मेरठ में अलविदा जुमे पर वक्फ संशोधन बिल का विरोध, नमाजियों ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध

 शाही जामा मस्जिद में वक्फ एक्ट संशोधन के खिलाफ काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ने पहुंचे नमाजी
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Wakf Bill Namazis
मेरठ: मेरठ में अलविदा जुमे की नमाज के दौरान आज वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। शहर की ऐतिहासिक शाही जामा मस्जिद में बड़ी संख्या में नमाजी एकत्रित हुए और उन्होंने अपनी बांहों पर काली पट्टी बांधकर केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन बिल का शांतिपूर्ण विरोध दर्ज कराया।READ ALSO:-मुजफ्फरनगर के खतौली में मेरठ जैसी साजिश: प्रेमी से बात करने का करता था विरोध, पत्नी ने जहरीली कॉफी पिलाकर की हत्या की कोशिश

 

नमाजियों ने बताया कि उनका यह विरोध वक्फ एक्ट 1995 में प्रस्तावित उन संशोधनों के खिलाफ है, जिन्हें लेकर उन्हें आपत्ति है। उन्होंने कहा कि यह संशोधन मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ हैं और इसलिए वे इसका विरोध कर रहे हैं। नमाजियों को पहले से ही इस विरोध प्रदर्शन के बारे में सूचित कर दिया गया था, जिसके कारण वे बड़ी संख्या में काली पट्टी बांधकर मस्जिद पहुंचे थे।

 


जब पुलिस अधिकारियों ने नमाजियों को काली पट्टी बांधे हुए देखा, तो उन्होंने इसे उतरवाने का प्रयास किया। हालांकि, नमाजियों ने पुलिस के इस प्रयास का विरोध किया। उन्होंने तर्क दिया कि भारतीय संविधान उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से अपनी असहमति व्यक्त करने और विरोध करने का मौलिक अधिकार देता है, और उनकी काली पट्टी बांधना उसी अधिकार के तहत आता है। नमाजियों ने वक्फ संशोधन बिल को तत्काल वापस लेने की मांग की।

 

अलविदा जुमे की नमाज और विरोध प्रदर्शन को देखते हुए शाही जामा मस्जिद के आसपास सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। भारी संख्या में स्थानीय पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को मस्जिद के बाहर तैनात किया गया था ताकि किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके। इसके अतिरिक्त, पूरे क्षेत्र पर ड्रोन कैमरों की मदद से भी लगातार निगरानी रखी जा रही थी। शहर की अन्य प्रमुख मस्जिदों पर भी अलविदा जुमे की नमाज को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।

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इस अवसर पर, शहर के काजी ने अलविदा जुमे की अपनी तकरीर (उपदेश) में ईद के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ईद उल फितर भाईचारे और प्रेम का त्यौहार है। यह पवित्र रमजान के महीने में इबादत और रोजा रखने के बाद आता है। उन्होंने सभी से आपसी सौहार्द और सद्भाव बनाए रखते हुए ईद का त्यौहार मनाने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि शांति और एकता ही समुदाय की प्रगति का मार्ग है।

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कुल मिलाकर, मेरठ में अलविदा जुमे की नमाज शांतिपूर्वक संपन्न हुई, हालांकि वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ नमाजियों का विरोध स्पष्ट रूप से दिखाई दिया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में रखा और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली।

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