मेरठ : पिता-पुत्र ने दो दोस्तों से 40 लाख रुपए ठगे, फर्जी पार्टनरशिप डीड तैयार कर उसे अपना खनन पट्टा बताया, रिपोर्ट दर्ज
Feb 9, 2025, 16:38 IST
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मेरठ के भावनपुर थाना क्षेत्र में पिता-पुत्र ने खनन कार्य में साझेदारी का लालच देकर दो दोस्तों से 40 लाख रुपये ठग लिए। ठगी की जानकारी होने पर भावनपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। अब्दुल्लापुर गांव के मोहम्मद शाकिर ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि वह गंगानगर निवासी दिनेश तोमर को जानता था। READ ALSO:-UP : बेहद शर्मनाक; 18 वर्षीय बेटी को घर में अकेली देख हैवान पिता ने अपनी ही बेटी को बना डाला अपनी हवस का शिकार
- विश्वासघात: पीड़ितों ने दिनेश तोमर पर पूरा भरोसा किया था लेकिन वह उनके साथ धोखाधड़ी कर बैठा।
- फर्जीवाड़ा: दिनेश तोमर ने फर्जी दस्तावेज तैयार करके लोगों को ठगा।
- कानूनी कार्रवाई: पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।
- समाज में जागरूकता: लोगों को ऐसे ठगी के मामलों से सावधान रहने की जरूरत है।
दिनेश तोमर इन दिनों मंगलपांडे नगर में रहता है। दिनेश तोमर ने बताया था कि उसकी टैग-आर इंटरनेशनल नाम से फर्म है। फतेहपुर की एक कंपनी ने शामली में खनन पट्टे का ठेका लिया है। उसकी फर्म यह काम कर रही है। उसने कहा था कि पैसा लगाने पर वह तीन लाख रुपये प्रतिमाह देगा।
उसने कहा कि वह उसे फर्म में पांच प्रतिशत का पार्टनर बना देगा। उससे कहा गया कि कम से कम 25 से 30 लाख रुपये लगाने होंगे। उसकी बातों पर विश्वास करके मोहम्मद शाकिर ने शास्त्रीनगर निवासी अपने पार्टनर रईस उल हसन से बात की। दिनेश तोमर दोनों को शामली ले गया और खनन का काम दिखाया। दोनों पार्टनरशिप के लिए राजी हो गए।
फर्जी पार्टनरशिप डीड तैयार की
पार्टनरशिप डीड मार्च 2024 में लिखी गई। रईस उल हसन ने 15 लाख और मोहम्मद शाकिर ने 10 लाख दिनेश तोमर और उसके बेटे निशांत तोमर को दिए। रईस उल हसन ने उसे 15 लाख रुपये दे भी दिए, जब मुनाफा नहीं मिला तो पीड़ितों ने शामली जाकर पता किया।
पार्टनरशिप डीड मार्च 2024 में लिखी गई। रईस उल हसन ने 15 लाख और मोहम्मद शाकिर ने 10 लाख दिनेश तोमर और उसके बेटे निशांत तोमर को दिए। रईस उल हसन ने उसे 15 लाख रुपये दे भी दिए, जब मुनाफा नहीं मिला तो पीड़ितों ने शामली जाकर पता किया।
पता चला कि दिनेश तोमर का कोई खनन का कारोबार नहीं है। आरोप है कि उसने झूठ बोलकर पैसे हड़पने की नीयत से फर्जी पार्टनरशिप डीड तैयार की थी। उन्होंने दिनेश तोमर से संपर्क किया तो उसने जल्द ही पैसे लौटाने का भरोसा दिया। उसने 7.50 लाख रुपये के दो चेक दिए।
जब वे चेक बैंक में जमा करने गए तो पता चला कि वे काफी पुराने हो चुके हैं। बैंक अब पुराने चेक स्वीकार नहीं करता। दिनेश तोमर ने इस तरह से कई लोगों से ठगी की है। उसके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। पैसे मांगने पर आरोपी धमकी दे रहे हैं। सीओ सदर देहात नवीना शुक्ला का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
इस मामले में क्या किया जाना चाहिए:
- कानून का सख्त पालन: ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कानून बनाए जाने चाहिए जो धोखाधड़ी करते हैं।
- जागरूकता अभियान: लोगों को धोखाधड़ी के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जाने चाहिए।
- पुलिस की भूमिका: पुलिस को इस तरह के मामलों में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
- बैंकिंग सिस्टम में सुधार: बैंकिंग सिस्टम को और अधिक सुरक्षित बनाया जाना चाहिए ताकि लोग धोखाधड़ी का शिकार न बनें।
यह घटना हमें यह भी याद दिलाती है कि हमें अपने आसपास हो रही घटनाओं के प्रति सजग रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना पुलिस को देनी चाहिए।