गाजियाबाद में बकरीद से पहले धधका आक्रोश! 'गोमांस' के शक में भीड़ ने पुलिस के सामने फूंक दिया ट्रक, ड्राइवर-क्लीनर को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा

 3 घंटे का तांडव, सड़क पर लगा लंबा जाम; लाठीचार्ज के बाद काबू में आई स्थिति, आगजनी करने वालों पर भी कस सकता है शिकंजा
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गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश: बकरीद से ठीक पहले, गाजियाबाद के भोजपुर क्षेत्र में मंगलवार रात को एक सनसनीखेज घटना ने पूरे माहौल को तनावपूर्ण बना दिया। अमराला गांव के पास हिंदू संगठनों के 30-40 कार्यकर्ताओं की आक्रोशित भीड़ ने पुलिस की मौजूदगी में ही मीट से भरे एक ट्रक को आग के हवाले कर दिया। उनका आरोप था कि ट्रक में प्रतिबंधित गोमांस ले जाया जा रहा था। भीड़ ने सिर्फ ट्रक ही नहीं फूंका, बल्कि ड्राइवर और क्लीनर को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा और करीब तीन घंटे तक भोजपुर-पिलखुवा मार्ग पर हंगामा और जाम लगाकर माहौल को बेहद गंभीर बना दिया। स्थिति बेकाबू होती देख, पुलिस को आखिरकार लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ना पड़ा।READ ALSO:-बिजनौर: मुर्दाघर बना 'भूल भुलैया'! डेढ़ माह तक लावारिस पड़ी रही इंसानियत, CMO की फटकार के बाद जागा सिस्टम

 

रात 9 बजे शुरू हुआ 'बवाल', पुलिस बनी 'मूकदर्शक'
घटना की शुरुआत रात करीब 9 बजे हुई, जब बजरंग दल के जिला संयोजक मधुर नेहरा और अन्य कार्यकर्ताओं को सूचना मिली कि पिलखुवा की ओर से गोमांस से भरा एक ट्रक आ रहा है। कार्यकर्ताओं ने करीब 3 किलोमीटर तक ट्रक का पीछा किया और उसे अमराला गांव के पास घेर लिया। नेहरा ने आरोप लगाया कि ट्रक चालक ने उन्हें कुचलने की भी कोशिश की थी।

 


ट्रक रुकते ही, उसमें बड़ी मात्रा में मांस देखकर भीड़ का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। रात 9 बजे से शुरू हुआ यह 'बवाल' देर रात 12 बजे तक चलता रहा। मौके पर पहुंची पुलिस ने भीड़ को समझाने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े रहे। उनकी मुख्य मांग आरोपियों की गिरफ्तारी और 'एनकाउंटर' की थी।

 पुलिस ने पहले जेसीबी से मिट्‌टी डालकर आग पर काबू पाने की कोशिश की।

पुलिस की 'मौजूदगी' में जली ट्रक, कानून व्यवस्था पर उठे सवाल
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पहले भीड़ ने ट्रक में तोड़फोड़ की और उसे आग लगाने की कोशिश की। पुलिस ने किसी तरह उस वक्त आग लगने से बचा लिया। लेकिन, जब पुलिस ट्रक को मौके से हटाना चाह रही थी, तभी भीड़ ने एक बार फिर ट्रक को घेर लिया और उसे आग के हवाले कर दिया। चौंकाने वाली बात यह रही कि यह सब पुलिस की मौजूदगी में हुआ। जलते हुए ट्रक की आग बुझाने के लिए पुलिस ने जेसीबी से मिट्टी डलवाई, बाद में फायर ब्रिगेड भी पहुंची, लेकिन तब तक ट्रक का अधिकांश हिस्सा जल चुका था।

 प्रदर्शन करने वालों ने ड्राइवर और क्लीनर की गिरफ्तारी के अलावा जहां से मांस लाया गया, उन पर कार्रवाई की मांग की।

ड्राइवर ने स्वीकारा 'गोवंश' का मांस: पुलिस सूत्र
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हिरासत में लिए गए ट्रक ड्राइवर ने शुरुआती पूछताछ में ट्रक में गोवंश के मांस और अवशेष होने की बात स्वीकार कर ली है। यह ट्रक हापुड़ से पंजाब जा रहा था। पुलिस ने ड्राइवर वसीम (मुजफ्फरनगर) और क्लीनर इमरान (मुजफ्फरनगर) को हिरासत में ले लिया है।

 ट्रक में लगी आग आसपास भी फैल गई। बगल में उपलों का ढेर रखा था, जो जल गया।

सीएम के आदेशों की 'अवहेलना' का आरोप और 3 घंटे का महाजाम
प्रदर्शन कर रहे हिंदू युवा वाहिनी के नीरज त्यागी और बजरंग दल के मधुर नेहरा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बकरीद पर किसी भी प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी न होने के स्पष्ट आदेश दिए हैं, लेकिन कुछ लोग इन आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाकर माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने पुलिस से ड्राइवर-क्लीनर का एनकाउंटर करने की भी मांग की।

 

इस पूरे हंगामे के कारण भोजपुर-पिलखुवा मार्ग पर करीब 3 घंटे तक लंबा जाम लगा रहा, जिससे राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

 

बवालियों पर भी होगी कार्रवाई: ACP का बयान
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भोजपुर थाना प्रभारी अमित कुमार ने आला अधिकारियों को सूचना दी, जिसके बाद मोदीनगर और निवाड़ी थाने की पुलिस के साथ एसीपी मोदीनगर ज्ञानप्रकाश राय भी मौके पर पहुंचे। आगजनी के बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी झड़प भी हुई। अंततः, पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए लाठीचार्ज किया और भीड़ को खदेड़कर स्थिति को नियंत्रण में लिया।

 

एसीपी मोदीनगर ज्ञान प्रकाश राय ने बताया कि पशु चिकित्सक ने मांस का नमूना जांच के लिए भेजा है। गाजियाबाद के एडिशनल पुलिस कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी ने स्पष्ट किया है कि बजरंग दल के मधुर नेहरा की तहरीर पर ट्रक ड्राइवर और क्लीनर पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है, लेकिन प्रदर्शन और आगजनी करने वालों पर भी पुलिस FIR दर्ज करेगी। उन्होंने कहा कि माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वाले और आगजनी करने वाले लोगों को चिह्नित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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यह घटना दर्शाती है कि त्योहारों से पहले ऐसे संवेदनशील मुद्दे कैसे सांप्रदायिक तनाव का कारण बन सकते हैं और कानून व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर सकते हैं। पुलिस को इस मामले में निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई करनी होगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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