मेरठ में भाजपा नेता की बेटी पर गिरफ्तारी की तलवार: मेडिकल कॉलेज में सीट आवंटन में गड़बड़ी में डॉ. शिवानी अग्रवाल समेत 35 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
फर्जी फैकल्टी, काल्पनिक मरीज, बायोमेट्रिक में छेड़छाड़… मेडिकल सीट बढ़ाने के लिए रची गई पूरी स्क्रिप्ट! अब CBI की जांच में बेनकाब
Updated: Jul 4, 2025, 16:06 IST
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मेरठ, उत्तर प्रदेश: मेरठ की पूर्व एमएलसी (विधान परिषद सदस्य) और कद्दावर भाजपा नेता डॉ. सरोजनी अग्रवाल की बेटी शिवानी अग्रवाल अब कानूनी शिकंजे में फंसती नजर आ रही हैं। उनके द्वारा संचालित खरखौदा स्थित एनसीआर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में सीट आवंटन और कॉलेज के संचालन में भारी गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है। इस गंभीर मामले में सीबीआई ने शिवानी अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी की संभावना तेज हो गई है।READ ALSO:-वर्दी और दफ्तर की आड़ में 'शौक' का अपराध! मेरठ में पुलिस कांस्टेबल और DM ऑफिस में कर्मचारी के बेटे निकले लुटेरे
50 सीटों का झूठा दावा: NMC की जांच में खुली पोल
पूर्व एमएलसी के इस मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 50 अतिरिक्त सीटें बढ़ाने के लिए कॉलेज प्रशासन ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) में आवेदन किया था। जबकि वास्तविकता यह है कि कॉलेज में पहले से ही 150 सीटें हैं। जब एनएमसी की टीम निरीक्षण के लिए कॉलेज पहुंची, तो वहां आवेदन में किए गए दावों और जमीनी हकीकत में भारी अंतर पाया गया।
पूर्व एमएलसी के इस मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 50 अतिरिक्त सीटें बढ़ाने के लिए कॉलेज प्रशासन ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) में आवेदन किया था। जबकि वास्तविकता यह है कि कॉलेज में पहले से ही 150 सीटें हैं। जब एनएमसी की टीम निरीक्षण के लिए कॉलेज पहुंची, तो वहां आवेदन में किए गए दावों और जमीनी हकीकत में भारी अंतर पाया गया।
जांच में सामने आया कि 50 सीटें बढ़ाने के लिए कॉलेज ने फर्जी फैकल्टी का ब्यौरा दिया था। इतना ही नहीं, मनगढ़ंत रोगियों की संख्या दिखाकर भी धोखाधड़ी की गई। काल्पनिक रोगियों का फैकल्टी से इलाज तक दर्शाया गया था। हद तो तब हो गई, जब फैकल्टी की उपस्थिति दिखाने के लिए कॉलेज के बायोमेट्रिक सिस्टम से भी छेड़छाड़ की गई।
CBI की ताबड़तोड़ कार्रवाई: घर और कॉलेज पर छापेमारी, दस्तावेजों की छानबीन जारी
इस पूरे गोरखधंधे की शुरुआती जांच के बाद सीबीआई ने डॉ. शिवानी अग्रवाल को मुख्य आरोपी बनाते हुए 35 अन्य लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज किया। इसके बाद, सीबीआई की टीमों ने मंगलवार को डॉ. शिवानी अग्रवाल के आवास और एनसीआर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज पर अचानक छापेमारी की। टीम ने वहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनकी गहन पड़ताल की जा रही है। माना जा रहा है कि इन दस्तावेजों से फर्जीवाड़े की और भी परतें खुल सकती हैं।
इस पूरे गोरखधंधे की शुरुआती जांच के बाद सीबीआई ने डॉ. शिवानी अग्रवाल को मुख्य आरोपी बनाते हुए 35 अन्य लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज किया। इसके बाद, सीबीआई की टीमों ने मंगलवार को डॉ. शिवानी अग्रवाल के आवास और एनसीआर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज पर अचानक छापेमारी की। टीम ने वहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनकी गहन पड़ताल की जा रही है। माना जा रहा है कि इन दस्तावेजों से फर्जीवाड़े की और भी परतें खुल सकती हैं।
बचाव की कोशिशें तेज: लखनऊ तक लग रहे हैं फोन, कानूनी सलाह जारी
बेटी शिवानी पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बाद भाजपा नेत्री डॉ. सरोजनी अग्रवाल अपने बचाव के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। वह सीधे लखनऊ में अपने राजनीतिक संपर्कों को सक्रिय कर रही हैं और एक नामी वकील की तलाश में भी जुटी हैं। इसके साथ ही, दर्ज किए गए मुकदमे के खिलाफ सबूत और बचाव के रास्ते तलाशे जा रहे हैं। डॉ. शिवानी अग्रवाल और डॉ. सरोजिनी अग्रवाल ने अपने कानूनी सलाहकारों से लगातार विधिक राय लेनी शुरू कर दी है और उन्हें एफआईआर की कॉपी भी भेज दी गई है।
बेटी शिवानी पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बाद भाजपा नेत्री डॉ. सरोजनी अग्रवाल अपने बचाव के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। वह सीधे लखनऊ में अपने राजनीतिक संपर्कों को सक्रिय कर रही हैं और एक नामी वकील की तलाश में भी जुटी हैं। इसके साथ ही, दर्ज किए गए मुकदमे के खिलाफ सबूत और बचाव के रास्ते तलाशे जा रहे हैं। डॉ. शिवानी अग्रवाल और डॉ. सरोजिनी अग्रवाल ने अपने कानूनी सलाहकारों से लगातार विधिक राय लेनी शुरू कर दी है और उन्हें एफआईआर की कॉपी भी भेज दी गई है।
कार्रवाई के डर से कॉलेज से गायब शिवानी अग्रवाल!
मुकदमा दर्ज होने के बाद डॉ. शिवानी अग्रवाल सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आ रही हैं। गुरुवार को वह मेडिकल कॉलेज भी नहीं पहुंचीं, जबकि कॉलेज का कामकाज अन्य दिनों की तरह सामान्य रूप से चलता रहा। सीबीआई द्वारा 30 जून को एफआईआर दर्ज किए जाने के अगले दिन (बुधवार) डॉ. शिवानी अग्रवाल सहित कॉलेज के सभी स्टाफ सदस्य उपस्थित थे, लेकिन गुरुवार को उनकी अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या गिरफ्तारी के डर से उन्होंने कॉलेज से दूरी बना ली है?
मुकदमा दर्ज होने के बाद डॉ. शिवानी अग्रवाल सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आ रही हैं। गुरुवार को वह मेडिकल कॉलेज भी नहीं पहुंचीं, जबकि कॉलेज का कामकाज अन्य दिनों की तरह सामान्य रूप से चलता रहा। सीबीआई द्वारा 30 जून को एफआईआर दर्ज किए जाने के अगले दिन (बुधवार) डॉ. शिवानी अग्रवाल सहित कॉलेज के सभी स्टाफ सदस्य उपस्थित थे, लेकिन गुरुवार को उनकी अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या गिरफ्तारी के डर से उन्होंने कॉलेज से दूरी बना ली है?
मेरठ के इस बड़े मेडिकल कॉलेज घोटाले में सीबीआई की जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है और क्या कुछ और बड़े नाम भी सामने आते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा। फिलहाल, डॉ. शिवानी अग्रवाल पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है।
