⚖️सुप्रीम कोर्ट का हंटर चला! मेरठ के सेंट्रल मार्केट में अवैध कॉम्प्लेक्स 661/6 के 21 दुकानदारों को 'अंतिम चेतावनी', 15 दिन में खाली करो!

 🏗️आवास विकास परिषद पूरी तैयारी में: ध्वस्तीकरण का खर्चा और 52 दुकानदारों पर FIR की तलवार, खलबली मची!
 | 
Central Market MEERUT
मेरठ: सुप्रीम कोर्ट के कड़े आदेशों के बाद मेरठ के सेंट्रल मार्केट में अवैध रूप से खड़े कॉम्प्लेक्स संख्या 661/6 के दिन अब गिनती के रह गए हैं। आवास एवं विकास परिषद ने इस मामले में अपनी स्थिति बेहद मजबूत कर ली है और कॉम्प्लेक्स में काबिज 21 दुकानदारों को तत्काल दुकानें खाली करने का अंतिम नोटिस जारी कर दिया है। परिषद ने साफ कर दिया है कि अगर अगले 15 दिनों के भीतर इन दुकानों को खाली नहीं किया गया, तो जबरन ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी और इसका पूरा खर्च भी दुकानदारों से ही वसूला जाएगा। इस बड़े एक्शन की तैयारी के बीच, इस अवैध निर्माण से जुड़े कुल 52 दुकानदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की भी कवायद तेज हो गई है, जिससे व्यापारियों में भारी खलबली मची हुई है।READ ALSO:-🩺हाई बीपी के मरीजों के लिए खुशखबरी! क्या अलसी तेल का खास मिश्रण करेगा ब्लड प्रेशर का 'तालमेल' ठीक?

 

यह पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद गरमाया है, जिसमें कॉम्प्लेक्स 661/6 को ध्वस्त करने के निर्देश दिए गए थे। इस अवैध निर्माण को बचाने के लिए व्यापारियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गईं तमाम याचिकाएं पहले ही खारिज हो चुकी हैं, जिससे अब ध्वस्तीकरण अपरिहार्य हो गया है।

 

गौरतलब है कि सेंट्रल मार्केट क्षेत्र आवास एवं विकास परिषद की महत्वपूर्ण शास्त्रीनगर स्कीम संख्या 7 का हिस्सा है। इस स्कीम के तहत सेक्टर-2 और सेक्टर-6 के मुख्य मार्ग को सेंट्रल मार्केट के तौर पर विकसित किया गया था। आवास विकास परिषद की आंतरिक रिपोर्ट बताती है कि इस स्कीम में कुल 6379 आवासीय संपत्तियां स्वीकृत हैं, लेकिन नियमों को ताक पर रखकर इनमें से 860 संपत्तियों का व्यावसायिक इस्तेमाल किया जा रहा है। सेंट्रल मार्केट में मुख्य रूप से सराफा, डेयरी, रेडीमेड गारमेंट्स और अन्य मर्चेंट स्टोर जैसी दुकानें संचालित हैं।

 

आवास एवं विकास परिषद ने कॉम्प्लेक्स 661/6 के 21 दुकानदारों को जो अंतिम नोटिस जारी किया है, उसमें सुप्रीम कोर्ट के ध्वस्तीकरण आदेश का स्पष्ट उल्लेख है। दुकानदारों को 15 दिन की मोहलत देते हुए साफ शब्दों में चेतावनी दी गई है कि यदि वे इस अवधि में दुकानें खाली नहीं करते हैं, तो इसे सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना माना जाएगा, जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। परिषद के सूत्रों ने बताया कि इस अवैध कॉम्प्लेक्स में सीधे तौर पर शामिल 21 दुकानदारों के अलावा, कुछ अन्य संपत्तियों के 31 दुकानदार भी जांच के दायरे में हैं, और इन सभी 52 दुकानदारों के खिलाफ जल्द ही कानूनी शिकंजा कसते हुए एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

 OMEGA

आवास एवं विकास परिषद के अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार ने पुष्टि करते हुए बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का अक्षरशः पालन किया जा रहा है। दुकानदारों को तीसरा और अंतिम नोटिस जारी कर दिया गया है और उन्हें स्वेच्छा से 15 दिन के भीतर अपनी दुकानें खाली करने के लिए कहा गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि दुकानदार ऐसा नहीं करते हैं, तो परिषद बिना किसी देरी के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू करेगी और इसमें आने वाला समस्त व्यय संबंधित दुकानदारों से वसूल किया जाएगा। इस सख्त कदम से अवैध निर्माण करने वालों और उन्हें बढ़ावा देने वालों के खिलाफ एक कड़ा संदेश गया है।

 

सेंट्रल मार्केट में इस बड़े एक्शन की तैयारी से हड़कंप का माहौल है। जिन दुकानदारों को नोटिस मिले हैं, उनकी चिंताएं बढ़ गई हैं, वहीं अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में लगे लोग भी सकते में हैं, क्योंकि आवास विकास परिषद ने व्यावसायिक उपयोग हो रही 860 संपत्तियों का भी आंकड़ा सार्वजनिक किया है, जो दर्शाता है कि आने वाले समय में और भी अवैध निर्माणों पर गाज गिर सकती है।
SONU

देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें अब पाएं अपने WHATSAPP पर, क्लिक करें। Khabreelal के Facebookपेज से जुड़ें, Twitter पर फॉलो करें। इसके साथ ही आप खबरीलाल को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है। हमारे Telegram चैनल को ज्वाइन कर भी आप खबरें अपने मोबाइल में प्राप्त कर सकते है।