कांवड़ यात्रा 2025: सुरक्षा का अभेद्य चक्रव्यूह, डीजे से लेकर ड्रोन तक, पुलिस की फुल-प्रूफ तैयारी!
डीआईजी कलानिधि नैथानी ने कसी कमर, हर चुनौती से निपटने को तैयार मेरठ पुलिस
Jun 17, 2025, 11:21 IST
|

मेरठ: आगामी कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन ने कमर कस ली है। इसी क्रम में सोमवार को डीआईजी कलानिधि नैथानी ने पुलिस लाइन में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। बैठक में एसएसपी डॉ. विपिन ताडा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। डीआईजी ने कांवड़ यात्रा से जुड़ी हर छोटी-बड़ी तैयारी का बारीकी से जायजा लिया और अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए, ताकि शिवभक्तों की यात्रा सुरक्षित और निर्बाध रहे।READ ALSO:-🌩️यूपी में मानसून का धमाकेदार आगमन: 54 जिलों में बारिश-आंधी का अलर्ट, हीटवेव खत्म! जनजीवन अस्त-व्यस्त; 48 घंटे में 41 लोगों की मौत
सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त और यातायात प्रबंधन
डीआईजी नैथानी ने सबसे पहले सुरक्षा व्यवस्था पर जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि:
-
बड़े डीजे संचालकों से संवाद: सभी बड़े डीजे संचालकों के साथ तत्काल बैठक कर उन्हें डीजे की ऊंचाई, चौड़ाई और ध्वनि के मानकों का सख्ती से पालन करने के लिए कहा जाए। नियमों का उल्लंघन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
-
मार्गों का सघन निरीक्षण: सभी सीओ, थानेदार और चौकी इंचार्ज अपने-अपने क्षेत्रों में कांवड़ मार्गों का गहन निरीक्षण करें। जहां भी कमियां दिखें, उनकी सूची बनाकर कांवड़ सेल को तुरंत सूचित करें।
-
थानावार जोन-सेक्टर मैपिंग: सभी थाना प्रभारी यह सुनिश्चित करें कि उनका थाना किस जोन और सेक्टर में आता है। कांवड़ यात्रा के लिए तैयार हो रहे रजिस्टर को थाने का स्थायी रजिस्टर बनाया जाए।
-
बाइक स्क्वाड की सक्रियता: यात्रा के दौरान बाइक स्क्वाड को सक्रिय रखा जाए ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया (रेस्पॉन्स टाइम) सुनिश्चित की जा सके।
-
मांस-मदिरा दुकानों पर प्रतिबंध: कांवड़ यात्रा मार्गों पर स्थित सभी मांस और मदिरा की दुकानों को शासन के पूर्व निर्धारित आदेशों के अनुसार बंद कराने की आवश्यक कार्रवाई जल्द से जल्द पूरी कर ली जाए।
-
बहुआयामी समन्वय: जनपद स्तर पर प्रशासन और अन्य विभागों के साथ संयुक्त बैठकें आयोजित की जाएं। इसके अतिरिक्त, सभी थाना प्रभारी भी अपने-अपने थाना स्तर पर कांवड़ यात्रा संबंधी बैठकें करें।
-
डीजे के साथ पुलिसकर्मी: बड़े डीजे के साथ पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाना सुनिश्चित करें और ड्यूटी परिवर्तन के समय शिफ्टों में कोई गैप न हो।
-
पार्किंग में पुलिस और पीए सिस्टम: जिन मंदिरों पर पार्किंग की सुविधा है, वहां पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाए। पार्किंग क्षेत्रों में पब्लिक एड्रेस (पीए) सिस्टम लगाने का प्रयास करें ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
-
सीसीटीवी का जाल और ड्रोन निगरानी: यात्रा मार्ग में अधिक से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएं और उनकी निगरानी के लिए कुशल कर्मियों को तैनात किया जाए। इसके साथ ही, ड्रोन कैमरों से भी निगरानी कराई जाएगी।
कांवड़ यात्रा के सम्बन्ध मे जनपद मेरठ मे गौष्ठी करते हुए। pic.twitter.com/IekZVN1Ilv
— DIG RANGE MEERUT (@digrangemeerut) June 16, 2025
स्थानीय सहयोग और त्वरित संचार
डीआईजी ने स्थानीय लोगों और संचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने के भी निर्देश दिए:
-
होटल-ढाबा मालिकों से बैठक: सभी थाना प्रभारी अपने क्षेत्रों में पड़ने वाले होटल-ढाबों के मालिक-मैनेजर के साथ बैठक कर उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दें।
-
पुलिसकर्मियों के लिए सुविधाएं: ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों को रेनकोट उपलब्ध कराए जाएं, खासकर मानसून को देखते हुए।
-
सोशल मीडिया पर सक्रियता: सोशल मीडिया पर लगातार सक्रिय रहें और झूठी खबरों का तत्काल खंडन करें, ताकि किसी भी अफवाह को फैलने से रोका जा सके।
-
स्वास्थ्य केंद्रों पर सुरक्षा: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) पर भी पुलिस कर्मियों की ड्यूटी अवश्य लगाई जाए।
-
वॉकी-टॉकी की उपलब्धता: एएसआरओ सभी को वॉकी-टॉकी उपलब्ध कराएं, जिससे सूचना का तत्काल आदान-प्रदान होता रहे।
-
कंट्रोल रूम में कुशल स्टाफ: कंट्रोल रूम में कुशल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाए जो त्वरित निर्णय ले सकें।
संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान
-
मिश्रित आबादी वाले क्षेत्र: कांवड़ यात्रा मार्ग पर मिश्रित आबादी वाले कस्बों, ग्रामों, मोहल्लों और दूसरे संप्रदाय के धार्मिक स्थलों की पहचान की जाए।
-
शिविरों की समीक्षा: मार्ग पर लगे ऐसे शिविरों, जो पूर्व के वर्षों में किसी अन्य धर्म संप्रदाय के धार्मिक स्थलों के निकट लगाए गए थे, उनका भी चिन्हीकरण कर समीक्षा कर ली जाए ताकि कोई विवाद न हो।
-
अधिकारियों द्वारा निरीक्षण: सभी अधिकारी मुख्य कांवड़ मार्गों, संपर्क मार्गों और रूट डायवर्जन वाले मार्गों का स्वयं निरीक्षण करें ताकि जमीनी हकीकत का पता चल सके।
-
अन्तर-विभागीय समन्वय: स्थानीय प्रशासन और अग्निशमन, विद्युत, खाद्य आपूर्ति, स्वास्थ्य, सड़क निर्माण और नगर निगम जैसे अन्य विभागों के साथ समन्वय बनाए रखा जाए।
पुलिसकर्मियों के कल्याण पर भी दिया जोर
कांवड़ यात्रा की तैयारियों के साथ ही, डीआईजी कलानिधि नैथानी ने पुलिसकर्मियों के कल्याण पर भी विशेष ध्यान दिया। पुलिस लाइन में आयोजित सैनिक सम्मेलन में उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों के अनुशासन और कल्याण पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने मासिक श्रमदान की पहल को प्रोत्साहित किया और निर्देश दिए कि यदि कोई पुलिसकर्मी बीमार है तो उसे अवकाश अवश्य दिया जाए।
सम्मेलन के दौरान, पुलिसकर्मियों द्वारा वेतन विसंगति, सरकारी आवास और स्थानांतरण संबंधी कई समस्याएं रखी गईं। इस पर डीआईजी ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मेरठ को इन प्रकरणों की स्वयं समीक्षा कर उनका शीघ्र निस्तारण करने के निर्देश दिए। साथ ही, दीन दयाल उपाध्याय योजना के अंतर्गत चिकित्सा कार्ड बनवाना सुनिश्चित करने को भी कहा।
