मेरठ में साइबर ठगी का 'लेटेस्ट पैंतरा': हेल्थ इंश्योरेंस कैंसल कराने के नाम पर ₹1.10 लाख उड़े, ऐप डाउनलोड करते ही हैक हुआ फोन!

 बैंक कर्मचारी बन ठगों ने फंसाया जाल में, अकाउंट फ्रीज, जांच में जुटी पुलिस
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ONLINE FROUD
मेरठ, 28 मई 2025: साइबर ठगों ने मेरठ में धोखाधड़ी का एक नया और बेहद शातिर तरीका अपनाया है। इस बार एक युवक को क्रेडिट कार्ड पर फर्जी स्वास्थ्य बीमा रद्द कराने के बहाने ठगों ने अपने जाल में फंसाया और उसे एक ऐप डाउनलोड करने पर मजबूर कर दिया, जिसके बाद उसके खाते से ₹1.10 लाख रुपये उड़ा लिए गए। पीड़ित ने साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है, और पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उसके खाते को सीज कर दिया है।READ ALSO:-ITR भरने वालों के लिए बंपर ऑफर! सरकार ने दिया 'गोल्डन चांस', जानिए क्यों मिली 15 सितंबर तक की मोहलत?

 

कैसे फंसा लोहियानगर का युवक ठगों के जाल में?
हापुड़ रोड स्थित जाकिर कॉलोनी, लोहियानगर निवासी साजिद अली के साथ यह ठगी 23 मई की दोपहर को हुई। साजिद ने बताया कि उनके मोबाइल पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को बैंक कर्मचारी बताया और कहा कि उनके क्रेडिट कार्ड पर ₹23,999 का एक स्वास्थ्य बीमा लिया गया है।

 

साजिद, जिन्होंने ऐसा कोई बीमा नहीं लिया था, ने इस बात से इनकार किया। इस पर ठग ने बड़ी सफाई से कहा कि वह इस 'गलत' किश्त को ऑनलाइन निरस्त कर सकता है। जब साजिद ने बैंक जाकर किश्त निरस्त कराने की बात कही, तो ठग ने नियमों का हवाला देते हुए ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी करने पर जोर दिया।

 

ऐप डाउनलोड करते ही मोबाइल हैक, पलभर में खाली हुआ क्रेडिट कार्ड
ठग ने साजिद को अपने मोबाइल पर एक ऐप डाउनलोड करने के लिए दिया। जैसे ही साजिद ने ऐप खोला, उनका मोबाइल हैक हो गया। कुछ ही देर में उनके मोबाइल पर लगातार OTP (वन टाइम पासवर्ड) आने लगे। इसके तुरंत बाद, उनके क्रेडिट कार्ड से ₹41,243 रुपये निकलने का मैसेज आया।

 

साजिद ने तुरंत बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन कॉल नहीं लगी। वह अपने दोस्त के साथ साइबर क्राइम थाने पहुंचे। तब तक बहुत देर हो चुकी थी, क्योंकि उनके खाते से कुल ₹1.10 लाख रुपये निकाले जा चुके थे।

 

पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की, जांच जारी
साइबर थाना पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल कार्रवाई की और साजिद का खाता सीज (फ्रीज) कर दिया। पुलिस अब उन खातों की भी जांच कर रही है जिनमें ठगों ने साजिद के पैसे ट्रांसफर किए हैं। पुलिस का कहना है कि वे तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

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पुलिस ने लोगों से फिर की अपील:
साइबर पुलिस ने जनता से एक बार फिर अपील की है कि वे किसी भी अनजान कॉल या मैसेज पर भरोसा न करें, खासकर यदि कोई व्यक्ति खुद को बैंक या किसी सरकारी संस्था का कर्मचारी बताकर गोपनीय जानकारी या किसी भी तरह का ऐप डाउनलोड करने को कहे। किसी भी संदिग्ध कॉल या मैसेज की जानकारी तुरंत संबंधित बैंक या सीधे साइबर पुलिस को दें।

 

यह घटना दर्शाती है कि साइबर ठग कितने सक्रिय हैं और हमें ऑनलाइन लेन-देन करते समय कितनी सतर्कता बरतनी चाहिए।
SONU

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