गाजियाबाद के नमो भारत स्टेशन पर खुलेगा पहला को-वर्किंग स्पेस 'मेट्रोडेस्क'
एनसीआरटीसी की नई पहल, शहरी परिवहन केंद्र बनेगा व्यावसायिक हब
Mar 16, 2025, 07:00 IST
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गाजियाबाद: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) जल्द ही गाजियाबाद के नमो भारत स्टेशन पर अपना पहला को-वर्किंग स्पेस 'मेट्रोडेस्क' शुरू करने जा रहा है। यह पहल शहरी परिवहन केंद्रों को आधुनिक व्यावसायिक केंद्रों में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।READ ALSO:-Moradabad : रंग लगाने से मना किया तो प्राइवेट कंपनी के मैनेजर ने बिजली कर्मी को मारी गोली, बचाने आए BJP बूथ अध्यक्ष को बट से मारा; आरोपी अरेस्ट
यह को-वर्किंग स्पेस नमो भारत स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल पर बनाया जाएगा। यहां काम करने के लिए 42 ओपन वर्कस्टेशन उपलब्ध होंगे। इसके अतिरिक्त, उन लोगों के लिए 11 निजी केबिन भी बनाए जाएंगे जो अधिक गोपनीयता चाहते हैं। मीटिंग और कॉन्फ्रेंसिंग के लिए 2 मीटिंग रूम की सुविधा भी उपलब्ध होगी। 'मेट्रोडेस्क' में हाई-स्पीड इंटरनेट और प्लग-एंड-प्ले वर्कस्टेशन की सुविधा मिलेगी, जिससे पेशेवर आसानी से अपना काम शुरू कर सकेंगे।
इस स्थान की एक बड़ी खासियत इसकी रणनीतिक लोकेशन है। यह गाजियाबाद-मेरठ मार्ग पर स्थित है और मेरठ तिराहा मोड़ तथा दिल्ली मेट्रो के शहीद स्थल नया बस अड्डा स्टेशन के नजदीक है। इस कारण यहां यात्रियों और पेशेवरों की अच्छी आवाजाही बनी रहती है।
'मेट्रोडेस्क' में आधुनिक सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा। यहां बायोमेट्रिक एंट्री और डिजिटल की-कार्ड के माध्यम से प्रवेश मिलेगा, जिससे सुरक्षा सुनिश्चित होगी। बुकिंग और भुगतान की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है। इसके अलावा, स्मार्ट लाइटिंग, एयर कंडीशनिंग और मीटिंग रूम की ऑटोमैटिक बुकिंग जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध रहेंगी।
मेट्रोडेस्क की सुविधाएं:
- वर्कस्टेशन: 42 ओपन वर्कस्टेशन, 11 निजी केबिन और 2 मीटिंग रूम
- आधुनिक सुविधाएं: स्मार्ट लाइटिंग, एयर कंडीशनिंग, और मीटिंग रूम की ऑटोमैटिक बुकिंग
- तकनीकी सुविधाएं: वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, वायरलेस स्क्रीन शेयरिंग, फाइबर-ऑप्टिक इंटरनेट
- सुविधाजनक: हॉट डेस्क, वेंडिंग मशीन, और क्यूआर कोड स्कैन सिस्टम के जरिए फीडबैक
पेशेवरों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, वायरलेस स्क्रीन शेयरिंग और फाइबर-ऑप्टिक इंटरनेट जैसी आधुनिक तकनीकी सुविधाएं भी मिलेंगी। काम के दौरान आराम के लिए हॉट डेस्क और खानपान के लिए वेंडिंग मशीनें भी लगाई जाएंगी। ग्राहकों से फीडबैक लेने के लिए एक क्यूआर कोड स्कैन सिस्टम भी स्थापित किया जाएगा। एनसीआरटीसी का मानना है कि 'मेट्रोडेस्क' पारंपरिक कार्यालयों की तुलना में एक किफायती और सुविधाजनक विकल्प साबित होगा।