मेरठ: मवाना में चीनी व्यापारी दुकान में मृत लटका मिला, हड़कंप! मिला 'जय श्रीराम' लिखा सुसाइड नोट, लिखा-"माफ कर देना...किए पछतावा नहीं!"
मवाना में चीनी व्यापारी दुकान में मृत लटका मिला, हड़कंप! मिला 'जय श्रीराम' लिखा सुसाइड नोट, लिखा था- 'मेरे किए पर पछतावा नहीं, हो सके तो माफ करना'
May 7, 2025, 14:42 IST
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काबलिगेट मोहल्ले के निवासी हरिओम (50) की हस्तिनापुर रोड पर थी थोक की दुकान; सुबह दुकान पर पहुंचे लोगों ने देखा भयावह दृश्य, मचा हड़कंप; सुसाइड नोट में 'कापी' में रखे खर्च के पैसों और बिना पछतावे के माफी मांगने का जिक्र, पुलिस जांच में जुटी...
मेरठ (उत्तर प्रदेश): मेरठ जिले के मवाना कस्बे में बुधवार सुबह उस वक्त सनसनी फैल गई, जब एक प्रतिष्ठित चीनी व्यापारी अपनी थोक की दुकान के भीतर मृत अवस्था में लटका हुआ पाया गया। इस दुखद और भयावह दृश्य को देखकर दुकान के पास से गुजर रहे लोग और आसपास के व्यापारी सकते में आ गए। देखते ही देखते मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई और पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।READ ALSO:-बिजनौर पुलिस चौकी के ठीक बाहर शराबियों का 'तांडव', वीडियो वायरल: व्यस्त नुमाइश चौक पर घंटों मची रही अराजकता, महिलाओं-बच्चों सहित आम राहगीरों को हुई भारी परेशानी!
पहचान और दुकान का विवरण:
मृतक व्यापारी की पहचान 50 वर्षीय हरिओम के रूप में हुई है। वे मवाना कस्बे के काबलीगेट मोहल्ले के निवासी थे और हस्तिनापुर रोड पर उनकी चीनी की थोक का व्यापार था। इसी सड़क पर उनकी दुकान स्थित थी, जहाँ यह घटना हुई। हरिओम अपने इलाके में एक जाने-माने व्यापारी थे।
कैसे पता चला घटना का?
बताया जा रहा है कि रोजाना की तरह बुधवार सुबह जब आसपास के लोग और अन्य व्यापारी हस्तिनापुर रोड स्थित हरिओम की दुकान के पास पहुंचे, तो उन्होंने दुकान के अंदर झांका। अंदर का दृश्य देखकर उनके होश उड़ गए - हरिओम का शव छत से लटका हुआ था। इस भयावह दृश्य को देखते ही लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। खबर जंगल की आग की तरह पूरे कस्बे में फैल गई और मौके पर भारी संख्या में स्थानीय लोग जमा हो गए, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
दुकान से मिला 'आखिरी पैगाम': सुसाइड नोट
सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित किया और घटनास्थल को सील कर दिया। प्रारंभिक जांच और दुकान की तलाशी के दौरान, पुलिस को वहाँ से एक बेहद महत्वपूर्ण चीज मिली - एक सुसाइड नोट (आत्महत्या का पत्र)।
यह सुसाइड नोट दुकान के अंदर एक जगह बांधकर रखा गया था, संभवतः ताकि यह आसानी से मिल सके। नोट पर सबसे ऊपर 'जय श्रीराम' लिखा था। उसके बाद कुछ पंक्तियां लिखी थीं जो मृतक की आखिरी भावनाओं और इस चरम कदम उठाने के पीछे के कारणों (संभावित रूप से) की ओर इशारा कर रही थीं। सुसाइड नोट में लिखा था:
"जय श्रीराम। इन कापी में इतने रुपए हैं कि मेरा सारा खर्च खत्म हो जाएगा। मेरे किए पर मुझे कोई पछतावा नहीं है। हो सके तो मुझे माफ करना।"
इस नोट का संदेश कुछ हद तक रहस्यमय है। 'कापी' में रखे रुपयों का जिक्र यह बताता है कि शायद मामला किसी आर्थिक पहलू से जुड़ा हो सकता है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है। वहीं, अपने 'किए' पर पछतावा न होने की बात कहकर भी उन्होंने माफी मांगी है, जो भावनाओं के विरोधाभास को दर्शाता है।
पुलिस जांच में जुटी:
पुलिस ने सुसाइड नोट को कब्जे में ले लिया है और शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। प्रथम दृष्टया, परिस्थितियों और सुसाइड नोट की बरामदगी के आधार पर इसे आत्महत्या का मामला माना जा रहा है। हालांकि, पुलिस ने अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के बजाय मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। पुलिस व्यापारी के परिवार वालों, जानने वालों और व्यापार से जुड़े लोगों से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि हरिओम ने ऐसा घातक कदम क्यों उठाया। क्या यह कोई आर्थिक तंगी थी, व्यापार में कोई नुकसान, कोई व्यक्तिगत समस्या, या कोई अन्य कारण? इन सभी पहलुओं पर बारीकी से पड़ताल की जा रही है।
इस घटना से मवाना कस्बे, खासकर काबलीगेट मोहल्ले और व्यापारी वर्ग में गहरा शोक और आश्चर्य का माहौल है। किसी को यह विश्वास नहीं हो रहा कि हरिओम जैसा व्यक्ति ऐसा कदम उठा सकता है। पुलिस जांच पूरी होने के बाद ही इस दुखद घटना के वास्तविक कारणों का खुलासा हो पाएगा।
