गाजियाबाद : पीठाधीश्वर बीके शर्मा ने कहा-घट रही है ब्राह्मणों की संख्या, चार बच्चे पैदा किए तो सोना और तीन पर सिल्वर मेडल से सम्मानित किया जाएगा
गाजियाबाद में विश्व ब्रह्मर्षि ब्राह्मण महासभा के पीठाधीश्वर ब्रह्मर्षि विभूति बीके शर्मा हनुमान ने कहा- ब्राह्मणों में बच्चों की संख्या कम होती जा रही है। आपको ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए।
Updated: Jan 25, 2025, 12:47 IST
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विश्व ब्रह्मर्षि ब्राह्मण महासभा तीन बच्चों पर रजत पदक और चार बच्चों पर स्वर्ण पदक देकर समाज के लोगों को सम्मानित करेगी। महासभा के पदाधिकारियों ने बैठक में यह घोषणा की।READ ALSO:-बिजनौर : धामपुर में सुनार की दुकान पर काम करने वाले युवक की संदिग्ध अवस्था में मौत, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका
महासभा के पीठाधीश्वर बीके शर्मा हनुमान ने कहा कि ब्राह्मणों की संख्या कम होती जा रही है। ब्राह्मणों की संख्या पर्याप्त होने पर ही सनातन की रक्षा होगी। बच्चों को जन्म देने वाली मातृ शक्तियों को गेहूं का आटा, गोंद, मखाना, सूखा नारियल चूर्ण, काजू, बादाम, सोंठ दिया जाएगा।
बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं को ये चीजें मिलेंगी
इसके अलावा अजवाइन, देसी घी, गुड़, खरबूजे की गिरी आदि भी दी जाएंगी। इस अवसर पर संस्थापक उपाध्यक्ष पं. आरसी शर्मा, विनीत कुमार शर्मा, योगेश दत्त गौड़, लोकेश कौशिक, बृज किशोर शर्मा, जिला अध्यक्ष अंकित शर्मा मौजूद रहे।
इसके अलावा अजवाइन, देसी घी, गुड़, खरबूजे की गिरी आदि भी दी जाएंगी। इस अवसर पर संस्थापक उपाध्यक्ष पं. आरसी शर्मा, विनीत कुमार शर्मा, योगेश दत्त गौड़, लोकेश कौशिक, बृज किशोर शर्मा, जिला अध्यक्ष अंकित शर्मा मौजूद रहे।
आपको बता दें कि दिसंबर 2024 के महीने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने परिवार के महत्व पर जोर देते हुए और हिंदुओं का नाम लिए बिना भारत में उनकी घटती जनसंख्या पर चिंता जताई थी।
कम से कम तीन बच्चे पैदा करना बहुत जरूरी है- भागवत का बयान
भागवत (मोहन भागवत) ने कहा था कि अगर समाज की जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 प्रतिशत से कम हो जाती है, तो समाज को किसी को नष्ट करने की जरूरत नहीं है, वह खुद ही नष्ट हो जाएगा। इसलिए कम से कम तीन बच्चे पैदा करना बहुत जरूरी है।
भागवत (मोहन भागवत) ने कहा था कि अगर समाज की जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 प्रतिशत से कम हो जाती है, तो समाज को किसी को नष्ट करने की जरूरत नहीं है, वह खुद ही नष्ट हो जाएगा। इसलिए कम से कम तीन बच्चे पैदा करना बहुत जरूरी है।
नागपुर में 'कठल कुल सम्मेलन' को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख भागवत ने कहा
'कुटुंब (परिवार) समाज का एक हिस्सा है और हर परिवार इसकी इकाई है। हमारे देश की जनसंख्या नीति, जो 1998 या 2002 के आसपास तय की गई थी, कहती है कि जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से कम नहीं होनी चाहिए। हमें दो से ज्यादा बच्चों की जरूरत है, यानी तीन (जनसंख्या वृद्धि दर के रूप में), यही जनसंख्या विज्ञान कहता है। यह संख्या महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे (समाज को) जीवित रहना है।'
'कुटुंब (परिवार) समाज का एक हिस्सा है और हर परिवार इसकी इकाई है। हमारे देश की जनसंख्या नीति, जो 1998 या 2002 के आसपास तय की गई थी, कहती है कि जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से कम नहीं होनी चाहिए। हमें दो से ज्यादा बच्चों की जरूरत है, यानी तीन (जनसंख्या वृद्धि दर के रूप में), यही जनसंख्या विज्ञान कहता है। यह संख्या महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे (समाज को) जीवित रहना है।'
गौरतलब है कि इस साल भारत ने जनसंख्या वृद्धि के मामले में बड़ी छलांग लगाई और चीन को पीछे छोड़कर जनसंख्या के मामले में दुनिया में पहले स्थान पर आ गया।