मेरठ: कैंसर पीड़ित पति के इलाज के लिए मां ने कलेजे के टुकड़े को बेचा, पुलिस ने बचाया बच्चा, पड़ोसी और एजेंट गिरफ्तार

 हापुड़ की महिला ने तीन माह के बेटे का डेढ़ लाख में किया सौदा, पड़ोसी और एजेंट गिरफ्तार, खरीदार फरार, गरीबी और बेबसी की मार्मिक कहानी।
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मेरठ: मेरठ में मानवता को झकझोर देने वाली एक घटना सामने आई है। वक्त की क्रूर परीक्षा में फंसी एक मां ने अपने कैंसर से जूझ रहे पति की जान बचाने के लिए अपने तीन महीने के मासूम बेटे को डेढ़ लाख रुपये में बेचने का कठोर निर्णय ले लिया। गरीबी और बेबसी की इस मार्मिक कहानी में पुलिस ने हस्तक्षेप कर बच्चे को बिकने से बचा लिया है और इस मामले में एक एजेंट और एक पड़ोसी महिला को गिरफ्तार किया है, जबकि बच्चे को खरीदने वाली महिला फरार हो गई है।READ ALSO:-मेरठ: घरेलू कलह में पत्नी की हैवानियत, पति को दांतों से काटा, सौरभ हत्याकांड की तरह ड्रम में भरने की दी धमकी

 

कैंसर से पीड़ित पति, बेबस पत्नी:
यह दुखद कहानी हापुड़ के रहने वाले सुभाष और उनकी पत्नी नीलम की है। सुभाष पिछले डेढ़ साल से मुंह के कैंसर से पीड़ित हैं। नीलम और सुभाष के तीन बच्चे हैं, जिनमें सबसे छोटा बच्चा महज तीन महीने का है। आर्थिक रूप से कमजोर नीलम के पास अपने पति के इलाज के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे।

 

पड़ोसी ने दिया बच्चे को बेचने का लालच:
ऐसे मुश्किल समय में नीलम की पड़ोसी कुसुम ने उसे उसके तीन महीने के बच्चे को डेढ़ लाख रुपये में बिकवाने का लालच दिया। कुसुम ने नीलम की मुलाकात अमित नाम के एक एजेंट से करवाई। अमित ने नीलम और सोनिया नामक एक महिला के बीच डेढ़ लाख रुपये में बच्चे का सौदा तय करा दिया।

 

ट्रैफिक पुलिस के सिपाही ने सुनी बातचीत:
सोमवार की शाम नीलम अपनी तीन महीने की मासूम जान को गोद में लेकर रोती हुई मेरठ के बिजली बंबा बाईपास स्थित जुर्रानपुर फाटक पहुंची। वहां एजेंट अमित मोबाइल फोन पर सोनिया से जल्द पहुंचने की बात कर रहा था। इसी दौरान वहां मौजूद यातायात पुलिस के एक सिपाही ने उनकी बातचीत सुन ली। सिपाही को संदेह हुआ और उसने तुरंत लोहियानगर थाने के इंस्पेक्टर विष्णु गौतम को इस संदिग्ध सौदे की सूचना दी।

 

पुलिस ने किया हस्तक्षेप, खरीदार फरार:
सूचना मिलते ही लोहियानगर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और नीलम, कुसुम और एजेंट अमित को बच्चे के साथ हिरासत में ले लिया। हालांकि, बच्चे को खरीदने आई सोनिया अपनी कार में बैठकर मौके से फरार होने में सफल रही।

 

मां ने बताई अपनी मजबूरी:
पुलिस हिरासत में नीलम ने बताया कि वह अपने कैंसर पीड़ित पति का इलाज कराने के लिए मजबूर होकर अपने कलेजे के टुकड़े को बेचने जा रही थी। उसने अपनी गरीबी और बेबसी का हवाला देते हुए बताया कि उसके पास कोई और चारा नहीं बचा था।

 

पुलिस खंगाल रही तस्करी के तार:
इस घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अब बच्चे की तस्करी के संभावित नेटवर्क की भी जांच कर रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह में और कितने लोग शामिल हैं और क्या यह लोग पहले भी इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं।

 

खरीदार महिला की तलाश जारी:
एसएसपी डॉक्टर विपिन ताडा ने इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि तीन महीने के बच्चे का सौदा करने वाली महिला और उसे बिकवाने वाले दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की जा रही है। उन्होंने बताया कि फरार खरीदार महिला सोनिया की धरपकड़ के लिए पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। एसएसपी ने यह भी बताया कि हापुड़ का यह परिवार बच्चे को बेचने के लिए मेरठ आया था और पुलिस सोनिया को गिरफ्तार कर इस पूरे गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

 

यह घटना समाज में व्याप्त गरीबी और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को उजागर करती है, जहां एक मां को अपने बच्चे की जान दांव पर लगाकर अपने पति की जान बचाने की कोशिश करनी पड़ी। पुलिस फिलहाल मामले की तह तक जाने के लिए जांच में जुटी है और बच्चे को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है।

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