उत्तर प्रदेश में सभी छात्रों को नहीं मिलेगी छात्रवृत्ति, सरकार लाई नई व्यवस्था; लाभ पाने के लिए जानिए क्या है नया नियम?

सरकार ने छात्रवृत्ति में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए बायोमेट्रिक सत्यापन व्यवस्था लागू की है। अब छात्रों को स्कूल आकर अपना अंगूठा लगाना होगा। सत्यापन के लिए डाटा लखनऊ जाएगा। इसके बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी को छात्रवृत्ति देने के आदेश दिए जाएंगे। इसके बाद ही उन्हें छात्रवृत्ति मिलेगी। इस प्रक्रिया से फर्जी एडमिशन लेकर छात्रवृत्ति लेने पर रोक लगेगी।
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students will get scholarship in Uttar Pradesh
फर्जीवाड़ा कर छात्रवृत्ति पाना अब नामुमकिन हो जाएगा। इसके लिए सरकार ने बायोमेट्रिक्स का सहारा लिया है। अब विद्यार्थियों को स्कूल आकर अंगूठा लगाना होगा। तभी नियमों के तहत छात्रवृत्ति मिल सकेगी। इससे पहले स्कूल के प्रधानाचार्य और एक छात्रवृत्ति नोडल अधिकारी को भी जिला समाज कल्याण अधिकारी के कार्यालय में जाकर बायोमेट्रिक्स के जरिए अंगूठा लगाना होगा। यह काम फिलहाल जिला समाज कल्याण अधिकारी के कार्यालय में पिछले कई दिनों से चल रहा है।READ ALSO:-मुजफ्फरनगर: भीड़ में बनाई थी अपहरण की फर्जी रील, भीड़ ने घेरा तो कैमरा दिखाकर भागे, पुलिस ने किया गिरफ्तार, वीडियो वायरल

 

स्नातक तक के विद्यार्थियों को मिलती है छात्रवृत्ति
प्रदेश सरकार नौवीं कक्षा से लेकर स्नातक तक के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति देती है। पहले स्कूल, कॉलेज में प्रवेश लेने के बाद विद्यार्थी छात्रवृत्ति पाने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी करते थे। जिसके बाद स्कूल, कॉलेज से ऑनलाइन सत्यापन के लिए लखनऊ जाते थे और उसके बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी के पास आते थे।

 

जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय से पैसा दिया जाता था। इस प्रक्रिया में प्रदेश के कई जिलों में अनियमितताएं सामने आई थीं। पता चला था कि कुछ स्कूल, कॉलेजों ने फर्जी प्रवेश लेकर छात्रवृत्ति ले ली थी। इस फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सरकार ने अब बायोमेट्रिक मशीनों का सहारा लिया है।

 

जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि अब सबसे पहले स्कूल, कॉलेज के प्रिंसिपल, हेडमास्टर और एक छात्रवृत्ति नोडल अधिकारी को छात्रवृत्ति वेब पोर्टल पर अपने अंगूठे का निशान देना होगा। स्कूल, कॉलेज में प्रिंसिपल और नोडल अधिकारी के अंगूठे के निशान से यह वेब पोर्टल खुलेगा।

 

वह अपने कॉलेज के सभी पात्र छात्रों के अंगूठे के निशान लेंगे। डाटा सत्यापन के लिए लखनऊ जाएगा। इसके बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी को छात्रवृत्ति देने के आदेश दिए जाएंगे। अंगूठे के निशान का प्रवेश रजिस्टर से मिलान किया जाएगा। इससे फर्जीवाड़ा रुकेगा।

 

9वीं और 10वीं के छात्रों को मिलते हैं तीन हजार रुपये
जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि 9वीं और 10वीं के छात्रों को छात्रवृत्ति के रूप में तीन हजार रुपये मिलते हैं। इससे ऊपर की कक्षाओं के छात्रों को छात्रवृत्ति के साथ शुल्क प्रतिपूर्ति भी मिलती है।

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ये छात्र होते हैं पात्र
अनुसूचित जाति के छात्रों के परिवार के मुखिया की आय ढाई लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के परिवार के मुखिया की आय दो लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। तभी छात्रवृत्ति का लाभ मिल सकेगा।

 

कार्यालय में भीड़, वेबसाइट नहीं चल रही
बायोमेट्रिक मशीन पर अंगूठा लगाने के लिए स्कूल-कॉलेज स्टाफ की भीड़ लग रही है। स्कूल-कॉलेजों का स्टाफ चार दिन से परेशान है। इसकी वजह वेबसाइट का काम न करना है।
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