आसमान से खतरा? देश भर में मॉक ड्रिल से परखी जा रही आपातकालीन सुरक्षा, गाजियाबाद में स्कूलों से सोसाइटियों तक अभ्यास
गृह मंत्रालय के निर्देश पर काल्पनिक हवाई हमले का वृहद अभ्यास; नागरिकों को सायरन, ब्लैकआउट और बचाव के तरीके सिखाए गए
May 7, 2025, 20:03 IST
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गाजियाबाद: किसी भी अप्रत्याशित हवाई हमले या आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए देश की तैयारियों को पुख्ता करने के उद्देश्य से, भारत सरकार के गृह मंत्रालय के महानिदेशालय अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा एवं गृह रक्षक, नई दिल्ली के निर्देश पर आज देशभर में एक वृहद काल्पनिक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इसी क्रम में, गाजियाबाद के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने संबंधित विभागों को आपातकालीन स्थिति में काल्पनिक हवाई हमले से बचाव के इस वृहद मॉक ड्रिल में सक्रिय रूप से शामिल होने के निर्देश दिए।READ ALSO:-ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय सेना ने जारी किया पाकिस्तान में आतंकी अड्डे की तबाही का वीडियो, मसूद अजहर के परिवार के मारे जाने की खबर
सभी विभागों को सौंपी गई ज़िम्मेदारी: व्यवस्थाओं को क्रियाशील बनाने पर ज़ोर
इस मॉक ड्रिल में विभिन्न सरकारी विभागों को विशिष्ट ज़िम्मेदारियाँ सौंपी गईं। काल्पनिक हवाई हमले से बचाव के अभ्यास के दौरान, विभागों को अपने स्तर से सायरन बजाने और पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग करने के निर्देश दिए गए। साथ ही, किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सभी अस्पतालों में व्यवस्थाओं को पूरी तरह से क्रियाशील रखने और नागरिकों को तत्काल चिकित्सा संबंधी सेवाएं प्रदान करने का अभ्यास भी शामिल था। मॉक ड्रिल के दौरान पर्याप्त संख्या में एंबुलेंस और डॉक्टरों की मौजूदगी सुनिश्चित की गई। हवाई हमले से बचाव के संबंध में सेवा भाव और राष्ट्रहित में जागरूकता प्रचारित और प्रसारित करने पर विशेष ज़ोर दिया गया, ताकि घबराहट या अफवाहों को फैलने से रोका जा सके।
गाजियाबाद में इन 10 स्कूलों में हुई मॉक ड्रिल: छात्रों को किया गया जागरूक
आज, 7 मई को, नागरिक सुरक्षा, स्कूलों और कॉलेजों में विशेष रूप से मॉक ड्रिल आयोजित करने के संबंध में निर्देश प्राप्त हुए थे। इसी के तहत, गाजियाबाद में नागरिक सुरक्षा के वार्डन और स्वयंसेवकों ने शहर के 10 चिन्हित स्कूलों के छात्र-छात्राओं के साथ मॉक ड्रिल का आयोजन किया। सुबह 10 बजे से शुरू हुई इस मॉक ड्रिल में छात्रों और एनसीसी कैडेट्स को हवाई हमले जैसी आपदा से बचाव के तरीके बताए गए और जागरूक किया गया। इन स्कूलों में नगर पालिका इंटर कॉलेज (नवयुग मार्केट), शंभू दयाल इंटर कॉलेज (जीटी रोड), गुरु नानक इंटर कॉलेज (लोहिया नगर), सेठ मुकुंद लाल इंटर कॉलेज (अम्बेडकर रोड), राजकीय कन्या इंटर कॉलेज (विजय नगर), जेकेजी इंटर कॉलेज (विजय नगर), स्वामी विवेकानंद सरस्वती विद्या मंदिर (राजेंद्र नगर), खेतान पब्लिक स्कूल (सेक्टर 5 राजेंद्र नगर साहिबाबाद), नगर पालिका इंटर कॉलेज (स्टेशन रोड साहिबाबाद), और पदमश्री एनएन मोहन पब्लिक स्कूल (वसुंधरा) शामिल थे।
कैसे करें सुरक्षा? सिखाए गए महत्वपूर्ण कौशल
इन स्कूलों में मॉक ड्रिल के दौरान केवल सायरन बजने पर प्रतिक्रिया देने या ब्लैकआउट का पालन करने तक ही सीमित नहीं रहा। छात्रों को आपदा के समय सुरक्षित स्थानों पर तुरंत निकासी, घायलों को प्राथमिक उपचार देने के बुनियादी तरीके और ऐसी विषम परिस्थितियों में आपसी सहयोग का महत्व जैसे आवश्यक कौशल भी सिखाए गए। इसके अलावा, सोसाइटियों में रहने वाले नागरिकों के लिए भी विशेष सत्र आयोजित करने का प्रस्ताव है, जहाँ उन्हें सिखाया जाएगा कि आपात स्थिति में वे कैसे अपने परिवार और पड़ोसियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
मॉक ड्रिल के प्राथमिक उद्देश्य: तैयारियों का आकलन
इस देशव्यापी मॉक ड्रिल के कई प्राथमिक उद्देश्य थे, जिनमें शामिल हैं:
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हवाई हमले की चेतावनी प्रणालियों की प्रभावशीलता का वास्तविक समय में आकलन करना।
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भारतीय वायु सेना के साथ महत्वपूर्ण हॉटलाइन रेडियो संचार लिंक के संचालन का परीक्षण करना।
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मुख्य नियंत्रण कक्षों और वैकल्पिक छाया नियंत्रण कक्षों की कार्यप्रणाली और तत्परता की पुष्टि करना।
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शत्रुतापूर्ण हमले की स्थिति में नागरिकों, विशेषकर छात्रों को खुद की सुरक्षा के लिए नागरिक सुरक्षा पहलुओं पर प्रशिक्षित करना।
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आकस्मिक ब्लैकआउट उपायों के प्रावधान और उनके त्वरित कार्यान्वयन का अभ्यास करना।
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महत्वपूर्ण संयंत्रों और प्रतिष्ठानों को शीघ्रता से छिपाने (छद्मावरण) के उपायों का अभ्यास करना।
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वार्डन सेवाओं, अग्निशमन, बचाव कार्यों और डिपो प्रबंधन सहित नागरिक सुरक्षा सेवाओं की सक्रियता और प्रतिक्रिया समय की पुष्टि करना।
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आपातकालीन स्थिति में निकासी योजनाओं की तैयारी और उनके प्रभावी क्रियान्वयन का मूल्यांकन करना।
ब्लैक आउट: दुश्मन को भ्रमित करने की रणनीति
मॉक ड्रिल में 'ब्लैक आउट' या प्रकाश प्रतिबंध का अभ्यास भी शामिल था। इसका उद्देश्य हवाई हमले के दौरान दुश्मन को उनके लक्ष्य (महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान, आवास, सड़कें आदि) को स्पष्ट रूप से देखने से रोकना और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। गाजियाबाद के एमबी गर्ल्स इंटर कॉलेज (नवयुग मार्केट) में सुबह 10 बजे और लेंडक्राफ्ट सोसायटी में शाम 8 बजे ब्लैक आउट जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें डीएम दीपक मीणा सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। इसके अलावा, सेवियर पार्क (कटोरी मिल मोहन नगर), वीवीआईपी सोसायटी (राजनगर एक्सटेंशन) और एपेक्स द फ्लोरस सोसायटी (सेक्टर 18 वसुंधरा) जैसी सोसाइटियों में भी ब्लैक आउट का अभ्यास प्रस्तावित किया गया।
सायरन की भाषा समझना ज़रूरी: तीन ध्वनियां, तीन संदेश
नागरिक सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, मॉक ड्रिल का एक महत्वपूर्ण पहलू सायरन की विभिन्न ध्वनियों और उनके अर्थ को समझना था। ललित जसवाल ने बताया कि सायरन केवल शोर नहीं है, बल्कि एक कोड है जो आपात स्थिति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देता है। लोगों को समझाया जाएगा कि पहले सायरन का मतलब है 'खतरे की आहट, सतर्क हो जाओ', दूसरे सायरन का मतलब है 'तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाएं', और तीसरे सायरन का मतलब है 'खतरा टला, लेकिन सावधानी बरतें'। इस कोड को समझना लोगों को घबराहट से बचाएगा और उन्हें सही समय पर उचित कदम उठाने में मदद करेगा, जो इस मॉक ड्रिल का प्राथमिक मकसद है।
संक्षेप में, इस राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल के माध्यम से सरकार आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए देश की तैयारियों को मज़बूत कर रही है और नागरिकों को भी संभावित खतरों का सामना करने के लिए प्रशिक्षित और जागरूक कर रही है, ताकि किसी भी संकट की घड़ी में जान-माल के नुकसान को कम किया जा सके और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।
