मेरठ : GST अधिकारियों के खिलाफ रिश्वत का केस, सुपरिंटेंडेंट और इंस्पेक्टर ने कारोबारी से मांगे थे 50 लाख, 1 लाख लेते ड्राइवर गिरफ्तार

मेरठ में केंद्रीय जीएसटी कार्यालय के दो अधिकारियों, अधीक्षक आफताब सिंह और इंस्पेक्टर विकास सिंह पर एक कारोबारी से रिश्वत लेने का आरोप लगा है। सीबीआई ने इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है और दोनों अधिकारी फरार हैं।
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मेरठ में केंद्रीय जीएसटी कार्यालय का बड़ा घोटाला सामने आया है। सीबीआई ने जीएसटी अधीक्षक आफताब और इंस्पेक्टर विकास सिंह के खिलाफ रिश्वत लेने का मामला दर्ज किया है। दोनों अफसरों ने होम केयर सॉल्यूशन फर्म में कथित अनियमितताएं दिखाकर मालिक से 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। READ ALSO:-मेरठ : सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की बेटी अदिति ने की घुड़सवारी, 73.61 सेकंड में राउंड क्वालिफाई किया, हिप्पी घोड़े पर सवार हुईं

 

पीड़ित कारोबारी अनिल राघव ने बताया कि जब उनकी फर्म ने जनवरी में खरीद-बिक्री का बिल जमा किया तो अफसरों ने अनियमितताएं बताते हुए 50 लाख रुपये मांगे। बातचीत के बाद रकम 2 लाख रुपये तय हुई, जिसकी पहली किस्त 1 लाख रुपये तय हुई। राघव ने इसकी शिकायत सीबीआई से की। 

 

सीबीआई की टीम ने जाल बिछाया और बुधवार को कार्रवाई की। राघव जब पैसे देने पहुंचा तो अधीक्षक आफताब ने अपने ड्राइवर सचिन को रिश्वत लेने के लिए भेज दिया। सीबीआई ने सचिन को 1 लाख रुपये लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान आफताब और विकास सिंह पिछले दरवाजे से भाग निकले और अपने मोबाइल भी बंद कर लिए। 

 

सीबीआई ने आरोपी अफसरों के घर दबिश दी, लेकिन वे नहीं मिले। जांच एजेंसी ने अब दोनों अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कर लिया है और उनकी तलाश जारी है।

 

घटना के निहितार्थ:
  • भ्रष्टाचार: यह घटना सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार की गंभीर समस्या को उजागर करती है।
  • व्यवसायियों पर बोझ: इस तरह के कृत्यों से व्यापारियों पर बोझ बढ़ता है और व्यापार वातावरण खराब होता है।
  • अविश्वास: इस तरह की घटनाओं से लोगों का सरकार और सरकारी अधिकारियों पर विश्वास कम होता है।
  • कानून व्यवस्था: यह घटना कानून व्यवस्था के लिए एक चुनौती है।

 

इस घटना से हम क्या सीख सकते हैं:
  • भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई: हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई तेज करनी होगी।
  • पारदर्शिता: सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लानी होगी।
  • जवाबदेही: भ्रष्ट अधिकारियों को दंडित किया जाना चाहिए।
  • जागरूकता: लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूक किया जाना चाहिए।

 

इस घटना से क्या किया जाना चाहिए:
  • कठोर कार्रवाई: दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
  • जांच: इस मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए और दोषी पाए गए सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
  • पारदर्शिता: सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लानी होगी।
  • जागरूकता अभियान: लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जाने चाहिए।

 

यह घटना हमें यह भी याद दिलाती है कि हमें अपने आसपास हो रही घटनाओं के प्रति सजग रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना पुलिस को देनी चाहिए।
SONU

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