कर्तव्य पथ पर जान कुर्बान: गाजियाबाद में नहर में कूदी महिला को बचाते ट्रैफिक सिपाही डूबा, हुई मौत; सास और भाई के ताने से परेशान थी महिला
कौशांबी में दर्दनाक हादसा; 10-12 फीट गहरे पानी में 2 घंटे तलाश के बाद मिला सिपाही का शव; परिवार और पुलिस महकमे में शोक की लहर
Updated: May 17, 2025, 21:37 IST
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गाजियाबाद: गाजियाबाद के कौशांबी थाना क्षेत्र में शनिवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहाँ एक महिला को नहर में डूबने से बचाने के प्रयास में एक ट्रैफिक पुलिस के सिपाही की जान चली गई। महिला ने कथित तौर पर पारिवारिक कलह और ससुराल व मायके वालों द्वारा ठुकराए जाने से आहत होकर नहर में छलांग लगा दी थी। सिपाही की बहादुरी और उसके दुखद अंत ने पुलिस महकमे और स्थानीय लोगों को स्तब्ध कर दिया है।READ ALSO:-मुजफ्फरनगर: मेरठ-करनाल हाईवे पर दर्दनाक हादसा, महिला हेड कांस्टेबल की मौके पर मौत, पति और दो बच्चे गंभीर घायल
नहर में कूदी महिला, बचाने उतरे दो पुलिसकर्मी
घटना शनिवार दोपहर की है। कौशांबी इलाके से गुजर रही नहर में एक महिला अचानक कूद गई। राहगीरों और आसपास मौजूद लोगों ने महिला को डूबते देखा तो शोर मचाना शुरू कर दिया। इसी दौरान, वहाँ पास में ही तैनात ट्रैफिक पुलिस के एक दरोगा और सिपाही की नज़र महिला पर पड़ी। इंसानियत और कर्तव्य का पालन करते हुए, दोनों पुलिसकर्मियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना महिला को बचाने के लिए तत्काल नहर के तेज़ बहाव में छलांग लगा दी। हालांकि, नहर में पानी की गहराई काफी ज़्यादा थी, करीब 10 से 12 फीट, और देखते ही देखते महिला के साथ-साथ दोनों पुलिसकर्मी भी गहरे पानी में चले गए।
@khabreelal_news आत्महत्या के इरादे से कूदी महिला को बचाया,लेकिन लौटकर नहीं आया फर्ज का सिपाही दरोगा और महिला को बचा लिया गया 🕊️श्रद्धांजलि सिपाही अंकित तोमर को सलाम-अंकित तोमर जैसे सच्चे रक्षक शायद ही दोबारा जन्म लेते हैं। वो किसी को बचाते हुए गए, इसलिए वो मरे नहीं,अमर हो गए। pic.twitter.com/8MCdO1pLC2
— MK Vashisth (@vadhisth) May 17, 2025
गोताखोरों ने बचाया, पर सिपाही का पता नहीं चला
तीन लोगों को डूबता देख स्थानीय गोताखोर भी बचाव कार्य के लिए तुरंत नहर में कूद गए। गोताखोरों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नहर में कूदी महिला और ट्रैफिक दरोगा को सकुशल बाहर निकाल लिया। लेकिन, दुर्भाग्यवश, पुलिस सिपाही का कुछ पता नहीं चला और वह गहरे पानी में लापता हो गया।
2 घंटे की तलाश और फिर मिली मौत
सूचना मिलते ही कौशांबी इंस्पेक्टर अजय शर्मा भारी पुलिस बल के साथ तत्काल मौके पर पहुँचे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पीएसी (प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी) के अनुभवी गोताखोरों को भी मौके पर बुलाया गया। पीएसी और दमकल विभाग के गोताखोरों ने लापता सिपाही की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। करीब 2 घंटे की लगातार कोशिशों के बाद, गोताखोरों ने सिपाही को नहर से बाहर निकाला।
सिपाही को बेहोशी की हालत में बाहर निकाला गया था। पीएसी के गोताखोरों और आसपास मौजूद लोगों ने बिना एक पल गंवाए, बेहोशी की हालत में मिले सिपाही अंकित को तुरंत एक ऑटो रिक्शा में बैठाकर पास के अस्पताल की ओर दौड़े। अस्पताल पहुँचने पर डॉक्टरों ने सिपाही की जाँच की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने सिपाही अंकित तोमर को मृत घोषित कर दिया।
अलीगढ़ के रहने वाले थे शहीद सिपाही अंकित तोमर
कर्तव्य निभाते हुए जान गंवाने वाले बहादुर सिपाही की पहचान अंकित तोमर (उम्र लगभग 30-32 वर्ष) के रूप में हुई। अंकित मूल रूप से अलीगढ़ के रहने वाले थे और वर्ष 2015 में पुलिस विभाग में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। उनकी तैनाती गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस में थी। अंकित की मौत की खबर मिलते ही उनके परिवार में कोहराम मच गया और पूरे पुलिस महकमे में शोक की लहर दौड़ गई। पुलिस के कई बड़े अधिकारी भी अस्पताल पहुँचे और शहीद सिपाही को श्रद्धांजलि अर्पित की।
'सास ने जेवर चोरी का आरोप लगाया, भाई ने कहा तू मर गई': नहर में कूदने वाली महिला की दर्दभरी कहानी
नहर से सकुशल बचाई गई महिला ने बाद में जो आपबीती सुनाई, वह रिश्तों में तनाव और संवादहीनता की गंभीर समस्या को उजागर करती है। महिला की पहचान आरती के रूप में हुई। आरती ने पुलिस को बताया कि उसने लव मैरिज की है। शादी के बाद उसकी सास ने उस पर घर से जेवर चुराने का आरोप लगाया, जिससे वह बहुत परेशान थी।
आरती ने अपनी परेशानी अपने भाई को फोन पर बताई। लेकिन, भाई ने सहानुभूति दिखाने के बजाय उसे और उसके पति को अपशब्द कहने शुरू कर दिए। जब पति ने भाई से गाली न देने को कहा, तब भी वह नहीं माना। इस पर आरती ने फिर अपने भाई से बात की तो भाई ने गुस्से में कहा, "हमारी तरफ से तू मर गई है। हमारा या हमारे परिवार का तुझसे कोई लेना-देना नहीं।" पारिवारिक संबंधों से मिली इस कठोरता और अकेलेपन की भावना से आहत होकर आरती ने आत्महत्या करने के इरादे से नहर में छलांग लगा दी थी। आरती ने बताया कि उसे कूदते हुए पास खड़ी एक महिला ने देख लिया था, जिसके चिल्लाने पर पुलिसकर्मी बचाने आए थे।
पुलिस ने महिला के बयान दर्ज कर लिए हैं और मामले की आगे की जाँच की जा रही है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पुलिसकर्मी किसी भी स्थिति में अपनी जान जोखिम में डालने से पीछे नहीं हटते, भले ही वह किसी व्यक्ति की ज़िंदगी बचाने का नेक प्रयास ही क्यों न हो। सिपाही अंकित तोमर की शहादत को हमेशा याद रखा जाएगा।
