भारत की बेटी, पाकिस्तान की बहू बॉर्डर पर फंसी: 'मैं इंडियन हूं इसलिए नहीं आ सकती, पर बच्चे जा सकते हैं पाकिस्तान'
मेरठ की सना का निकाह 5 साल पहले पाकिस्तान में हुआ, भारत सरकार के आदेश पर लौटीं, पर पाकिस्तानी सेना ने बॉर्डर से लौटाया
Apr 27, 2025, 15:50 IST
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मेरठ: "मैं भारतीय हूं। मेरा निकाह पाकिस्तान में हुआ है। भारत सरकार के आदेश के बाद मैं अपने पति के पास पाकिस्तान जा रही थी, लेकिन पाकिस्तानी सैनिकों ने मुझे अटारी बॉर्डर से यह कहकर लौटा दिया कि तुम इंडियन हो, इसलिए पाकिस्तान नहीं जा सकती। मगर तुम्हारे दोनों बच्चे पाकिस्तान जा सकते हैं।" यह दर्द भरी आपबीती है मेरठ की बेटी और पाकिस्तान की बहू सना की।READ ALSO:-मुजफ्फरनगर में हनीट्रैप का खुलासा, धर्म परिवर्तन और यौन उत्पीड़न का झूठा आरोप लगाने वाली युवती फरार, दो साथी गिरफ्तार
सना का निकाह आज से पांच साल पहले, साल 2020 में पाकिस्तान के डॉ. ताहिर से हुआ था। वह 45 दिन के वीजा पर बीते 14 अप्रैल 2025 को अपने दो मासूम बच्चों के साथ मेरठ स्थित अपने मायके आई थीं। सब कुछ सामान्य चल रहा था, लेकिन 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद हालात बदल गए।
हमले के मद्देनजर भारत सरकार ने एक निर्देश जारी कर दो दिन के भीतर भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने को कहा। प्रशासन से नोटिस मिलने के बाद सना 24 अप्रैल को दिल्ली एंबेसी पहुंचीं और वहां से आवश्यक वीजा संबंधी प्रक्रिया पूरी की। इसके बाद 25 अप्रैल को वह अपने बच्चों के साथ पाकिस्तान जाने के लिए बाघा बॉर्डर पहुंचीं।
सभी डॉक्यूमेंट्स दिखाए, फिर भी जाने नहीं दिया
मेरठ के सरधना के गोसियान मोहल्ले की रहने वाली सना ने आपबीती सुनाते हुए बताया, "हम लोग घर पर बैठे थे। 23 अप्रैल को अचानक पता चला कि मुझे भारत छोड़कर पाकिस्तान जाना होगा। सिर्फ दो दिन में ही भारत छोड़ने का आदेश था। 24 अप्रैल को मैं अपनी अम्मी, अब्बू पीरुद्दीन और भाई सोफियान के साथ दिल्ली एंबेसी गई। वहां से वीजा लिया। फिर 25 अप्रैल को बाघा बॉर्डर पहुंच गई।"
सना ने बताया कि उन्होंने पाकिस्तानी सेना के जवानों को अपने सभी ज़रूरी डॉक्यूमेंट्स दिखाए। इसके बावजूद उन्हें रोक दिया गया। पाकिस्तानी जवानों ने उनसे कहा कि वह पाकिस्तान नहीं जा सकतीं, लेकिन उनके दोनों बच्चे पाकिस्तान जा सकते हैं। जब सना ने इसका कारण पूछा, तो जवानों ने बताया कि उनके पास अभी पाकिस्तान की नागरिकता नहीं है और वह अभी भी भारतीय नागरिक हैं, इसलिए उन्हें पाकिस्तान में प्रवेश नहीं दिया जा सकता। हालांकि, उनके बच्चों के पास पाकिस्तानी नागरिकता है, इसलिए वे जा सकते हैं।
पति चंद फासले पर थे, मिलना तो दूर, देख भी नहीं पाई
सना ने बताया कि उनकी तरह बॉर्डर पर और भी कई ऐसी लड़कियां थीं, जिनके पास अभी पाकिस्तानी नागरिकता नहीं है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी नागरिकता शादी के 9 साल बाद ही मिलती है और उनकी शादी को अभी केवल 5 साल हुए हैं, इसलिए उनके पास वहां की नागरिकता नहीं है। इसी कारण ऐसी सभी महिलाओं को बॉर्डर पर रोक दिया गया।
सना ने नम आंखों से बताया, "बॉर्डर के उस पार मेरे पति, सास, ससुर मुझे लेने आए थे। वह सब चंद फासले पर ही खड़े थे। मगर उनसे मिलना तो दूर, मैं उन्हें देख भी नहीं पाई। मेरे बच्चे भीड़ में अपने डैडी को ढूंढ रहे थे। वह बार-बार अपने पापा के पास जाने की जिद कर रहे थे। मगर हमें मायूस होकर वापस लौटना पड़ा।" उन्होंने बताया कि उनके ससुराल वाले भी उनसे मिलने के लिए बेहद परेशान हैं।
पति कहते हैं- वापस कब आओगी
आगे की परेशानी बताते हुए सना कहती हैं, "नियमानुसार, मेरे बच्चे पाकिस्तान जा सकते हैं। मगर वो इतने छोटे हैं कि मां के बिना नहीं रह सकते। बेटी अभी भी मदर फीडिंग करती है। मैं उसको कैसे छोड़ सकती हूं? वह मेरे बगैर कैसे रहेंगे?" उन्होंने बताया कि अभी उनके पास भारत का 35 दिन का वीजा बाकी है और वह यहां रह सकती हैं। स्थानीय खुफिया इकाई (LIU) ने भी उनके छोटे बच्चों की स्थिति को देखते हुए उन्हें फिलहाल यहीं रुकने की बात कही है।
सना ने बताया कि जो मौजूदा माहौल चल रहा है, उसने उनके मन में गहरी चिंता पैदा कर दी है। उनके ससुराल वाले पाकिस्तान में परेशान हैं। वे उनसे मिलने भारत आ नहीं सकते और वह पाकिस्तान जा नहीं सकतीं। पूरा परिवार इस स्थिति से तनाव में है। उनकी पति से केवल कॉल और मैसेज पर ही बात हो पाती है। सना ने बताया कि जब भी पति से बात होती है, तो वह बस यही पूछते हैं, "वापस कब आओगी?"
भाई बोला- पूरा परिवार परेशान
सना के बड़े भाई सोफियान ने भी बताया कि सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन अचानक से बदले माहौल ने परेशानी बढ़ा दी है। उनकी बहन पूरे ढाई साल बाद घर आई थी और उनके भांजे-भांजी पहली बार उनके घर आए थे। बीच में ही इस तरह की स्थिति उत्पन्न होने से पूरा परिवार परेशान है।
