मेरठ में DGGI का शिकंजा: फर्जी बिलों से GST चोरी के शक में कई ठिकानों पर छापेमारी

 नई दिल्ली से आई टीम ने खैरनगर और इमलियान मस्जिद इलाके में की पड़ताल, बैंकों से लोन दिलाने वाले और स्क्रैप व्यापारी से पूछताछ, लाखों की जीएसटी चोरी का मामला
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वस्तु एवं सेवा कर खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआइ) की एक टीम ने गुरुवार को मेरठ शहर में अचानक दबिश दी और कई स्थानों पर छापेमारी की। नई दिल्ली से आई इस टीम की कार्रवाई से शहर के व्यापारियों में हड़कंप मच गया। टीम देर रात तक खैरनगर के कूलर वाली गली स्थित मकान नंबर 74 में डेरा डाले रही और वहां घंटों तक दस्तावेजों की छानबीन करती रही।READ ALSO:-आगरा में शिक्षा का काला कारोबार: एसटीएफ ने पकड़ा फर्जी मार्कशीट बनाने वाला गिरोह, 8000 से ज्यादा नकली डिग्रियां बरामद

 

सूत्रों के अनुसार, डीजीजीआइ की टीम शहर में फर्जी फर्मों के नाम पर जारी किए गए बिलों की पड़ताल करने आई थी। इन फर्जी बिलों का इस्तेमाल करके इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के गलत दावे किए जाने और बड़े पैमाने पर जीएसटी चोरी किए जाने का संदेह है। टीम ने सबसे पहले खैरनगर में गत्ते वाली मार्केट और इमलियान मस्जिद के सामने स्थित एक ग्लास हाउस पर पूछताछ की और वहां से कुछ जानकारी जुटाई।

 

इसके बाद टीम का ध्यान कूलर वाली गली स्थित मकान नंबर 74 पर केंद्रित हो गया। इस मकान में रहने वाले रिजवान नामक व्यक्ति से टीम के अधिकारियों ने लंबी पूछताछ की। बताया जा रहा है कि रिजवान बैंकों से लोन दिलाने का काम करता है और उसका अपना एक साइबर कैफे भी है। टीम को संदेह है कि रिजवान भी इस फर्जी बिलिंग और जीएसटी चोरी के नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है।

 

जांच के दौरान गत्ते वाली मार्केट में ट्रेडिंग का काम करने वाले फैसल नामक एक व्यापारी के बैंक खातों में अलग-अलग कंपनियों से हुए बड़े पैमाने पर लेनदेन की जानकारी सामने आई है। माना जा रहा है कि इसी वजह से डीजीजीआइ की टीम फैसल तक पहुंची। मेरठ में स्क्रैप का कारोबार काफी बड़ा है और आशंका जताई जा रही है कि फैसल और रिजवान जैसे लोग स्क्रैप का काम करने वाली बड़ी-बड़ी कंपनियों के लिए फर्जी बिल जनरेट करके उन्हें अवैध रूप से इनपुट टैक्स क्रेडिट पास ऑन कर रहे थे। इस गोरखधंधे के जरिए लाखों रुपये की जीएसटी चोरी होने की संभावना है।

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टीम ने इमलियान मस्जिद के सामने स्थित ग्लास हाउस पर भी इसी सिलसिले में जांच की। हालांकि, वहां से क्या जानकारी मिली है, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। डीजीजीआइ की टीम गुरुवार दोपहर को ही मेरठ पहुंच गई थी और उसने अपनी कार्रवाई को पूरी तरह से गोपनीय रखा। टीम के किसी भी अधिकारी ने इस मामले में मीडिया को कोई भी जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया है। माना जा रहा है कि टीम को कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं और आने वाले दिनों में इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं। फिलहाल, शहर के व्यापारिक हलकों में इस छापेमारी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं जारी हैं।
SONU

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