पहलगाम हमले के बाद एयर स्ट्राइक, फिर मेरठ में युद्ध जैसी तैयारी… स्कूल से लेकर सड़कों तक चला ब्लैकआउट और रेस्क्यू ऑपरेशन
पहलगाम घटना और जवाबी कार्रवाई के बाद पश्चिम यूपी में हाई अलर्ट; नागरिकों और छात्रों ने किया आपातकालीन सुरक्षा कवायद में हिस्सा
May 7, 2025, 21:28 IST
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मेरठ: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके लगभग पंद्रह दिनों बाद भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर की गई जवाबी एयर स्ट्राइक के बाद बनी स्थिति के मद्देनज़र, मेरठ जनपद में पुलिस और प्रशासन सुरक्षा के लिहाज़ से पूरी तरह अलर्ट पर है। किसी भी संभावित चुनौती का सामना करने और नागरिकों को आपात स्थिति के लिए तैयार करने के उद्देश्य से, बुधवार को मेरठ शहर में दो महत्वपूर्ण मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसने सुरक्षा तैयारियों को लेकर गंभीरता का प्रदर्शन किया।READ ALSO:-बिजनौर में 'ब्लैकआउट' मॉक ड्रिल: 15 मिनट अंधेरे में रहा जिला, सायरन बजते ही बंद हुईं लाइटें
रात 8 बजे 'युद्ध का सायरन' और शहर में 'ब्लैकआउट'
बुधवार रात ठीक 8 बजे, मेरठ के आसमान में अचानक 'युद्ध का सायरन' गूंज उठा। इस अप्रत्याशित आवाज़ ने शहरवासियों को चौंका दिया, लेकिन प्रशासन द्वारा दी गई पूर्व जानकारी के चलते लोग तुरंत सतर्क हो गए। सायरन की आवाज़ सुनते ही नागरिक सुरक्षित स्थानों की ओर भागे या अपने घरों में सुरक्षित आश्रय लिया। इसी के साथ, सड़कों पर चल रहे वाहन चालकों ने भी प्रशासन के निर्देशानुसार तत्काल अपनी गाड़ियों की लाइटें बंद कर दीं, जिससे शहर के कई हिस्सों में सांकेतिक 'ब्लैकआउट' की स्थिति निर्मित हो गई।
Uttar Pradesh: A blackout is being observed in Meerut as part of the nationwide mock drill ordered by the MHA pic.twitter.com/2jqvPI6Gv1
— IANS (@ians_india) May 7, 2025
इस रात्रि अभ्यास के दौरान, सीओ कोतवाली आशुतोष और एडीएम सिटी बृजेश कुमार मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को हवाई हमले जैसी आपात स्थिति में 'ब्लैकआउट' के महत्व के प्रति जागरूक करना था। उन्होंने समझाया कि लाइटें बंद रखना इसलिए ज़रूरी है ताकि दुश्मनों को आबादी वाले क्षेत्रों का पता लगाने और उन्हें निशाना बनाने के लिए कोई 'सिग्नल' न मिल सके। यह अभ्यास संभावित हवाई हमले से बचाव की रणनीति का एक अहम हिस्सा था।
शाम 4 बजे स्कूल में 'आतंकी हमले' और रेस्क्यू ऑपरेशन का अभ्यास
रात्रि ब्लैकआउट से पहले, बुधवार शाम 4 बजे लालकुर्ती क्षेत्र स्थित सेंट जोसफ इंटर कॉलेज में भी एक विस्तृत मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी। इस ड्रिल का focus स्कूल परिसर में संभावित 'आतंकी हमले' जैसी स्थिति से निपटना था। सायरन बजते ही, स्कूल के छात्रों ने तेज़ी से प्रतिक्रिया दी और तुरंत सुरक्षा के लिए ज़मीन पर लेट गए। ड्रिल के परिदृश्य के अनुसार, 'आतंकी हमला' हुआ और स्कूल की बिल्डिंग में 'आग लग गई'। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीमें तत्काल मौके पर पहुंचीं और 'आग बुझाने' तथा छात्रों को संभावित खतरे से अलर्ट करने का अभ्यास किया।
शासन के निर्देशो के क्रम में जिलाधिकारी के मार्गदर्शन में सेन्ट जोजफ इंटर कालेज सहित अन्य स्कूल/कालेज, विश्वविद्यालय व अन्य स्थानो पर किया गया मॉकड्रिल का सफलतापूर्वक आयोजन @InfoDeptUP @UPGovt @CMOfficeUP @chiefsecyUP @DMMeerut pic.twitter.com/qJg1m8mAFK
— Suchna Vibhag Meerut (@SuchnaMeerut) May 7, 2025
इस स्कूल ड्रिल में छात्रों ने मेज और कुर्सियों के नीचे छिपकर अपनी सुरक्षा करने का तरीका सीखा। फायर ब्रिगेड ने 'आग' पर जल्द ही काबू पा लिया। 'पाकिस्तान के हमले' (काल्पनिक परिदृश्य) में कुछ छात्रों को 'घायल' भी दिखाया गया। इन 'घायल' छात्रों को बचाने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने त्वरित 'रेस्क्यू ऑपरेशन' चलाया। रस्सियों के सहारे उन्हें स्कूल की दूसरी बिल्डिंग से नीचे सुरक्षित उतारा गया। इसके बाद, मुस्तैद पुलिस कर्मियों ने 'घायल' छात्रों को कंधों पर उठाकर तेज़ी से पास खड़ी एंबुलेंस की ओर दौड़ लगाई, ताकि उन्हें तत्काल 'उपचार' के लिए भेजा जा सके। इस पूरे अभ्यास की निगरानी जिलाधिकारी, एसपी और अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों ने की।
मेरत में दिन और रात में आयोजित इन दोहरी मॉक ड्रिल के माध्यम से प्रशासन ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वे किसी भी संभावित सुरक्षा खतरे को हल्के में नहीं ले रहे हैं। इन अभ्यासों ने न केवल सुरक्षा बलों और आपातकालीन सेवाओं की तैयारियों को परखा, बल्कि नागरिकों, विशेषकर छात्रों को भी यह सिखाया कि आपात स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया देनी है और सुरक्षित कैसे रहना है। यह कवायद भविष्य में किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए मेरठ की तैयारियों को मज़बूत करती है।
