वफ़ादारी की मिसाल: मेरठ की 'मिनी', एक डॉगी जिसने अपनी जान देकर रसेल वाइपर से बचाई मालिक के बेटे की जान
मालिक के बेटे को बचाने के लिए रसेल वाइपर से भिड़ गई, 26 बार डसी गई, जान देकर परिवार को बचा गई
Jun 5, 2025, 13:54 IST
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मेरठ, उत्तर प्रदेश – अपने मालिक के प्रति वफ़ादारी की एक अद्भुत मिसाल पेश करते हुए, मेरठ में एक पालतू डॉगी मिनी ने एक जहरीले सांप से लड़ते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी। यह दिल दहला देने वाली घटना दौराला इलाके की है, जहां मिनी ने अपने परिवार के एक सदस्य को बचाने के लिए अपनी अंतिम साँस तक संघर्ष किया।READ ALSO:-⚡बिजनौर: भनेड़ा टोल प्लाजा पर मौत का तांडव! जनरेटर से करंट लगने से कर्मचारी की दर्दनाक मौत, परिजन बोले- 'ये हत्या है!'
रात के अंधेरे में मंडराया मौत का साया
दौराला के रामपुरी मोहल्ले में रहने वाले किसान अजय कुमार उर्फ कल्लू के परिवार पर मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात को उस वक्त खतरा मंडराया जब एक रसेल वाइपर सांप उनके घर में घुस आया। कल्लू का 23 वर्षीय बेटा वंश, गैलरी में चारपाई पर सो रहा था। रात करीब 3 बजे, सांप वंश की चारपाई के करीब पहुँच रहा था। तभी अमेरिकन बुल नस्ल की उनकी वफादार डॉगी मिनी की नज़र सांप पर पड़ी।
मिनी का अदम्य साहस और बलिदान
सांप को देखते ही मिनी ने बिना एक पल गंवाए उस पर हमला बोल दिया। वंश ने बताया, "मैं चारपाई पर सो रहा था। रात में घर में रसेल वाइपर प्रजाति का सांप घुस आया। सांप को देखते ही मेरी पालतू डॉगी मिनी उससे भिड़ गई।" सांप ने मिनी को एक-दो जगह नहीं, बल्कि 26 जगहों पर डसा। मिनी के भौंकने की आवाज़ सुनकर वंश की नींद खुली। उसने देखा कि मिनी ने सांप को अपने जबड़ों में कस रखा था और उसे चारपाई से दूर खींचने की कोशिश कर रही थी, जबकि सांप लगातार उस पर फुफकार मार कर डस रहा था।
वंश ने तुरंत अपने मम्मी-पापा को बुलाया। परिवार ने लोहे की रॉड की मदद से सांप को पकड़ा और उसे एक डिब्बे में बंद कर जंगल में छोड़ दिया। सांप को भगाने के बाद, परिवार तुरंत मिनी को लेकर मोदीपुरम पशु चिकित्सालय पहुँचा, और फिर गाजियाबाद में एक विशेषज्ञ डॉक्टर से भी उसका इलाज कराया।
27 घंटे का संघर्ष और हृदयविदारक अंत
कल्लू ने बताया कि मिनी 27 घंटे तक जिंदगी और मौत के बीच जूझती रही। डॉक्टरों के अथक प्रयासों के बावजूद, मिनी को बचाया नहीं जा सका और उसने दम तोड़ दिया। मिनी की मौत से पूरा परिवार सदमे में है। कल्लू ने कहा, "मिनी जब एक महीने से भी कम उम्र की थी तब हम उसे लेकर आए थे। पांच साल से वह घर में परिवार के सदस्यों की तरह थी। वह बहुत वफादार थी।"
अपने पालतू साथी को खोने के बाद परिवार में मातम पसरा हुआ है। मिनी की याद को हमेशा ज़िंदा रखने के लिए, परिवार ने एक नई डॉगी खरीदी है, जिसे 10,000 रुपये में लिया गया है और उसका नाम भी मिनी ही रखा गया है। वंश ने कहा, "हम लोगों ने सांप को नहीं मारा, क्योंकि उसे उसके किए की सज़ा खुद मिलेगी। मिनी की याद हमेशा हमारे दिलों में रहेगी। वो अपनी जान देकर हमें बचा गई।"
रसेल वाइपर: एक अत्यधिक विषैला सांप
वन विभाग के डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि हमें सांप के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी, लेकिन फोटो देखकर लग रहा है कि वह रसेल वाइपर ही था। इस प्रजाति का सांप बेहद विषैला होता है। सरधना रेंज क्षेत्र में 28 प्रजाति के सांप पाए जाते हैं, जिनमें रसेल वाइपर, कोबरा और कॉमन क्रेट जैसे जहरीले सांप शामिल हैं। राजेश कुमार ने बताया कि रसेल वाइपर गुस्सैल स्वभाव का होता है और इसके काटने पर यह हीमोटॉक्सिन नामक जहर छोड़ता है, जो खून जमा देता है और एक घंटे के भीतर मौत का कारण बन सकता है।
मिनी का यह बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा, जो न केवल उसकी अदम्य बहादुरी और वफ़ादारी का प्रतीक है, बल्कि पशु-मानव बंधन की गहराई को भी दर्शाता है।
