⚖️मेरठ: सौरभ हत्याकांड के आरोपी साहिल शुक्ला को बचाने में जुटा परिवार, प्राइवेट वकील तलाशने में छूटे पसीने, जेल में 'कानूनी' मुलाकातें जारी!

 मुस्कान से परिजनों ने तोड़ा नाता, इधर साहिल की मजबूत पैरवी के लिए 'प्लांड' तरीके से चल रहीं कोशिशें
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murder case of Merchant Navy officer Saurabh
मेरठ: शहर के बहुचर्चित सौरभ हत्याकांड में आरोपी बनाए गए साहिल शुक्ला के परिवार ने अपने बेटे को इस गंभीर मामले में सजा से बचाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। 3 मार्च को हुई इस वारदात में साहिल पर अपनी प्रेमिका मुस्कान के साथ मिलकर मुस्कान के पति सौरभ की हत्या का आरोप है। घटना के बाद से साहिल और मुस्कान दोनों ही 18 मार्च से मेरठ जेल में बंद हैं। लेकिन अब इस कहानी में एक नया मोड़ आ गया है, जहां एक आरोपी को उसका परिवार बचाने के लिए जी जान लगा रहा है, वहीं दूसरी आरोपी को उसके अपनों ने अकेला छोड़ दिया है।

 

जेल सूत्रों और सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, सौरभ हत्याकांड की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल होने के बाद से साहिल का परिवार बेहद सक्रिय हो गया है। वे किसी भी सूरत में साहिल को सजा से बचाना चाहते हैं और इसके लिए सरकारी वकील के भरोसे बैठने को तैयार नहीं हैं। परिवार लगातार साहिल की पैरवी के लिए एक दमदार और अनुभवी निजी वकील की तलाश कर रहा है। हालांकि, इस केस की संवेदनशीलता और गंभीरता को देखते हुए, बताया जा रहा है कि नामी वकील आसानी से इस मामले को अपने हाथ में लेने से कतरा रहे हैं, जिससे साहिल के परिवार को वकील ढूंढने में खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

 

साहिल से जेल में परिजनों की मुलाकातें भी जारी हैं। कुछ समय पहले साहिल की नानी तीन बार उससे मिलने जेल पहुंची थीं। नानी से मुलाकात के बाद, लगभग 10 दिन पहले साहिल का बीच वाला बड़ा भाई दिव्यांशु भी उससे मिलने मेरठ जेल आया था। भाई का चार्जशीट दाखिल होने के बाद जेल आकर मिलना कई तरह के कयासों को जन्म दे रहा है। माना जा रहा है कि परिवार किसी कानूनी जानकार की सलाह पर बेहद सोची समझी रणनीति के तहत आगे बढ़ रहा है और जेल मुलाकातों में केस से जुड़े पहलुओं पर चर्चा की जा रही है।

 

साहिल के परिवार की बात करें तो उसके पिता नोएडा में रहते हैं। साहिल की मां का निधन हो चुका है। उसका एक भाई विदेश में रहता है, जबकि दूसरा भाई और बहन दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में रहते हैं। भौगोलिक रूप से अलग-अलग रहने के बावजूद, पूरा परिवार साहिल को बचाने के लिए एकजुट दिख रहा है और हर मुमकिन कानूनी रास्ते तलाश रहा है। उनकी सुनियोजित गतिविधियां इस ओर इशारा कर रही हैं कि उन्हें कोई 'लीगल माइंड' गाइड कर रहा है।

 

इस संबंध में, जेल प्रशासन ने भी पुष्टि की है कि साहिल ने अपने लिए निजी वकील नियुक्त करने के संबंध में प्रार्थना पत्र दिया है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ. वीरेश राज शर्मा ने बताया कि साहिल और उसके भाई दोनों ने इस बारे में इच्छा जताई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कानूनन हर विचाराधीन बंदी को अपने बचाव के लिए निजी वकील रखने का अधिकार है।

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दूसरी तरफ, सौरभ हत्याकांड की दूसरी आरोपी और साहिल की प्रेमिका मुस्कान की कहानी बिल्कुल उलट है। घटना के बाद से मुस्कान के माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों ने उससे पूरी तरह से किनारा कर लिया है। बताया जा रहा है कि जेल में मुस्कान से मिलने आज तक कोई नहीं आया है और न ही किसी परिजन ने उससे संपर्क करने या बात करने की कोई इच्छा जताई है। ऐसा लग रहा है कि मुस्कान अपनी करनी की सजा अकेले ही भुगत रही है और उसे उसके परिवार से कोई सहारा नहीं मिल रहा है।

 

एक ही मामले के दो आरोपियों के प्रति उनके परिवारों का यह विरोधाभासी रवैया चर्चा का विषय बना हुआ है। साहिल के परिवार की 'करो या मरो' वाली कोशिशें और वकीलों की कथित बेरुखी इस केस को और भी दिलचस्प बना रही है। अब देखना यह होगा कि साहिल का परिवार कब तक किसी बड़े वकील को अपने पक्ष में खड़ा कर पाता है और क्या उनकी सुनियोजित चालें साहिल को सजा से बचाने में कामयाब हो पाती हैं।
SONU

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