मेरठ: आधे घंटे की आंधी ने शहर में मचाई तबाही, 50 से ज्यादा खंभे गिरे, पेड़ उखड़े, बिजली गुल, अवैध होर्डिंगों से बाल-बाल बचे लोग
मौसम विभाग ने जारी किया था ऑरेंज अलर्ट, नगर निगम की लापरवाही से हर साल होते हैं ऐसे हादसे; मेयर ने दिए जांच के निर्देश
Updated: Apr 19, 2025, 19:20 IST
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मेरठ: शुक्रवार देर रात शहर में आई महज 25 मिनट की तेज आंधी ने जमकर तबाही मचाई। आंधी की रफ्तार इतनी तेज थी कि शहर के विभिन्न इलाकों में 50 से अधिक बिजली के खंभे धराशाई हो गए और सैकड़ों पेड़ जड़ से उखड़ गए या उनकी शाखाएं टूट गईं। तेज हवाओं के कारण बिजली के तार टूट कर गिर गए, जिससे शहर के अधिकांश हिस्सों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई। आंधी के दौरान 10 से अधिक स्थानों पर लगे अवैध यूनीपोल और होर्डिंग भी गिर गए, जिससे राहगीर बाल-बाल बचे।READ ALSO:-मेरठ: मुकदमा वापस न लेने पर युवक के घर पर नकाबपोशों ने की फायरिंग, CCTV फुटेज SSP को सौंप कार्रवाई की मांग
मौसम का मिजाज और तबाही का मंजर
मौसम विभाग ने शुक्रवार को आंधी और बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया था और 10 मिलीमीटर तक बरसात और 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की आशंका जताई थी। पूर्वानुमान के मुताबिक ही शुक्रवार रात करीब साढ़े आठ बजे तेज हवाओं और आकाशीय बिजली के साथ बरसात शुरू हुई, जो कुछ ही देर में भीषण आंधी में बदल गई।
बिजली आपूर्ति हुई ठप, घंटों छाया अंधेरा
आंधी शुरू होते ही शहर के अधिकांश इलाकों की बिजली गुल हो गई। 33 केवी आपूर्ति बाधित होने से शताब्दी नगर, बेगमपुल, सदर, आदर्श नगर, रेलवे रोड, सूरजकुंड, सम्राट पैलेस, मंगलपांडे नगर, शास्त्रीनगर, फूलबाग, घंटाघर समेत कई प्रमुख बाजारों और रिहायशी इलाकों में अंधेरा छा गया। नौचंदी, शास्त्रीनगर, कंकरखेड़ा क्षेत्र में गोविंद पुरी और शाक्यपुरी जैसे इलाकों में बिजली आपूर्ति चार से पांच घंटे बाधित रही। मेजर ध्यानचंद नगर के कुछ हिस्सों में तो दोपहर एक बजे से ही बिजली नहीं थी जो देर रात आठ बजे के बाद तक गुल रही। बिजली गुल होने के कारण बाजारों में सन्नाटा पसर गया। कई स्थानों पर लाइन में फाल्ट होने और तारों में शार्ट सर्किट होने से भी बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई। बैनर, पोस्टर और पेड़ों की शाखाएं तारों में उलझने से भी कई घंटों तक बिजली नहीं आई।
कई स्थानों पर गिरे खंभे, पेड़ और होर्डिंग
तेज आंधी के कारण दामोदर कॉलोनी और सदर रविंद्र पुरी में बिजली के खंभे बीच सड़क पर गिर गए। व्यापारी नेता लोकेश अग्रवाल ने बताया कि न्यू मोहनपुरी में दो यूकेलिप्टिस के विशाल पेड़ उनकी दुकान पर गिर गए। नंदिनी प्लाजा, गढ़ रोड पर विशाल मेगा मार्ट के पास और रामसहाय इंटर कॉलेज के पास भी पेड़ गिरने से यातायात बाधित हुआ। बेगमपुल के पास एक अवैध यूनीपोल पुलिस बूथ पर गिर गया, जिससे बूथ क्षतिग्रस्त हो गया। तेजगढ़ी स्थित बंगाल स्वीट्स के पास भी एक यूनीपोल गिर गया। सैनिक विहार डिवाइडर रोड पर स्ट्रीट लाइट के पोल टूट कर नीचे गिर गए, जिससे दो गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हो गईं। पुलिस ने बाद में इन स्थानों पर यातायात को डायवर्ट किया।

नगर निगम की लापरवाही पर उठे सवाल
आंधी और बरसात से हर साल जर्जर पेड़ गिरने और हादसे होने की घटनाओं के बावजूद नगर निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। शहर के दिल्ली-देहरादून हाइवे, मवाना रोड, गढ़ रोड, हापुड़ रोड, विश्वविद्यालय रोड, दिल्ली रोड और बागपत रोड किनारे बड़ी संख्या में जर्जर पेड़ मौजूद हैं, जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। आंधी में इन पेड़ों के गिरने से न केवल जान-माल का खतरा होता है, बल्कि बिजली आपूर्ति भी बाधित होती है। आरोप है कि नगर निगम का उद्यान अनुभाग हर साल इस मौसम में जर्जर पेड़ों का चिह्नांकन और कटान का कार्य वन विभाग से समन्वय स्थापित कर शुरू नहीं कराता। स्थिति यह है कि जब आंधी में पेड़ गिर जाते हैं और हादसे हो जाते हैं, तब निगम अधिकारी गिरे पेड़ों की गिनती करने के लिए निकलते हैं। यदि गर्मी के मौसम की शुरुआत में ही जर्जर पेड़ों का सर्वे और कटान करा लिया जाए, तो ऐसे हादसों को रोका जा सकता है।
नगर आयुक्त ने किया निरीक्षण, दिए निर्देश
आंधी से हुए नुकसान और गिरे पेड़ों की स्थिति का जायजा लेने के लिए नगर आयुक्त सौरभ गंगवार खुद निकले। उन्होंने बताया कि जर्जर पेड़ों का चिह्नांकन वन विभाग से बात करके कराया जाएगा, क्योंकि पेड़ों को काटने की अनुमति वन विभाग से लेनी पड़ती है। उन्होंने अहमद नगर स्थित घटना स्थल का भी मुआयना किया।
बिजली विभाग की टीमें फाल्ट की सूचना मिलते ही मरम्मत कार्य के लिए मौके पर पहुँची। शताब्दी नगर, मेडिकल और मोदीपुरम से 33 केवी लाइनों में फाल्ट का पता लगाने के लिए पेट्रोलिंग भी की गई, लेकिन इन इलाकों में देर रात तक भी बिजली आपूर्ति पूरी तरह सुचारु नहीं हो पाई थी। मौसम विभाग ने शनिवार को भी आंधी और बरसात की संभावना जताई है।
