गाजियाबाद में ट्रैफिक कांस्टेबल नहीं काट सकेंगे चालान, अब सिर्फ सब-इंस्पेक्टर के पास रहेगा अधिकार
यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए पुलिस कमिश्नर जे. रविंद्र गौड़ का बड़ा फैसला, होमगार्ड और पीआरडी जवान सिर्फ सहयोगी भूमिका में रहेंगे
Apr 22, 2025, 15:39 IST
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गाजियाबाद: शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारू और बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर जे रविंद्र गौड़ ने ट्रैफिक चालान काटने के संबंध में नए निर्देश जारी किए हैं। इन आदेशों के तहत, अब केवल ट्रैफिक पुलिस के सब-इंस्पेक्टर (SI) स्तर के अधिकारी ही यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों का चालान काट सकेंगे।READ ALSO:-उत्तर प्रदेश सरकार की नई रिहाइशी स्कीम लॉन्च, 276 प्लॉट्स के लिए आवेदन शुरू, 11 सितंबर को होगा ड्रॉ
पुलिस कमिश्नर के नए निर्देशों के अनुसार, ट्रैफिक पुलिस कांस्टेबल और होमगार्ड को यह अधिकार नहीं होगा कि वे किसी गाड़ी का चालान काटें। उनकी मुख्य जिम्मेदारी ड्यूटी के दौरान पूरी तरह से यातायात व्यवस्था को दुरुस्त रखना और सुचारू बनाए रखना होगी। ये कर्मी अब ट्रैफिक इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टरों की निगरानी में यातायात प्रवाह को व्यवस्थित करने का काम करेंगे।
पुलिस कमिश्नर जे रविंद्र गौड़ ने पुलिस लाइन में ट्रैफिक कर्मियों के साथ एक बैठक की, जहां उन्होंने यातायात प्रबंधन में सुधार के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इसी बैठक में उन्होंने चालान काटने की जिम्मेदारी में बदलाव की घोषणा की। पहले यह जिम्मेदारी काफी हद तक पुलिस कांस्टेबलों के पास भी थी।
पुलिस कमिश्नर ने स्पष्ट किया कि उनका मानना है कि हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल द्वारा चालान काटने की प्रक्रिया के चलते अक्सर मुख्य सड़कों पर ही वाहनों की कतारें लग जाती थीं, जिससे पूरी यातायात व्यवस्था चरमरा जाती थी। इस नए आदेश का उद्देश्य कांस्टेबलों को चालान के बजाय ट्रैफिक फ्लो मैनेज करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करना है, जिससे सड़कों पर जाम की स्थिति से बचा जा सके।
जानकारी के मुताबिक, गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस हर महीने औसतन डेढ़ लाख के करीब ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के चालान काटती है। उम्मीद है कि यह बदलाव न केवल चालान प्रक्रिया को अधिक व्यवस्थित करेगा, बल्कि सड़कों पर यातायात प्रबंधन में भी सुधार लाएगा।
