मेरठ : अग्निवीर भर्ती के नाम पर ठगी करने वाला गिरफ्तार, STF, आर्मी इंटेलिजेंस ने सौदेबाजी करते पकड़ा; 20 रुपये लाख तक वसूले

मेरठ एसटीएफ और आर्मी इंटेलिजेंस सेंट्रल कमांड ने एक ऐसे युवक को गिरफ्तार किया है जो सेना में भर्ती के नाम पर लोगों से ठगी करता था। शुक्रवार रात वह मेरठ कैंट स्थित मिलिट्री हॉस्पिटल के पास कुछ युवकों से डील करने आया था। तभी उसे पकड़ लिया गया।
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एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने शनिवार को जिले में बड़ी कार्रवाई की है। आर्मी इंटेलिजेंस और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में अग्निवीर में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया गया है। टीम ने आरोपी के पास से फर्जी एडमिट कार्ड, अभ्यर्थियों की फर्जी चयन सूची, मोबाइल और एक कार भी बरामद की है। READ ALSO:-UP में बड़ी पुलिस भर्ती का ऐलान, महिला ट्रैफिक पुलिस में बनेगा अलग विंग, होंगी 10 हजार भर्तियां, CM योगी ने किया ऐलान

 

शनिवार को मेरठ में एसटीएफ के एएसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि सेना में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के बारे में लगातार सूचनाएं मिल रही थीं, जिसके बाद एसटीएफ ने मिले इनपुट पर काम करना शुरू किया। जिसके बाद आरोपी को पकड़ लिया गया। 

 

उन्होंने बताया कि एसटीएफ को आर्मी इंटेलिजेंस और खास मुखबिर से सूचना मिली थी कि आरोपी राहुल कुमार फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सेना में भर्ती के नाम पर अनुचित लाभ कमाने के उद्देश्य से ठगी कर मोटी रकम वसूल रहा है। यह भी सूचना थी कि वह कुछ देर में अपनी कार से आर्मी हॉस्पिटल के पास किसी से मिलने आने वाला है। सूचना को गंभीरता से लिया गया और बताए गए स्थान पर पहुंचकर मेरठ एसटीएफ की टीम ने राहुल कुमार को गिरफ्तार कर लिया। 

 

एसटीएफ अफसरों के मुताबिक पूछताछ में आरोपी राहुल ने यह भी कबूल किया है कि वह अपने साथियों बिहार के राजू, सुमित और हरियाणा के सोमवीर के जरिए सेना में भर्ती के नाम पर लोगों को प्रभावित कर उनसे मोटी रकम ऐंठता था। अफसरों के मुताबिक पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसे भर्ती के नाम पर प्रत्येक युवक से 50 हजार मिलते हैं। एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी ने पूछताछ में यह भी कबूल किया है कि 2018 में वह रेलवे ग्रुप डी की परीक्षा में नकल के मामले में अपने साथी सोमवीर आदि के साथ गौतमबुद्ध नगर से जेल भी जा चुका है। 

 

एसटीएफ अफसरों के मुताबिक जेल से बाहर आने के कुछ दिन बाद सोमवीर ने उससे सेना में भर्ती के लिए लड़के उपलब्ध कराने को कहा और राजू पटेल से उसकी बात भी कराई। जिसके बाद राजू पटेल ने उसे प्रति अभ्यर्थी 50 हजार रुपये देने को कहा। इसके बाद आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर कुछ लोगों से राजू पटेल का संपर्क भी कराया। 

 

अफसरों के मुताबिक पूछताछ में राहुल ने यह भी खुलासा किया है कि भर्ती के नाम पर जिन युवकों से डील फाइनल होती थी, उनसे 20 से 30 लाख रुपये तय किए जाते थे। उससे उसे कमीशन मिलता था। पिछले साल सितंबर माह में लोगों से करीब 27 लाख रुपये ठगे गए थे। पैसे वसूलने के बाद आरोपी युवाओं को फर्जी ज्वाइनिंग लेटर देकर गुमराह करते थे और जब ऐसे युवा नौकरी लगने की खुशी में सेना भर्ती कार्यालयों में संपर्क करते थे तो उन्हें सच्चाई का पता चलता था कि उनके साथ ठगी हुई है। 

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एसटीएफ अफसरों ने बताया कि आरोपी पैसे मांगने वाले पीड़ित को काफी समय तक गुमराह करते थे और फिर मारपीट और जान से मारने की धमकी देते थे। मेरठ समेत अन्य जिलों में युवाओं का फर्जी मेडिकल और बायोमेट्रिक टेस्ट भी कराया जाता था, ताकि युवा गुमराह हो जाएं। 

 

पूछताछ में आरोपी ने यह भी खुलासा किया है कि एडमिट कार्ड और चयन सूची फर्जी है। सुमित ने चयनित लोगों का एक-एक सेट बुलाकर उन्हें देने को कहा था। इसी वजह से वह आया था और फिर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। एसटीएफ के मुताबिक आरोपी के खिलाफ मेरठ के सदर बाजार थाने में मुकदमा दर्ज कर उसे थाने के हवाले कर दिया गया है।

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