कांवड़ यात्रा 2025: सुरक्षा का अभेद्य 'महाघेरा' तैयार, 15,000 पुलिसकर्मी जमीन से आकाश तक करेंगे निगरानी
मेरठ रेंज में 540 KM लंबा कांवड़ मार्ग, 57 जोन-155 सेक्टर में बंटा; ड्रोन-CCTV से चप्पे-चप्पे पर रहेगी पैनी नजर, संवेदनशील इलाकों पर विशेष चौकसी
Jul 1, 2025, 00:05 IST
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मेरठ, [30 June 2025]: सावन महीने में होने वाली ऐतिहासिक कांवड़ यात्रा 2025 की सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने ज़मीन से आसमान तक का एक अभेद्य सुरक्षा खाका तैयार कर लिया है। मेरठ रेंज के डीआईजी कलानिधि नैथानी के नेतृत्व में बनी इस व्यापक योजना के तहत 15,000 से अधिक पुलिसकर्मी कांवड़ मार्ग के चप्पे-चप्पे पर तैनात रहेंगे, ताकि लाखों शिवभक्तों की यह यात्रा पूरी सुरक्षा, शांति और सौहार्द के साथ संपन्न हो सके।READ ALSO:-मुज़फ़्फ़रनगर में काल का तांडव: बेकाबू इनोवा 20 फ़ीट ऊंचे फ़्लाइओवर से गिरी, केदारनाथ जा रहे 4 दोस्तों की मौत; एक गंभीर
57 जोन और 155 सेक्टर में बंटा कांवड़ मार्ग, 119 बैरियर पर कड़ी चौकसी
मेरठ रेंज में आने वाले बुलंदशहर, मेरठ, बागपत और हापुड़ - इन चारों जिलों को मिलाकर कुल 540 किलोमीटर लंबा कांवड़ मार्ग है। सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए इस पूरे मार्ग को 57 जोन और 155 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। मार्ग पर पड़ने वाले 10 टोल प्लाजा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और कुल 119 जगहों पर बैरियर लगाए जाएंगे। इनमें मेरठ में 25, बुलंदशहर में 25, बागपत में 51 और हापुड़ में 18 बैरियर शामिल हैं।
मेरठ रेंज में आने वाले बुलंदशहर, मेरठ, बागपत और हापुड़ - इन चारों जिलों को मिलाकर कुल 540 किलोमीटर लंबा कांवड़ मार्ग है। सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए इस पूरे मार्ग को 57 जोन और 155 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। मार्ग पर पड़ने वाले 10 टोल प्लाजा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और कुल 119 जगहों पर बैरियर लगाए जाएंगे। इनमें मेरठ में 25, बुलंदशहर में 25, बागपत में 51 और हापुड़ में 18 बैरियर शामिल हैं।
15,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी, ड्रोन और सादे कपड़ों में भी पुलिस
कांवड़ यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 19 अपर पुलिस अधीक्षक, 54 सीओ, 265 निरीक्षक, 1823 उपनिरीक्षक, 2574 मुख्य आरक्षी, 2860 आरक्षी, 1166 महिला पुलिस अधिकारी/कर्मचारी तैनात रहेंगे। इनके अतिरिक्त, यातायात पुलिस के 12 निरीक्षक, 117 उपनिरीक्षक, 175 मुख्य आरक्षी और 394 आरक्षी भी ड्यूटी पर मुस्तैद रहेंगे। सुरक्षा बल को और मज़बूत करने के लिए पीएसी की 20 कंपनियां और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की 5 कंपनियां भी तैनात की जा रही हैं।
कांवड़ यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 19 अपर पुलिस अधीक्षक, 54 सीओ, 265 निरीक्षक, 1823 उपनिरीक्षक, 2574 मुख्य आरक्षी, 2860 आरक्षी, 1166 महिला पुलिस अधिकारी/कर्मचारी तैनात रहेंगे। इनके अतिरिक्त, यातायात पुलिस के 12 निरीक्षक, 117 उपनिरीक्षक, 175 मुख्य आरक्षी और 394 आरक्षी भी ड्यूटी पर मुस्तैद रहेंगे। सुरक्षा बल को और मज़बूत करने के लिए पीएसी की 20 कंपनियां और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की 5 कंपनियां भी तैनात की जा रही हैं।
सुरक्षा के लिए ड्रोन कैमरों से पूरे यात्रा मार्ग पर हवाई निगरानी रखी जाएगी। प्रमुख स्थानों पर वॉच टावर बनाए जाएंगे और असामाजिक तत्वों पर नज़र रखने के लिए सादे कपड़ों में भी पुलिसकर्मी (महिला पुलिसकर्मी भी शामिल) कांवड़ियों के बीच मौजूद रहेंगे।
184 संवेदनशील स्थानों पर कड़ी निगरानी, मंदिरों में भी अभेद्य सुरक्षा
- कांवड़ियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए 184 वेटिंग जोन बनाए गए हैं, जहाँ शिवभक्त आराम कर सकेंगे। कांवड़ मार्ग पर कुल 838 शिविर लगाए जाएंगे (मेरठ में 464, बुलंदशहर में 176, बागपत में 90 और हापुड़ में 108)।
- विशेष तौर पर 184 मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। इनमें मेरठ में 64, बुलंदशहर में 59, हापुड़ में 52 और बागपत में 09 क्षेत्र शामिल हैं।
- प्रमुख मंदिरों जैसे बागपत के पुरा महादेव मंदिर (20 लाख श्रद्धालु संभावित), बाबा औघड़नाथ मंदिर मेरठ (4 लाख), ब्रजघाट हापुड़ (4 लाख), अम्बकेश्वर महादेव मंदिर अहार बुलंदशहर (70 हजार) और सबली मंदिर हापुड़ (50 हजार) में भी गर्भगृह तक सीसीटीवी कैमरों से लगातार निगरानी की जाएगी और चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे।
चप्पे-चप्पे पर अलर्ट: कंट्रोल रूम से सोशल मीडिया तक निगरानी
- कंट्रोल रूम: पूरे सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएंगे, जो मार्गों और मंदिरों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की लगातार मॉनिटरिंग करेंगे।
- टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल: पीए सिस्टम, एंटी-सैबोटेज (एएस) चेक टीम, बम डिस्पोजल स्क्वॉड (बीडीएस) टीम और इंटेलीजेन्स विंग को सक्रिय किया गया है।
- आपातकालीन प्रबंधन: किसी भी आपात स्थिति के लिए बाढ़ राहत टीमें, एसडीआरएफ/एनडीआरएफ और स्थानीय गोताखोरों को सक्रिय किया गया है।
- सोशल मीडिया निगरानी: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी लगातार निगरानी रखी जा रही है ताकि अफवाहों और भ्रामक जानकारियों को फैलने से रोका जा सके।
- खोया-पाया केंद्र: कांवड़ मार्ग पर जगह-जगह खोया-पाया केंद्र बनाए जाएंगे, ताकि श्रद्धालुओं के खोए हुए बच्चों, व्यक्तियों या वस्तुओं को ढूंढने में मदद मिल सके।
- असामाजिक तत्वों पर नज़र: असामाजिक तत्व, अफवाह फैलाने वाले और सांप्रदायिक तथा धार्मिक उन्माद फैलाने वाले लोगों की गतिविधियों पर पैनी नज़र रखी जाएगी।
पुलिस का यह व्यापक और पुख़्ता सुरक्षा इंतज़ाम यह सुनिश्चित करेगा कि शिवभक्त अपनी कांवड़ यात्रा पूरी श्रद्धा और सुरक्षित माहौल में संपन्न कर सकें।
