गाजियाबाद NH-9 और मेरठ एक्सप्रेस वे पर 'मौत' के सफर पर लगेगी ब्रेक! NHAI और पुलिस ने खींचा सुरक्षा का 'ब्लू प्रिंट', हादसों में 50% कमी लाने का महाअभियान
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और NH-9 बनेंगे 'सेफ-वे'। गलत दिशा में चलने वालों पर 'तीसरी आंख' से निगरानी, पैदलयात्रियों के लिए हाईवे होगा 'नो-एंट्री' ज़ोन, जानें पूरा एक्शन प्लान।
Jun 30, 2025, 06:55 IST
|

गाजियाबाद: रफ्तार के रोमांच और लापरवाही के कारण हादसों का पर्याय बन चुके गाजियाबाद के प्रमुख राजमार्गों की तस्वीर अब बदलने वाली है। सड़क पर होने वाली मौतों पर पूर्णविराम लगाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और गाजियाबाद पुलिस ने कमर कस ली है। एक उच्च-स्तरीय बैठक में दोनों विभागों ने मिलकर एक ऐसी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है, जिसका लक्ष्य दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (DME) और राष्ट्रीय राजमार्ग-9 (NH-9) पर होने वाले हादसों में 50 प्रतिशत तक की भारी कमी लाना है।READ ALSO:-नेशनल हाईवे पर अब मिलेगी 'स्मार्ट' सुविधा! NHAI की नई ऐप बताएगी सबसे सस्ता टोल रूट, दिल्ली से जयपुर सिर्फ 3 घंटे में
इस "मिशन सेफ गाजियाबाद" के तहत सिर्फ कागजी योजनाएं नहीं, बल्कि जमीन पर दिखने वाले ठोस कदम उठाए जाएंगे। आइए जानते हैं इस महाअभियान की विस्तृत रूपरेखा:
सुरक्षा का पहला घेरा: रेलिंग और ऊंचे डिवाइडर बनेंगे कवच
अक्सर देखा गया है कि पैदलयात्रियों का अचानक हाईवे पर आ जाना जानलेवा हादसों का सबसे बड़ा कारण बनता है। इस पर लगाम लगाने के लिए यूपी गेट से लेकर डासना तक दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर मजबूत रेलिंग लगाई जाएगी। यह रेलिंग एक दीवार की तरह काम करेगी, जो पैदलयात्रियों और आवारा पशुओं को एक्सप्रेसवे पर आने से पूरी तरह रोकेगी। इसके साथ ही, बुलंदशहर रोड को एनएच-9 से जोड़ने वाले हिस्से पर डिवाइडरों को और ऊंचा किया जाएगा, ताकि लोग जोखिम उठाकर सड़क पार करने की कोशिश न करें।
अक्सर देखा गया है कि पैदलयात्रियों का अचानक हाईवे पर आ जाना जानलेवा हादसों का सबसे बड़ा कारण बनता है। इस पर लगाम लगाने के लिए यूपी गेट से लेकर डासना तक दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर मजबूत रेलिंग लगाई जाएगी। यह रेलिंग एक दीवार की तरह काम करेगी, जो पैदलयात्रियों और आवारा पशुओं को एक्सप्रेसवे पर आने से पूरी तरह रोकेगी। इसके साथ ही, बुलंदशहर रोड को एनएच-9 से जोड़ने वाले हिस्से पर डिवाइडरों को और ऊंचा किया जाएगा, ताकि लोग जोखिम उठाकर सड़क पार करने की कोशिश न करें।
टेक्नोलॉजी का शिकंजा: ANPR कैमरे कसेंगे नकेल
जान की परवाह किए बिना गलत दिशा में वाहन दौड़ाने वाले अब कानून के शिकंजे से बच नहीं पाएंगे। पूरे एक्सप्रेसवे और एनएच-9 पर अत्याधुनिक ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे 'तीसरी आंख' की तरह 24 घंटे निगरानी करेंगे और जैसे ही कोई वाहन गलत दिशा में चलता पाया जाएगा, उसकी नंबर प्लेट स्वतः स्कैन होकर चालान कट जाएगा। इसके अलावा, वाहनों की अनियंत्रित गति को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर रम्बल स्ट्रिप्स (Rumble Strips) का भी निर्माण किया जाएगा, जो ड्राइवरों को गति कम करने के लिए सचेत करेंगी।
जान की परवाह किए बिना गलत दिशा में वाहन दौड़ाने वाले अब कानून के शिकंजे से बच नहीं पाएंगे। पूरे एक्सप्रेसवे और एनएच-9 पर अत्याधुनिक ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे 'तीसरी आंख' की तरह 24 घंटे निगरानी करेंगे और जैसे ही कोई वाहन गलत दिशा में चलता पाया जाएगा, उसकी नंबर प्लेट स्वतः स्कैन होकर चालान कट जाएगा। इसके अलावा, वाहनों की अनियंत्रित गति को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर रम्बल स्ट्रिप्स (Rumble Strips) का भी निर्माण किया जाएगा, जो ड्राइवरों को गति कम करने के लिए सचेत करेंगी।
सुगम यातायात, सुरक्षित सफर: चौड़े होंगे कट, बनेंगे नए कार्यालय
जाम और बॉटलनेक पॉइंट्स भी हादसों को न्योता देते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए एनएच-9 पर स्थित एबीएस कॉलेज के पास बने एंट्री और एग्जिट प्वाइंट को चौड़ा किया जाएगा, ताकि वाहनों का आवागमन सुगम हो सके। निगरानी और प्रबंधन को और प्रभावी बनाने के लिए आईएमएस कॉलेज के पास एक नया यातायात निरीक्षक कार्यालय बनाया जाएगा। यही नहीं, दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर लोनी की तरफ दो पिलरों के बीच 6 नए यातायात निरीक्षक कार्यालयों का निर्माण होगा, जिससे मौके पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
जाम और बॉटलनेक पॉइंट्स भी हादसों को न्योता देते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए एनएच-9 पर स्थित एबीएस कॉलेज के पास बने एंट्री और एग्जिट प्वाइंट को चौड़ा किया जाएगा, ताकि वाहनों का आवागमन सुगम हो सके। निगरानी और प्रबंधन को और प्रभावी बनाने के लिए आईएमएस कॉलेज के पास एक नया यातायात निरीक्षक कार्यालय बनाया जाएगा। यही नहीं, दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर लोनी की तरफ दो पिलरों के बीच 6 नए यातायात निरीक्षक कार्यालयों का निर्माण होगा, जिससे मौके पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
गाजियाबाद यातायात के एडीसीपी सच्चिदानंद ने पुष्टि की है कि यह संयुक्त कार्ययोजना यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए बनाई गई है। इस ब्लू प्रिंट के धरातल पर उतरने के बाद उम्मीद है कि गाजियाबाद से गुजरने वाले ये प्रमुख हाईवे जानलेवा नहीं, बल्कि सुरक्षित और सुगम सफर का अनुभव देंगे।
