वक्फ कानून पर 'बत्ती गुल': मेरठ में मुस्लिम समुदाय का 15 मिनट का सांकेतिक ब्लैकआउट, जानिए क्यों पसरा अंधेरा?

असदुद्दीन ओवैसी और AIMPLB के आह्वान पर हुआ विरोध प्रदर्शन, संशोधित अधिनियम को बताया असंवैधानिक और भेदभावपूर्ण
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MRT
मेरठ: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के विरोध में बुधवार रात मेरठ के मुस्लिम बहुल इलाकों में अभूतपूर्व नजारा देखने को मिला। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के एक राष्ट्रव्यापी आह्वान पर, शहर के मुस्लिम समुदाय ने 15 मिनट के लिए 'ब्लैकआउट' कर अपना विरोध दर्ज कराया।Read also:-मंडप सज गया, बारात तैयार थी...ऐन वक्त पर 'दुल्हन' और परिवार का खेल! मेरठ में शादी के नाम पर लाखों का चूना, सेहरा बांधने से पहले दूल्हा पहुंचा थाने

 

रात ठीक 9 बजे से 9 बजकर 15 मिनट तक, लिसाड़ी गेट क्षेत्र की लगभग 30 कॉलोनियों सहित जली कोठी, अहमदनगर, इस्लामाबाद और लोहिया नगर जैसे प्रमुख मुस्लिम इलाकों के हजारों घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की बत्तियां बुझा दी गईं। इस दौरान पूरे क्षेत्र में घना अंधेरा छा गया, जो संशोधित वक्फ अधिनियम के प्रति समुदाय की गहरी नाराजगी का प्रतीक था। सड़कों पर भी सन्नाटा पसर गया और इक्का-दुक्का वाहन ही हेडलाइट्स के सहारे आते-जाते दिखे।

 

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस संशोधन विधेयक को "असंवैधानिक" और "भेदभावपूर्ण" करार दिया है। उन्होंने पुरजोर शब्दों में कहा है कि यह अधिनियम मुस्लिम समुदाय के अधिकारों और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सरकारी हस्तक्षेप को बढ़ाएगा, जो स्वीकार्य नहीं है। ओवैसी और AIMPLB ने संयुक्त रूप से मुस्लिम समुदाय से अपील की थी कि वे इस प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन में शामिल होकर सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाएं।

 

इस अपील का व्यापक असर मेरठ में देखने को मिला, जहां लोगों ने स्वेच्छा से अपने घरों, दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों की बिजली बंद रखकर अधिनियम के प्रति अपना विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह 'ब्लैकआउट' केवल 15 मिनट का सांकेतिक विरोध है, लेकिन यह सरकार के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि मुस्लिम समुदाय इस कानून के संबंध में अपनी चिंताओं को लेकर गंभीर है और इसके खिलाफ एकजुट है।

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वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर मुस्लिम संगठनों और विद्वानों में बेचैनी है। उनका आरोप है कि यह नया कानून वक्फ बोर्डों की स्वायत्तता को कम करेगा और वक्फ संपत्तियों के उचित प्रबंधन और सुरक्षा में बाधा उत्पन्न कर सकता है। इस विरोध प्रदर्शन को इसी व्यापक असंतोष की अभिव्यक्ति के तौर पर देखा जा रहा है, जिसकी चिंगारी अब देश के अन्य हिस्सों में भी फैलने लगी है। मेरठ का यह 'ब्लैकआउट' प्रदर्शन इसी कड़ी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा, जिसने संशोधित वक्फ अधिनियम के खिलाफ मुस्लिम समुदाय के विरोध को मजबूती दी है।
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