मेरठ CCSU का बड़ा फैसला: 10 कोर्स पर ताला, भूगोल की पढ़ाई का अंदाज़ बदलेगा!
मेरठ: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय कैंपस में हुआ अहम मंथन, कम छात्रों वाले कोर्स बंद, 15 शोधार्थियों को मिलेगी पीएचडी उपाधि
May 15, 2025, 14:04 IST
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मेरठ: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (सीसीएसयू) प्रशासन ने शैक्षणिक ढांचे में बदलाव और छात्रहित को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में हुई ऑनलाइन एकेडमिक काउंसिल की बैठक में उन 10 कोर्सों को बंद करने का अहम फैसला लिया गया, जिनमें पिछले तीन सालों से छात्रों की संख्या 10 से भी कम रह गई थी। यह कदम शासन के निर्देशों के अनुपालन में उठाया गया है।READ ALSO:-मेरठ: 'सब्जी मंडी' में जुए का अड्डा! SP सिटी की टीम ने मारा छापा, BJP नेता फरार, 13 रंगे हाथ गिरफ्तार
इन कोर्सों पर लगा विराम:
विश्वविद्यालय द्वारा बंद किए गए कोर्सों में विभिन्न क्षेत्रों के पाठ्यक्रम शामिल हैं, जो छात्र संख्या की कमी का सामना कर रहे थे:
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बैचलर इन सिनेमैटोग्राफी
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सर्टिफिकेट कोर्स इन उर्दू कंपोजिंग
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सर्टिफिकेट इन मोबाइल जर्नलिज्म
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एमएससी होम साइंस (ह्यूमन डेवलपमेंट)
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पीजी डिप्लोमा इन फिल्म प्रोडक्शन
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पीजी डिप्लोमा इन पब्लिक हेल्थ
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पीजी डिप्लोमा इन टूरिज्म एंड होटेलियरिंग
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एमए मास मीडिया (उर्दू)
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एमएफए फैशन डिजाइन
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एमएफए टेक्सटाइल डिजाइन
भूगोल के पाठ्यक्रमों में बदलाव:
एकेडमिक काउंसिल में केवल कोर्स बंद करने का ही नहीं, बल्कि मौजूदा पाठ्यक्रमों को सुव्यवस्थित करने का भी निर्णय हुआ। इसके तहत, कैंपस के भूगोल विभाग में संचालित बीए और बीएससी भूगोल कोर्सों को अब 'बीए ऑनर्स भूगोल' के रूप में एकीकृत कर दिया गया है। इसी प्रकार, एमए और एमएससी भूगोल पाठ्यक्रमों को मिलाकर अब उन्हें 'एमए भूगोल' नाम से जाना जाएगा। इस बदलाव का उद्देश्य भूगोल विषय की पढ़ाई को और अधिक केंद्रित और आधुनिक बनाना है।
नए सिलेबस को मंजूरी, शोधार्थियों को खुशखबरी:
बैठक में विभिन्न विभागों के बोर्ड ऑफ स्टडीज द्वारा तैयार की गई नई पाठ्यक्रम संरचनाओं (सिलेबस) को भी एकेडमिक काउंसिल द्वारा अनुमोदित कर दिया गया। इन नए सिलेबस के आधार पर आगामी सत्रों से पढ़ाई कराई जाएगी।
एकेडमिक काउंसिल की बैठक के तत्काल बाद आयोजित कार्य परिषद की बैठक में एकेडमिक काउंसिल के सभी निर्णयों की पुष्टि की गई। इसके अतिरिक्त, कार्य परिषद ने 15 शोध छात्रों को उनके सफल शोध कार्य के लिए पीएचडी (डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी) की उपाधि प्रदान करने का भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया। यह शोधार्थियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है और उनके अकादमिक सफर की महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
बैठक में इनकी रही उपस्थिति:
ऑनलाइन आयोजित हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला के साथ प्रति कुलपति प्रोफेसर मृदुल कुमार गुप्ता, कुलसचिव धीरेंद्र कुमार वर्मा, वित्त अधिकारी रमेश चंद्र, कार्य परिषद सदस्यगण, मां शाकंभरी विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर वाई विमला, प्रोफेसर हरिभाऊ खांडेकर, डॉक्टर शैलेंद्र जायसवाल, प्रोफेसर बीरपाल सिंह, प्रोफेसर अतवीर सिंह, प्रोफेसर राकेश कुमार शर्मा, प्रोफेसर संजय कुमार, प्रोफेसर संजीव कुमार, डॉक्टर नाजिया तरन्नुम और मीडिया सेल सदस्य मितेंद्र कुमार गुप्ता सहित एकेडमिक काउंसिल और कार्य परिषद के कई अन्य सदस्यगण भी मौजूद रहे। विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि इन निर्णयों से शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार होगा और छात्र-छात्राओं को बेहतर शैक्षणिक अवसर प्राप्त होंगे।
