रत्याशी कमलदत्त शर्मा सहित भाजपा के अनगिनत नेता, कार्यकर्ता और नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे। सभी ने अश्रुपूरित नेत्रों से अपने युवा साथी को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
गगनदीप गौतम अपने पीछे एक हंसता-खेलता परिवार छोड़ गए हैं। उनकी पत्नी रीनू, पांच साल की मासूम बेटी युविका और महज तीन साल के बेटे धनुष के सिर से पिता का साया उठ गया है। उनके कैलाशपुरी स्थित आवास पर दिनभर सांत्वना देने वालों का तांता लगा रहा। हर कोई इस युवा परिवार पर टूटे दुखों के इस पहाड़ को देखकर भावुक था।
राजनीतिक गलियारों में हलचल: अब कौन होगा वार्ड का नया नायक?
गगनदीप गौतम के निधन के बाद वार्ड-67 की पार्षद सीट रिक्त हो गई है। नियमानुसार, अब यहां छह महीने के भीतर, यानी दिसंबर तक उपचुनाव कराया जाएगा। राजनीतिक गलियारों में अभी से ही अटकलों का दौर शुरू हो गया है। भाजपा की ओर से पूर्व प्रत्याशी मीनल गौतम का नाम एक बार फिर चर्चा में है, वहीं पूर्व पार्षद रहे सच्चिदानंद शर्मा और राकेश शर्मा के नाम पर भी विचार किया जा रहा है। हालांकि, इस शोक की घड़ी में पार्टी ने अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन शहर यह देखने के लिए इंतजार करेगा कि गगनदीप की छोड़ी हुई विरासत को कौन आगे बढ़ाएगा।
