मेरठ में CBI का ऑपरेशन 'संजीवनी': पूर्व MLC की बेटी पर शिकंजा, 35 लोगों पर भ्रष्टाचार का केस!
मेडिकल कॉलेजों को मान्यता दिलाने के लिए करोड़ों की 'डील', रणदीप-शिवानी कनेक्शन से मचा हड़कंप; 40 से ज़्यादा ठिकानों पर CBI की रेड
Jul 3, 2025, 11:17 IST
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मेरठ, उत्तर प्रदेश: देश भर के मेडिकल कॉलेजों में 'मान्यता' की आड़ में चल रहे कथित रिश्वतखोरी के बड़े खेल का पर्दाफाश हुआ है! केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मेरठ में एक हाई-प्रोफाइल छापेमारी कर हड़कंप मचा दिया है, जिसमें भाजपा की पूर्व एमएलसी (विधान परिषद सदस्य) डॉ. सरोजिनी अग्रवाल की बेटी डॉ. शिवानी अग्रवाल पर भ्रष्टाचार का गंभीर मुकदमा दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई सिर्फ मेरठ तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार छत्तीसगढ़ सहित देश के कई राज्यों से जुड़ रहे हैं।READ ALSO:-यूपी में मूसलाधार बारिश का कहर: 48 ज़िलों में अलर्ट, अलीगढ़ में बाढ़ का खतरा!
CBI ने डॉ. शिवानी अग्रवाल सहित कुल 35 लोगों को नामजद किया है, जिन पर मेडिकल कॉलेजों को अवैध रूप से मान्यता दिलाने के लिए मोटी रिश्वत लेने का आरोप है।
क्या है 'संजीवनी' स्कैम?
CBI की जांच में सामने आया है कि कुछ मेडिकल कॉलेज और उनके संचालक, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों के साथ मिलकर एक सुनियोजित ढंग से 'मान्यता' का खेल खेल रहे थे। इस 'खेल' में 55 लाख रुपये तक की रिश्वत लेकर कॉलेजों को मनचाही रिपोर्ट दी जाती थी। सीबीआई ने इस मामले में डॉ. मयूर रावल और डॉ. श्री आर. रणदीप नायर समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार डॉ. रणदीप और डॉ. शिवानी अग्रवाल के बीच लगातार बातचीत होती थी।
CBI की जांच में सामने आया है कि कुछ मेडिकल कॉलेज और उनके संचालक, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों के साथ मिलकर एक सुनियोजित ढंग से 'मान्यता' का खेल खेल रहे थे। इस 'खेल' में 55 लाख रुपये तक की रिश्वत लेकर कॉलेजों को मनचाही रिपोर्ट दी जाती थी। सीबीआई ने इस मामले में डॉ. मयूर रावल और डॉ. श्री आर. रणदीप नायर समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार डॉ. रणदीप और डॉ. शिवानी अग्रवाल के बीच लगातार बातचीत होती थी।
आरोप है कि इन लोगों ने निरीक्षण करने वाले डॉक्टरों को प्रभावित किया, प्रक्रिया में हेरफेर की, और निरीक्षण के दौरान फर्जीवाड़े को अंजाम दिया।
NCR मेडिकल कॉलेज पर भी लगे गंभीर आरोप
मेरठ का हापुड़ रोड स्थित एनसीआर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर भी इस जांच के घेरे में आ गया है। इस कॉलेज ने एमबीबीएस की 50 सीटें बढ़ाने के लिए आवेदन किया था। CBI का दावा है कि एमएस टेक्नीफाई सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के मयूर रावल और आर. रणदीप नायर ने इस कॉलेज को अवैध रूप से लाभ पहुंचाने की साज़िश रची।
मेरठ का हापुड़ रोड स्थित एनसीआर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर भी इस जांच के घेरे में आ गया है। इस कॉलेज ने एमबीबीएस की 50 सीटें बढ़ाने के लिए आवेदन किया था। CBI का दावा है कि एमएस टेक्नीफाई सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के मयूर रावल और आर. रणदीप नायर ने इस कॉलेज को अवैध रूप से लाभ पहुंचाने की साज़िश रची।
आरोपों के मुताबिक, नायर और उनके सहयोगियों ने एनसीआर मेडिकल कॉलेज को कई तरह से मदद की:
- मूल्यांकनकर्ताओं को रिश्वत देकर पसंदीदा निरीक्षण रिपोर्ट हासिल करना।
- निरीक्षण के दौरान गैर-मौजूद या प्रॉक्सी फैकल्टी की तैनाती।
- फर्जी मरीज़ों को भर्ती दिखाकर नकली 'अनुपालन' पेश करना।
- फैकल्टी की उपस्थिति को गलत दिखाने के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली से छेड़छाड़ करना।
कौन-कौन हैं CBI के निशाने पर?
एनसीआर मेडिकल कॉलेज में कई प्रतिष्ठित हस्तियां शामिल हैं, जो अब CBI की जांच के दायरे में हैं:
एनसीआर मेडिकल कॉलेज में कई प्रतिष्ठित हस्तियां शामिल हैं, जो अब CBI की जांच के दायरे में हैं:
- चेयरमैन: डॉ. ओमप्रकाश गुप्ता
- प्रेसिडेंट: पूर्व एमएलसी डॉ. सरोजिनी अग्रवाल
- पीईओ (प्रिंसिपल एग्जीक्यूटिव ऑफिसर): डॉ. हिमानी अग्रवाल (जो उत्तर प्रदेश महिला आयोग की सदस्य भी हैं)
- असिस्टेंट मैनेजिंग डायरेक्टर: डॉ. शिवानी अग्रवाल (जिन पर सीधे मुकदमा दर्ज हुआ है)
- डायरेक्टर जनरल एवं नोडल: डॉ. अश्वनी शर्मा
सोमवार को NMC की टीम ने कॉलेज में 12 घंटे तक जांच-पड़ताल की थी। इसके ठीक बाद मंगलवार को CBI ने एनसीआर मेडिकल कॉलेज, उससे जुड़े दयानंद अस्पताल और पूर्व एमएलसी डॉ. सरोजिनी अग्रवाल के घर पर भी छापा मारा।
CBI के एसपी कमल सिंह चौधरी ने नई दिल्ली में डॉ. शिवानी सहित 35 लोगों के खिलाफ सरकारी अफसरों को रिश्वत देने पर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया है। CBI ने एक प्रेस नोट जारी कर पुष्टि की है कि जांच अभी जारी है।
पूर्व MLC डॉ. सरोजिनी अग्रवाल का क्या कहना है?
इस पूरे घटनाक्रम पर पूर्व एमएलसी डॉ. सरोजिनी अग्रवाल ने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने CBI टीम का पूरा सहयोग किया। उनके अनुसार, टीम ने कॉलेज, अस्पताल और घर पर करीब 12 घंटे तक जांच की, लेकिन उन्हें कोई धांधली नहीं मिली। उन्होंने बताया कि टीम ने कॉलेज के सभी दस्तावेज़, छात्रों का रिकॉर्ड और स्टाफ से भी पूछताछ की, और सभी ने जांच में सहयोग किया। टीम रात करीब 12 बजे उनके घर से रवाना हुई।
इस पूरे घटनाक्रम पर पूर्व एमएलसी डॉ. सरोजिनी अग्रवाल ने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने CBI टीम का पूरा सहयोग किया। उनके अनुसार, टीम ने कॉलेज, अस्पताल और घर पर करीब 12 घंटे तक जांच की, लेकिन उन्हें कोई धांधली नहीं मिली। उन्होंने बताया कि टीम ने कॉलेज के सभी दस्तावेज़, छात्रों का रिकॉर्ड और स्टाफ से भी पूछताछ की, और सभी ने जांच में सहयोग किया। टीम रात करीब 12 बजे उनके घर से रवाना हुई।
इस हाई-प्रोफाइल मामले में सीबीआई की जांच जारी है, और आने वाले समय में कई और बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।
