मेरठ में जाम से मुक्ति का सपना अटका, हापुड़ रोड सिक्स लेन प्रोजेक्ट 15 महीने लेट; बिजली की लाइनें और अतिक्रमण बनीं सबसे बड़ी बाधा
PWD ने बिजली विभाग से मांगा शटडाउन, केंद्र सरकार भी है नाराज़; अब बरसात से पहले काम पूरा करने की चुनौती
May 13, 2025, 22:29 IST
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मेरठ: दिल्ली-एनसीआर से कनेक्टिविटी और शहर के भीतर यातायात को सुगम बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माने जा रहे हापुड़ रोड सिक्स लेन चौड़ीकरण परियोजना भीषण लेटलतीफी का शिकार हो गई है। हापुड़ अड्डा चौराहा से बिजली बंबा चौराहा तक लगभग साढ़े चार किलोमीटर के इस स्ट्रेच को चौड़ा करने का काम निर्धारित समय सीमा से 15 महीने पिछड़ चुका है। इस विलंब के पीछे मुख्य रूप से बिजली की हाईटेंशन लाइनों की शिफ्टिंग न होना और कुछ स्थानों पर अतिक्रमण का न हट पाना बताया जा रहा है।READ ALSO:-सौरभ हत्याकांड मेरठ: इंसाफ की उम्मीद जगी! मुस्कान और साहिल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, जल्द शुरू होगा मुकदमा
हापुड़ अड्डा चौराहा से बिजली बंबा बाईपास चौराहा (किमी 3 से 7.469 किमी) तक के इस सिक्स लेन निर्माण कार्य की जिम्मेदारी भारत सरकार द्वारा पीडब्ल्यूडी के राष्ट्रीय राजमार्ग खंड गाजियाबाद को सौंपी गई है। परियोजना 2 जनवरी 2023 को शुरू हुई थी और इसे युद्धस्तर पर 1 जनवरी 2024 तक पूरा कर लिया जाना था, ताकि शहरवासियों को जाम से राहत मिल सके। हालांकि, धरातल पर स्थिति अलग है और प्रोजेक्ट डेढ़ साल बाद भी अधूरा है।
बिजली की लाइनें बनीं 'हाईटेंशन' बाधा:
परियोजना में सबसे बड़ी और तकनीकी बाधा सड़क के बीचोंबीच आ रही बिजली की हाईटेंशन और अन्य लाइनें हैं। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के अनुसार, इस कार्य पर ही लगभग 9 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि खर्च होनी है, लेकिन बिजली विभाग से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पा रहा है। कई स्थानों से लाइनें हटाई जा चुकी हैं, लेकिन अभी भी मेरठ शहर के आठ प्रमुख बिजलीघरों और फीडरों - जिनमें 11 केवी साउथ, 33/11 केवी सूरजकुंड, हापुड़ रोड, नौचंदी, 11 केवी इंद्रलोक, गोला कुआं, इस्लामाबाद और आशियाना कालोनी शामिल हैं - की 33 केवी, 11 केवी और एलटी लाइनें सड़क चौड़ीकरण के मार्ग में खड़ी हैं।
पीडब्ल्यूडी के राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के एक्सईएन शैलेंद्र सिंह ने बताया कि ठेकेदार ने लिखित रूप में रिपोर्ट दी है कि इन लाइनों और ट्रांसफार्मरों को शिफ्ट करने के लिए उन्हें बिजली विभाग से ज़रूरी शटडाउन नहीं मिल रहा है। इसी के चलते निर्माण कार्य ठप पड़ा है और परियोजना 15 महीने से ज़्यादा लेट हो गई है। उन्होंने मेरठ शहर के तीनों बिजली एक्सईएन को पत्र लिखकर अविलंब शटडाउन उपलब्ध कराने और सहयोग करने की मांग की है, ताकि काम आगे बढ़ सके।
अतिक्रमण का 'कोर्ट' कनेक्शन:
बिजली की लाइनों के अलावा, परियोजना की शुरुआत में लगभग 27 स्थानों पर अतिक्रमण और अवैध कब्जे भी बड़ी चुनौती थे। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के मुताबिक, अधिकांश अतिक्रमण हटा दिए गए हैं। नौचंदी स्थित तिरंगा द्वार के सामने कब्रिस्तान की चारदीवारी को भी बातचीत के बाद पीछे कर लिया गया है। हालांकि, हापुड़ अड्डा चौराहा पर स्थित छह दुकानें अभी भी बाधा बनी हुई हैं, क्योंकि इन दुकानों का मामला स्थानीय न्यायालय के साथ-साथ माननीय उच्च न्यायालय में भी विचाराधीन है, जिससे इन्हें हटाना संभव नहीं हो पा रहा है।
केंद्र सरकार की नाराज़गी और नई समय सीमा:
परियोजना में हो रही इस अप्रत्याशित देरी के कारण पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को केंद्र सरकार की ओर से भी तीव्र नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। यह परियोजना केंद्रीय निगरानी में है और इसका समय पर पूरा न होना सीधे तौर पर कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है।
बरसात से पहले काम पूरा करने की चुनौती:
पीडब्ल्यूडी एनएच खंड के सहायक अभियंता रईस अहमद ने बताया कि अब किसी भी कीमत पर इस सिक्स लेन के काम को जल्द से जल्द पूरा कराने का लक्ष्य रखा गया है। नई टाइम लाइन के तहत 31 मई तक कार्य खत्म करने की कोशिश है। उन्होंने स्वीकार किया कि अतिक्रमण की ज़्यादातर दिक्कतें दूर हो गई हैं और अब मुख्य काम बिजली की लाइनों को शिफ्ट करना ही बचा है, जिसके लिए बिजली विभाग से लगातार संपर्क साधा जा रहा है और शटडाउन की मांग की गई है। अधिकारियों का कहना है कि वे हर हाल में बरसात का मौसम शुरू होने से पहले इस महत्वपूर्ण सड़क का काम पूरा कर लेना चाहते हैं, ताकि बारिश के दौरान लोगों को और अधिक परेशानी का सामना न करना पड़े।
फिलहाल, सबकी निगाहें बिजली विभाग पर टिकी हैं कि कब शटडाउन मिलता है और हापुड़ रोड सिक्स लेन का काम अपनी अंतिम गति पकड़ पाता है, जिससे मेरठ के लोगों को जाम से स्थायी निजात मिल सके।
