मेरठ का हैरान करने वाला मामला: मौलाना की बीवी ने देवर से किया निकाह, फिर पति के सामने रखी ऐसी शर्त कि सब रह गए दंग!
👉 मेरठ की चौंकाने वाली घटना: दाढ़ी और मर्दानगी पर सवाल, देवर संग कोर्ट मैरिज और पति से खुलेआम मेहर की डिमांड
May 2, 2025, 11:30 IST
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मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर से एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने रिश्तों की पेचीदगी और सामाजिक मान्यताओं को लेकर नई बहस छेड़ दी है। लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र में एक मौलाना की पत्नी अपने ही देवर के साथ घर छोड़कर भाग गई, तीन महीने बाद कोर्ट मैरिज कर लौटी, और फिर पति के सामने एक ऐसी शर्त रख दी, जिसे सुनकर पुलिसकर्मी भी सकते में आ गए।READ ALSO:-उत्तर प्रदेश में कुदरत का बदला रंग: झमाझम बारिश, आंधी और गरज ने गर्मी से दी राहत, राहत के साथ आफत भी लाई मौसम की करवट!
दाढ़ी नापसंद या कुछ और? शादी के एक महीने बाद देवर संग फरार
यह कहानी शुरू होती है उज्जवल गार्डन कॉलोनी निवासी मौलाना शाकिर और इंचौली की अर्शी के निकाह से, जो करीब 4 महीने पहले हुआ था। शाकिर का कहना है कि निकाह के कुछ ही समय बाद से उनकी पत्नी अर्शी ने उनके प्रति अजीब व्यवहार करना शुरू कर दिया था। शाकिर के अनुसार, अर्शी को उनकी दाढ़ी बिल्कुल पसंद नहीं थी और वह लगातार उन्हें दाढ़ी कटवाने के लिए दबाव बना रही थी। बात यहां तक पहुंच गई थी कि दाढ़ी की वजह से अर्शी ने शाकिर को खुद को छूने तक नहीं दिया और निकाह की रात से ही उनसे दूरी बनाए रखी। जब शाकिर ने पूछा कि अगर दाढ़ी से इतनी दिक्कत थी तो निकाह से पहले क्यों नहीं बताया, तो अर्शी ने कहा कि उसने घरवालों के दबाव में शादी की है और अगर शाकिर के साथ रहना है तो उन्हें दाढ़ी हटानी पड़ेगी या फिर उसे तलाक दे दें।
इस खींचतान के बीच, निकाह के महज एक महीने बाद, अर्शी अपने पति शाकिर के छोटे भाई साबिर के साथ अचानक घर छोड़कर भाग गई। शाकिर ने अपनी रिश्तेदारी और कई जगहों पर पत्नी को तीन महीने तक तलाश किया, शिकायतें भी कीं, लेकिन दोनों का कोई सुराग नहीं मिला। उनके फोन भी बंद आ रहे थे।
शाकिर ने बताया कि उनके पिता का 18 साल पहले इंतकाल हो चुका है और घर में सिर्फ उनकी मानसिक रूप से कमजोर मां सकीना और छोटा भाई साबिर ही रहते थे। शाकिर दिनभर काम पर बाहर रहते थे, ऐसे में अर्शी और साबिर अक्सर घर में अकेले होते थे। शाकिर का मानना है कि इसी दौरान अर्शी और जिम पार्ट्स बनाने का काम करने वाले साबिर के बीच नजदीकियां बढ़ीं और वे घर से भाग गए।
तीन महीने बाद 'देवर की बीवी' बनकर लौटी अर्शी, घर पहुंचते ही मचा बवाल
घर से भागने के ठीक तीन महीने बाद, 30 अप्रैल को अर्शी अचानक अपने देवर साबिर के साथ वापस शाकिर के घर लौट आई। घर लौटते ही उसने सीधे मौलाना पति शाकिर से तलाक की मांग रख दी। अर्शी ने बिना किसी झिझक के बताया कि मौलाना पति शारीरिक रूप से कमजोर हैं और उन्हें उनकी मर्दानगी पर शक था, इसलिए उसे देवर साबिर से मोहब्बत हो गई और वह उसके साथ फरार हो गई।
अर्शी और साबिर की वापसी और तलाक की मांग पर घर में जमकर बवाल मचा। स्थिति बिगड़ता देख मौलाना शाकिर ने तत्काल पुलिस की डायल 112 सेवा को कॉल कर मौके पर बुलाया।
थाने में 'हाई वोल्टेज ड्रामा': देवर पर अड़ी पत्नी, मौलाना बोले- मुझे दाढ़ी है प्यारी
पुलिस मौके पर पहुंची और तीनों (अर्शी, साबिर और शाकिर) को लिसाड़ी गेट थाना ले गई। थाने में भी अर्शी अपने फैसले पर अडिग रही। उसने पुलिस के सामने साफ कहा कि वह मौलाना पति के साथ बिल्कुल नहीं रहना चाहती और सिर्फ देवर साबिर के साथ ही रहेगी। अर्शी ने खुलासा किया कि वह घर से भागने के करीब एक महीने बाद ही देवर साबिर से कोर्ट मैरिज कर चुकी है। साबिर ने भी अर्शी के साथ रहने की बात की पुष्टि की।
थाने में घंटों तक यह हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा। पुलिस और अन्य लोगों ने समझाने बुझाने की कोशिश की, लेकिन अर्शी अपने देवर के साथ रहने की जिद पर अड़ी रही। आखिरकार, मौलाना शाकिर ने भी हार मान ली। उन्होंने कहा कि "मुझे पत्नी से ज्यादा जरूरी मेरी दाढ़ी है।" इस बयान के साथ, शाकिर ने अर्शी को तलाक देने पर सहमति दे दी।
ढाई लाख मेहर और 'सामने रहने' की अजीब शर्त
तलाक पर सहमति बनने के बाद, अर्शी ने मेहर की रकम का मुद्दा उठाया, जिसने सबको चौंका दिया। अर्शी ने कहा कि निकाह के दौरान वह मेहर के तौर पर 5 लाख रुपए लेकर आई थी और अब उसे इसमें से ढाई लाख रुपए वापस चाहिए। इसके साथ ही उसने एक अजीबोगरीब शर्त भी रखी: अगर उसे ढाई लाख रुपए मिल जाते हैं, तो वह अपने देवर और अब कोर्ट मैरिज वाले पति साबिर के साथ चली जाएगी। लेकिन, अगर उसे पैसे नहीं मिले, तो वह मौलाना पति शाकिर के सामने, उसी घर में अपने कोर्ट मैरिज वाले पति साबिर के साथ ही रहेगी।
मकान बेचकर मेहर देने पर बनी सहमति, खत्म हुआ 'तलाक-ए-बबाल'
अर्शी की इस चौंकाने वाली शर्त पर मौलाना शाकिर ने विचार किया। उन्होंने कहा कि जिस मकान में वे रहते हैं, उसमें उनका और उनके भाई साबिर दोनों का हिस्सा है। उन्होंने अर्शी की ढाई लाख रुपए की मांग मानते हुए कहा कि वह अपने हिस्से का मकान बेचकर अर्शी को मेहर के ढाई लाख रुपए दे देंगे। अर्शी इस प्रस्ताव पर राजी हो गई।
दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति बनने के बाद थाने में सभी के सामने मौलाना शाकिर ने अर्शी को 'तीन तलाक' दे दिया। मेहर की रकम का फैसला होने और तलाक होने के बाद, अर्शी अपने देवर और कोर्ट मैरिज वाले पति साबिर के साथ अपने मायके के लिए रवाना हो गई। इस तरह, दाढ़ी, 'कमजोरी', मोहब्बत और मेहर की रकम से जुड़ा यह पेचीदा पारिवारिक विवाद पुलिस थाने में एक नाटकीय अंजाम तक पहुंचा।
