मेरठ: 25 हजारी हिस्ट्रीशीटर रिंकू गुर्जर की 6 गोली मारकर हत्या, आरोपी राहुल गिरफ्तार; इंस्पेक्टर सस्पेंड

 रिंकू पर था ₹25 हजार का इनाम, हत्या से पहले गांव में की थी रंगदारी वसूली; भीड़ ने बाइक जलाई, घर में घुसकर मारी गई गोली
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MRT-C
मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के जानी थाना क्षेत्र के पांचली खुर्द गांव में गुरुवार (24 अप्रैल) शाम को उस समय हड़कंप मच गया, जब 25 हजार रुपये के इनामी कुख्यात हिस्ट्रीशीटर रिंकू सिंह गुर्जर की छह गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना के बाद गांव में तनाव फैल गया और सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी राहुल को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि रिंकू के एक साथी सचिन को भी दबोचा गया है। घटना में लापरवाही बरतने के आरोप में जानी थाने के इंस्पेक्टर संजय पांडेय को निलंबित कर दिया गया है।READ ALSO:-पहलगाम आतंकी हमले पर फूटा गुस्सा: मेरठ आज बंद, निकलेगी जन आक्रोश रैली

 

रंगदारी वसूली से शुरू हुआ विवाद
जानकारी के अनुसार, गुरुवार शाम को हिस्ट्रीशीटर रिंकू गुर्जर अपने साथी सचिन (निवासी हस्तिनापुर) के साथ पांचली खुर्द गांव पहुंचा था। गांव में उसने पहले एक व्यापारी महेंद्र की दुकान से तीन सूट और दो पैंट-शर्ट खरीदे। इसके बाद उसने व्यापारी को पिस्टल दिखाकर जान से मारने की धमकी दी और 10 हजार रुपये की रंगदारी जबरन वसूल ली।

 

रंगदारी वसूलने के बाद रिंकू ने गांव के ही एक अन्य व्यक्ति पवन से भी एक पुराना मुकदमा निपटाने के नाम पर रंगदारी की मांग की। उसकी हरकतों से गांव में दहशत का माहौल था।

 

प्लाॉट विवाद बना मौत का कारण
शाम होते-होते रिंकू और उसका साथी सचिन गांव के किसान राहुल के घर पहुंचे। बताया जाता है कि राहुल ने रिंकू से एक प्लॉट खरीदा था और उसकी पूरी रकम पहले ही चुका दी थी, लेकिन रिंकू उस प्लॉट के एवज में और पैसे मांग रहा था। इसी बात को लेकर राहुल और रिंकू के बीच तीखी बहस शुरू हो गई।

 

विवाद इतना बढ़ गया कि रिंकू ने तैश में आकर राहुल के भाई आजाद पर गोली चला दी। गोली आजाद के पैर में लगी, जिससे वह घायल हो गया। गोली चलने की आवाज सुनकर राहुल ने शोर मचाया, जिसे सुनकर आसपास के ग्रामीण बड़ी संख्या में मौके पर इकट्ठा हो गए।

 

ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, बाइक फूंकी
रिंकू की गुंडागर्दी और गोली चलाने की घटना से ग्रामीण आक्रोशित हो गए। उन्होंने रिंकू और सचिन को घेरने का प्रयास किया। ग्रामीणों का गुस्सा देखकर रिंकू और सचिन घबरा गए। इसी दौरान, भीड़ ने रिंकू की मोटरसाइकिल में आग लगा दी।

 

पड़ोसी के घर में घुसा रिंकू, राहुल ने मारी गोली
भीड़ को अपनी ओर आता देख रिंकू जान बचाने के लिए पास के ही चमन नामक व्यक्ति के घर में घुस गया। जबकि उसका साथी सचिन मौके से भागने में सफल रहा (जिसे बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया)।

 

इसी बीच, गोली लगने से घायल आजाद का भाई राहुल गुस्से से आग बबूला हो गया। उसने पीछा कर चमन के घर में छिपे रिंकू पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। रिंकू को छह गोलियां लगीं और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

 

दोनों पक्षों से मुकदमा दर्ज, आरोपी गिरफ्तार
घटना की सूचना मिलने पर भारी पुलिस बल गांव पहुंचा। इस मामले में पुलिस ने गांव के चौकीदार की तहरीर पर मुख्य आरोपी राहुल के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।

 

वहीं, रिंकू द्वारा राहुल के भाई आजाद को गोली मारकर घायल करने के मामले में राहुल के पिता कृपाल सिंह ने रिंकू और उसके साथी सचिन (हस्तिनापुर निवासी) के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया है।

 

पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को रिंकू की हत्या के आरोप में राहुल को और जानलेवा हमले के आरोप में रिंकू के साथी सचिन को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनके पास से घटना में प्रयुक्त एक पिस्टल और एक तमंचा भी बरामद किया है। दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

 

लापरवाही पर इंस्पेक्टर निलंबित
रिंकू गुर्जर पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था और वह काफी समय से गांव में आ-जा रहा था, इसके बावजूद स्थानीय पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। इस गंभीर लापरवाही को देखते हुए एसएसपी विपिन ताडा ने जानी थाने के इंस्पेक्टर संजय पांडेय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। पुलिस अधीक्षक ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

 

लंबा था रिंकू का आपराधिक इतिहास
रिंकू गुर्जर का आपराधिक इतिहास काफी लंबा था। वह हस्तिनापुर में हुई एक हत्या के मामले में आरोपी था और इस मामले में कोर्ट ने उसे साल 2015 में दोषी ठहराते हुए 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। सजा पूरी होने के बाद ही वह जेल से छूटकर गांव आया था।

 

जेल से बाहर आने के बाद भी उसकी आपराधिक गतिविधियां जारी रहीं। इसी साल 9 फरवरी को उसने गांव के ही इमरान की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

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गांव वालों का कहना है कि जेल से छूटने के बाद रिंकू ने कुछ लोगों की एक 'हिट लिस्ट' बना रखी थी और वह कई और लोगों को जान से मारने की फिराक में था। गांव में रिंकू का इस कदर खौफ था कि उसके फरार रहने के दौरान भी लोग डरे हुए थे।

 

पोस्टमार्टम के बाद चचेरे भाई को सौंपा शव
रिंकू के शव का शुक्रवार शाम को पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रिंकू के चेहरे और सिर में कुल छह गोलियां लगने की पुष्टि हुई है। घटना के बाद रिंकू का शव लेने के लिए कोई परिजन मोर्चरी नहीं पहुंचा, जिसके बाद पुलिस ने मुजफ्फरनगर से उसके चचेरे भाई राकेश को बुलाकर शव उसे सौंपा। घटना के बाद गांव में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पुलिस स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
SONU

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