दिल्ली से मोदीपुरम 1 घंटे से कम में: नमो भारत कॉरिडोर पर अंतिम चरण का कार्य तेज़, इसी साल जल्द दौड़ेगी देश की पहली सेमी हाई स्पीड रीजनल ट्रेन
सराय काले खां से मोदीपुरम तक 82 KM रूट पर ट्रैक पूरा, विद्युतीकरण जारी; 50 फीट ऊंचा मोदीपुरम स्टेशन लगभग तैयार, मई में शताब्दी नगर तक संचालन संभव
Apr 30, 2025, 07:05 IST
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मेरठ: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लाखों लोगों का इंतज़ार अब खत्म होने वाला है। देश की पहली सेमी हाई स्पीड रीजनल ट्रेन, 'नमो भारत' (RRTS), दिल्ली के सराय काले खां से उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित मोदीपुरम तक 82 किलोमीटर के पूरे कॉरिडोर पर इसी वर्ष 2025 में दौड़ना शुरू कर देगी। यह परियोजना दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लोगों के लिए एक बहुत बड़ी सौगात साबित होगी, क्योंकि इससे यात्रा का समय एक घंटे से भी कम हो जाएगा और ट्रैफिक जाम व शोर-शराबे से मुक्ति मिलेगी।READ ALSO:-अब चलेगा बुलडोजर? मेरठ के "शास्त्रीनगर कॉम्प्लेक्स पर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख, समय सीमा बढ़ाने की याचिका खारिज"
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर युद्ध स्तर पर कार्य कर रहा है। वर्तमान में नमो भारत ट्रेन दिल्ली के न्यू अशोक नगर से मेरठ दक्षिण के बीच लगभग 55 किलोमीटर की दूरी 11 स्टेशनों के साथ तय कर रही है। अब ध्यान शेष स्ट्रेच को पूरा करने पर है।
तेजी से जारी है निर्माण कार्य:
पूरे 82 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर ट्रैक बिछाने का काम पूरी तरह से संपन्न हो चुका है। इस समय, संपूर्ण कॉरिडोर पर विद्युतीकरण का कार्य अत्यंत तीव्र गति से चल रहा है। ओएचई (ओवरहेड इलेक्ट्रिक लाइन) डालने का काम जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है, जो ट्रेन संचालन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
तैयार हो रहा भव्य मोदीपुरम स्टेशन:
मेरठ के उत्तरी छोर पर स्थित मोदीपुरम स्टेशन, जो लगभग 50 फ़ीट की ऊंचाई पर आकार ले चुका है, अब संचालन के लिए लगभग तैयार है। यह स्टेशन मेरठ के शताब्दी नगर स्टेशन की ही तरह एलिवेटेड है।
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प्लेटफॉर्म: इसमें कुल तीन प्लेटफार्म हैं। दो प्लेटफार्म नमो भारत ट्रेन के संचालन के लिए समर्पित होंगे, जबकि एक प्लेटफार्म मेरठ मेट्रो सेवाओं के लिए उपयोग किया जाएगा।
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आकार: स्टेशन की कुल लंबाई 215 मीटर और चौड़ाई 34 मीटर है, जो इसे एक महत्वपूर्ण हब बनाता है।
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सुविधाएं: यात्रियों की सुविधा के लिए प्लेटफॉर्म के नीचे पर्याप्त पार्किंग स्पेस है। प्लेटफॉर्म तक आसानी से पहुंचने के लिए अलग-अलग स्थानों पर आठ सीढ़ियां, छह एस्केलेटर और छह लिफ्ट स्थापित की गई हैं।
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सुरक्षा: यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यहां प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (PSD) लगाए गए हैं, जो ट्रेन के रुकने पर ही खुलेंगे।
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सौर ऊर्जा: मोदीपुरम स्टेशन पर जल्द ही सोलर पैनल रूफ लगाने का काम शुरू होगा, जिससे स्टेशन को हरित ऊर्जा मिलेगी।
मेरठ का 23 किलोमीटर का रूट:
82 किलोमीटर के कुल कॉरिडोर में से 23 किलोमीटर का हिस्सा मेरठ जिले में पड़ता है, जो मेरठ साउथ से मोदीपुरम डिपो के बीच की दूरी है। मेरठ में नमो भारत के कुल चार स्टॉपेज होंगे: मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम। इनमें से भैंसाली, मेरठ सेंट्रल और बेगमपुल स्टेशन भूमिगत (underground) हैं। पूरे 82 किलोमीटर के रूट पर कुल चार अंडर ग्राउंड स्टेशन हैं।
बेहतर कनेक्टिविटी पर ज़ोर:
यात्रियों को स्टेशनों तक पहुंचने में आसानी हो, इसके लिए भी विशेष ध्यान दिया गया है। स्टेशन साइड की दूसरी तरफ के लोगों को सड़क पार करने के लिए ट्रैफिक के बीच से नहीं आना पड़ेगा। इसके लिए हाईवे के ऊपर से फुट ओवर ब्रिज का निर्माण पूरा हो चुका है और उस पर फिनिशिंग का काम चल रहा है। भविष्य की कनेक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए, मोदीपुरम में ही यूपी परिवहन निगम का बस स्टेशन भी प्रस्तावित है। यहाँ से आगामी समय में उत्तराखंड और वेस्ट यूपी के अन्य जिलों के लिए भी बसें संचालित होंगी, जिससे यात्रियों के लिए सराय काले खां तक पहुंचना और भी सुगम हो जाएगा।
NCRTC पर्यावरण संरक्षण के प्रति भी प्रतिबद्ध है, जैसा कि उसके कार्बन निगेटिव स्टेशनों (गुलधर, साहिबाबाद और दुहाई डिपो) से स्पष्ट होता है। स्टेशनों को ऊर्जा सोलर पैनलों से और पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड दोनों से प्राप्त होती है।
गौरतलब है कि वर्तमान में नमो भारत ट्रेन न्यू अशोक नगर से मेरठ दक्षिण तक चल रही है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, मई 2025 में इसका संचालन मेरठ के शताब्दी नगर तक भी शुरू होने की संभावना है, जो मोदीपुरम तक पूर्ण संचालन की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम होगा।
