मेरठ में 5 दिन तक हनुमंत कथा, पंडित धीरेंद्र शास्त्री कथा सुनाएंगे, 15 लाख श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद

बागेश्वर धाम के प्रमुख आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री की 25 से 29 मार्च तक होने वाली हनुमंत कथा में यूपी सहित अन्य राज्यों से लाखों श्रद्धालु शामिल होंगे। सुरक्षा और सुविधाओं के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
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Pandit Dhirendra Shastri
मेरठ: बागेश्वर धाम के मुख्य आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री आज से मेरठ में पांच दिवसीय हनुमंत कथा का प्रवचन करेंगे। 25 मार्च से 29 मार्च तक चलने वाली इस कथा में लगभग 15 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया गया है। रुद्रावतार हनुमान के चरित्र और उनकी जीवन लीलाओं पर आधारित यह कथा प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगी।Read also:-अप्रैल में बैंकों में रहेगी 15 दिन की छुट्टी, RBI ने जारी की जानकारी, जानें कब और कहां रहेंगे बैंक बंद

 

यह पंडित धीरेंद्र शास्त्री की पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहली कथा है, जिसके लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की गई हैं। कार्यक्रम स्थल पर 2.25 लाख वर्ग फीट का विशाल जर्मन हैंगर पंडाल बनाया गया है, जिसमें लगभग 1 लाख लोगों के बैठने की व्यवस्था है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पंडाल के किनारों पर 50-50 फीट का अतिरिक्त स्थान भी दिया गया है।

 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संभावित आगमन की चर्चा:
कथा के आयोजकों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है और उन्हें कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया है। पदाधिकारियों के अनुसार, मुख्यमंत्री 28 या 29 मार्च को मेरठ आकर इस अनुष्ठान में शामिल हो सकते हैं।

पंडाल सज चुका है। यहां 1 लाख लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है।

दूर-दराज से पहुंच रहे श्रद्धालु:
आयोजन कर रहे संयुक्त व्यापार संघ के पदाधिकारियों का दावा है कि इस हनुमंत कथा को सुनने के लिए न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से भी बड़ी संख्या में लोग मेरठ पहुंच रहे हैं।

 

यातायात व्यवस्था में बदलाव:
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मेरठ पुलिस ने विस्तृत रूट डायवर्जन प्लान जारी किया है। मंगलवार सुबह 9 बजे से 29 मार्च को कथा समाप्त होने तक मेरठ शहर के अंदर भारी वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। श्रद्धालुओं को कथास्थल तक पहुंचने के लिए चार अलग-अलग रास्तों का उपयोग करने की सलाह दी गई है:
  • दिल्ली–गाजियाबाद की तरफ से: दिल्ली रोड से शाप्रिक्स माल चौराहा, बिजली बंबा पुलिस चौकी के सामने से लोहियानगर होते हुए सेंट फ्रांसिस स्कूल तक पहुंचें। वहां से बाएं मुड़कर गुर्जर चौक (ग्राम काजीपुर) और फिर दाहिने मुड़कर पार्किंग नंबर 3, 4, व 5 तक जाएं।
  • मुरादाबाद-गढ़मुक्तेश्वर से किठौर आने वाले वाहन: काली नदी पार कर रिंग रोड कट से बाएं मुड़कर पार्किंग नंबर छह तक जा सकते हैं। रिंग रोड कट से सीधे सराय कट, एक्सटेंशन पुलिया होकर भी पार्किंग नंबर छह तक पहुंचा जा सकता है।
  • सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत और हरिद्वार से: तेजगढ़ी चौराहा से सीधे आनंद हास्पिटल के सामने होते हुए हीना रोड कट से कीर्ति पैलेस पुलिया और फिर बाएं मुड़कर काजीपुर गोलचक्कर से पार्किंग नंबर-2 तक जाएं।
  • हापुड़, बुलंदशहर से: हापुड़ बाइपास रायल पैलेस के सामने कट से दाहिने मुड़कर उधम सिंह चौक, रायल पैलेस, लोहियानगर सब्जी मंडी कट से दाहिने मुड़कर गुर्जर चौक, शिव मंदिर पुलिया होते हुए आएं। 44 वीं वाहिनी पीएसी से दाहिने मुड़कर जुबैदा मस्जिद के बराबर से होकर गुर्जर चौक, शिव मंदिर पुलिया होते हुए पार्किंग नंबर 3, 4 और 5 पर पहुंचें।
पार्किंग और अन्य सुविधाएं:
कार्यक्रम स्थल पर 6 सामान्य पार्किंग और 1 वीआईपी पार्किंग बनाई गई है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 6 एंट्री और एग्जिट गेट बनाए गए हैं। लोगों को आसानी से पहुंचने में मदद करने के लिए कथा स्थल के हर रास्ते पर दिशा सूचक लगाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, 300 टॉयलेट, 3 एम्बुलेंस, 5 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां और 50 पानी के टैंकर भी कार्यक्रम स्थल के आसपास उपलब्ध रहेंगे। कथा का सीधा प्रसारण देखने के लिए 20 बड़ी LED स्क्रीन भी लगाई गई हैं।

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राज्यसभा सदस्य का बयान:
राज्यसभा सदस्य डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेई ने इस अवसर पर कहा कि आस्था और धर्म के सवाल पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने विपक्षी दलों के लोगों से अपील की कि जो भी कथा में आए, वह हिंदू बनकर और कथा श्रवण करने के भाव से आए।

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सुरक्षा के कड़े इंतजाम:
मेरठ के SSP विपिन ताडा ने बताया कि कार्यक्रम स्थल पर तीन स्तर की सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। बुलंदशहर, हापुड़, बागपत और मुरादाबाद से 1200 अतिरिक्त जवानों को बुलाया गया है। सभी पुलिसकर्मियों के ड्यूटी कार्ड बनाए गए हैं और कंट्रोल रूम से 125 CCTV कैमरों के माध्यम से निगरानी रखी जाएगी। ड्रोन कैमरे भी सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा होंगे। पूरे कथा स्थल को 1 जोन और 3 सेक्टर में विभाजित किया गया है। श्रद्धालुओं की सहायता के लिए खोया पाया केंद्र, चिकित्सा शिविर और एक अस्थाई पुलिस चौकी भी स्थापित की गई है।

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यह हनुमंत कथा मेरठ में एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन के रूप में देखी जा रही है, जिसके लिए आयोजकों और प्रशासन ने मिलकर व्यापक प्रबंध किए हैं।

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