Meerut: आबूलेन व्यापार संघ चुनाव विवाद गहराया: वोटर लिस्ट में हेरफेर के गंभीर आरोप, चुनाव निष्पक्षता पर सवाल
मेरठ: अध्यक्ष पद के प्रत्याशी प्रदीप गुप्ता ने निवर्तमान टीम पर लगाए फर्जी वोट बनवाने और नाम हटाने के आरोप, डीएम से निष्पक्ष चुनाव कराने की गुहार; संघ दो फाड़
Apr 29, 2025, 10:24 IST
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मेरठ: शहर के प्रमुख बाजारों में से एक, आबूलेन व्यापार संघ का चुनाव विवादों में घिर गया है। 1 आगामी 30 अप्रैल को होने वाले चुनाव से पहले, अध्यक्ष पद के प्रत्याशी प्रदीप गुप्ता ने निवर्तमान अध्यक्ष आकाश खन्ना और उनकी टीम पर वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर धांधली करने के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए हैं।READ ALSO:- Bijnor: किरतपुर के बुड़गरी गाँव में युवक की गोली मारकर हत्या, इलाके में सनसनी
प्रदीप गुप्ता का दावा है कि व्यापार संघ की मतदाता सूची में लगभग 30 फर्जी वोटों को शामिल किया गया है। इसके साथ ही, उन्होंने आरोप लगाया है कि लगभग 40 योग्य और सक्रिय व्यापारियों के नाम बिना किसी ठोस कारण बताए वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं। गुप्ता ने यह भी बताया कि कुछ प्रतिष्ठित फर्मों के वास्तविक मालिकों के नाम हटाकर, उनके यहाँ काम करने वाले कर्मचारियों को बिना नियमानुसार सदस्यता शुल्क जमा कराए ही संघ का सदस्य बना लिया गया है, जिसका उद्देश्य कथित तौर पर चुनावी लाभ लेना है।
आबूलेन व्यापार संघ में पिछले करीब 25 वर्षों से स्वर्गीय नरेंद्र सिंह, आकाश खन्ना और गौरव साइट का दबदबा रहा है। जानकारी के अनुसार, पांच साल पहले लगभग 150 व्यापारियों ने एकजुट होकर नेतृत्व से या तो अपने पद छोड़ने या फिर लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव कराने की मांग करते हुए एक पत्र सौंपा था। इसके बाद कई बार चुनाव कराने की घोषणाएं की गईं, लेकिन विभिन्न कारणों से चुनाव टाले जाते रहे।
वर्तमान चुनाव के लिए 30 अप्रैल की तिथि निर्धारित की गई है। प्रदीप गुप्ता ने वोटर लिस्ट में कथित हेरफेर और अन्य अनियमितताओं के संबंध में आधिकारिक रूप से चुनाव अधिकारी से शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन उनका आरोप है कि उनकी शिकायतों पर कोई अपेक्षित कार्रवाई नहीं हुई। चुनाव अधिकारी द्वारा सुनवाई न होने के बाद, प्रदीप गुप्ता ने अब इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए जिलाधिकारी डॉ. वीके सिंह का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की है कि चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए किसी प्रशासनिक अधिकारी को चुनाव अधिकारी नियुक्त किया जाए और मतदाता सूची में लगाए गए आरोपों के आधार पर आवश्यक संशोधन किए जाएं।
इस पूरे विवाद के बीच, आबूलेन व्यापार संघ में आंतरिक कलह और विभाजन भी खुलकर सामने आ गया है। बताया जा रहा है कि व्यापारियों का एक गुट मौजूदा चुनाव प्रक्रिया से असंतुष्ट होकर अलग हो गया है और उसने अपने स्तर पर ही पदाधिकारियों का चुनाव करने का दावा किया है। हालांकि, दूसरे गुट ने इस तरह की समानांतर चुनावी गतिविधि को अवैधानिक करार दिया है। वहीं, निवर्तमान अध्यक्ष आकाश खन्ना के गुट ने प्रदीप गुप्ता द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उनका कहना है कि वोटर लिस्ट पारदर्शिता के साथ तैयार की गई है और सभी आरोप हार के डर से लगाए जा रहे हैं।
फिलहाल, 30 अप्रैल को होने वाले चुनाव के लिए अध्यक्ष पद पर आकाश खन्ना और प्रदीप कुमार गुप्ता के बीच सीधा मुकाबला तय है। अन्य पदों के लिए भी चुनावी सरगर्मी तेज है, हालांकि मीडिया प्रभारी पद पर सचिन रस्तोगी निर्विरोध चुने जा चुके हैं। जिलाधिकारी के हस्तक्षेप की मांग और संघ के भीतर बढ़ते मतभेद ने आबूलेन व्यापार संघ के चुनाव को एक अत्यंत संवेदनशील मोड़ पर ला दिया है, जिस पर पूरे व्यापारी समुदाय की निगाहें टिकी हुई हैं।
