युद्ध की आशंका: मेरठ स्वास्थ्य विभाग 'हाई अलर्ट' पर, अस्पतालों को मिले ये 10 बड़े निर्देश
पहलगाम हमले के बाद सीमा पर तनाव गहराया, मॉकड्रिल-ब्लैकआउट के बीच सीएमओ ने निजी व सरकारी अस्पतालों को दिए तैयारी के आदेश, दो नोडल अफसर नामित
May 8, 2025, 10:10 IST
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मेरठ: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के लगभग पंद्रह दिन बाद भारत द्वारा की गई एयर स्ट्राइक के चलते सीमावर्ती क्षेत्रों में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। इस तनाव के मद्देनज़र, बुधवार को मेरठ सहित देश के कई शहरों में हवाई हमले जैसी आपात स्थिति से बचाव के लिए बड़े पैमाने पर अभ्यास सत्र आयोजित किए गए। इन अभ्यासों में मॉकड्रिल और ब्लैकआउट की रिहर्सल शामिल थी, जिनका उद्देश्य आपातकाल में नागरिक सुरक्षा तंत्र की तैयारियों को परखना था।READ ALSO:-आसमान में खतरा मंडराया तो क्या होगा? मेरठ नगर निगम ने जारी किया 'जीवन रक्षक' अलर्ट, इन नंबरों को तुरंत करें नोट!
इसी बीच, मेरठ जिले के स्वास्थ्य विभाग ने भी संभावित अप्रिय घटना से निपटने के लिए अपनी कमर कस ली है। जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने एक महत्वपूर्ण अलर्ट जारी करते हुए सभी निजी और सरकारी अस्पतालों, चिकित्सकों और प्रयोगशालाओं को हर स्थिति के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है।
सीएमओ ने जारी किया 'तैयारी' का पत्र
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक कटारिया की ओर से जिले के समस्त प्राइवेट, सरकारी अस्पताल, लैब और अन्य चिकित्सा संस्थानों को एक विस्तृत पत्र भेजा गया है। इस पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पड़ोसी देश के साथ जारी तनाव के कारण उत्पन्न हुई युद्ध जैसी स्थिति में किसी भी संभावित हवाई हमले से आम जनता के घायल होने या चोटिल होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, पत्र में चिकित्सा संस्थानों के प्रबंधकों और संचालकों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं ताकि आपातकाल में मरीजों को तत्काल और उचित उपचार मिल सके।
अस्पतालों को युद्धस्तर पर करने होंगे ये 10 प्रमुख इंतजाम:
सीएमओ द्वारा जारी पत्र में अस्पतालों को निम्नलिखित 10 बिंदुओं पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं:
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ट्रॉमा बेड्स का आरक्षण: सभी अस्पताल अपने कुल उपलब्ध बेड्स में से 10 प्रतिशत बेड्स को ट्रॉमा (गंभीर चोटों वाले मरीजों) के लिए आरक्षित रखेंगे।
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स्टाफ ब्रीफिंग: चिकित्सालय में कार्यरत सभी चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ के साथ तत्काल बैठक आयोजित कर उन्हें इस संबंध में आवश्यक सूचनाएं और दिशा-निर्देश प्रदान करना सुनिश्चित करें।
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दवाइयों और उपकरणों की उपलब्धता: आपातकाल में आवश्यक सभी प्रकार की दवाइयों और चिकित्सा उपकरणों का पर्याप्त स्टॉक हर समय उपलब्ध रखना सुनिश्चित करें।
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रेफर मरीजों की तत्काल भर्ती: सरकारी अस्पतालों से गंभीर स्थिति में रेफर होकर आने वाले मरीजों को बिना विलंब तत्काल भर्ती कर उनका उपचार शुरू करें।
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उपकरणों और वाहनों की जांच: मरीजों के इलाज के लिए अस्पताल में उपलब्ध सभी उपकरणों और आपातकालीन सेवाओं में प्रयुक्त होने वाले वाहनों की क्रियाशीलता की गहन जांच कर लें और आवश्यकतानुसार उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
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24 घंटे आपातकालीन सेवाएं: चिकित्सालय में आकस्मिक (इमरजेंसी) सेवाओं को और सुदृढ़ करते हुए यह सुनिश्चित करें कि ये सेवाएं 24 घंटे निर्बाध रूप से उपलब्ध रहें।
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गंभीर मरीजों का रेफरल: अत्यधिक गंभीर मरीजों को उच्च चिकित्सा केंद्र (Higher Centre) पर रेफर करते समय, रेफरल इकाई से तत्काल संपर्क स्थापित करते हुए ही मरीज को भेजें।
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प्रशिक्षित स्टाफ की 24 घंटे उपलब्धता: अस्पताल में तैनात प्रशिक्षित चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ की 24 घंटे उपलब्धता सुनिश्चित करें ताकि किसी भी समय आपात स्थिति से निपटा जा सके।
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ब्लड बैंक में रक्त की उपलब्धता: अस्पताल के ब्लड बैंक में सभी ब्लड ग्रुप का रक्त पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखना सुनिश्चित करें। आवश्यकता पड़ने पर मरीजों के लिए ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन कर रक्त की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकती है।
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सर्वोत्तम उपचार और लापरवाही से बचाव: अस्पताल में आने वाले प्रत्येक मरीज को सर्वोत्तम संभव उपचार प्रदान करने का हरसंभव प्रयास करें। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके अतिरिक्त, शासन एवं जिला स्तर से समय-समय पर प्राप्त होने वाले अन्य दिशा-निर्देशों का भी तत्काल और अक्षरशः पालन सुनिश्चित करें।
आपात स्थिति के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त
चिकित्सा विभाग ने इस पूरी प्रक्रिया के समन्वय और निगरानी के लिए दो वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित किया है। किसी भी आपात स्थिति या सहायता के लिए इन नोडल अधिकारियों से संपर्क किया जा सकता है:
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डॉ. महेश चन्द्रा: उपमुख्य चिकित्साधिकारी (मोबाइल नंबर: 9411970288)
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डॉ. सुमित उपाध्याय: सचिव, आईएमए मेरठ (मोबाइल नंबर: 9012555999)
यह कदम दर्शाता है कि मेरठ का स्वास्थ्य विभाग संभावित आपात स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार है और नागरिकों को हरसंभव चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
