गाजियाबाद: राम कलश यात्रा रोकने पर BJP विधायक और पुलिस में झड़प, कपड़े भी फटे; कलश यात्रा निकालने पर क्यों हुआ विवाद?
पुलिस ने बिना अनुमति यात्रा रोकी, विधायक के कपड़े फटे, समर्थकों का हंगामा, पुलिस ने दर्ज की FIR
Mar 20, 2025, 20:46 IST
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गाजियाबाद के लोनी में बुधवार को बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर और पुलिस के बीच उस समय तीखी झड़प हो गई, जब पुलिस ने विधायक द्वारा बिना अनुमति निकाली जा रही राम कलश यात्रा को रोक दिया। यह यात्रा लोनी में राम कथा के आयोजन के लिए निकाली जा रही थी, जिसमें बड़ी संख्या में पुरुष और महिलाएं शामिल थीं।READ ALSO:-बिजनौर: भारतीय किसान यूनियन (प्रधान) का सीएमओ कार्यालय पर धरना प्रदर्शन, झोलाछाप डॉक्टरों से उगाही के मामले में कार्रवाई की मांग
बताया जा रहा है कि श्रद्धालु यात्रा के दौरान फूल बरसा रहे थे और धार्मिक नारे लगा रहे थे। लेकिन जब पुलिस ने यात्रा को रोकने का प्रयास किया, तो माहौल तनावपूर्ण हो गया और धक्का-मुक्की की स्थिति बन गई। इस झड़प में आरोप है कि विधायक नंदकिशोर गुर्जर के कपड़े भी फट गए, जिससे नाराज होकर वे अपने समर्थकों के साथ सड़क पर धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठे समर्थकों ने ‘योगी-मोदी जिंदाबाद’ के नारे लगाए और प्रशासन के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की।
इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें विधायक और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की होती दिख रही है। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स विधायक के समर्थन में आवाज उठा रहे हैं और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
वहीं, गाजियाबाद पुलिस ने इस घटना पर अपना बयान जारी किया है। पुलिस के अनुसार, उन्हें सूचना मिली थी कि बीजेपी विधायक पुत्र परंपरा से अलग एक जुलूस निकाल रहे हैं, जिसकी कोई अनुमति नहीं ली गई थी। पुलिस ने विधायक को इसकी जानकारी दी थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने पुलिस के साथ धक्का-मुक्की की और जुलूस निकालने की कोशिश की। पुलिस ने इस घटना के संबंध में FIR दर्ज कर ली है।

कलश यात्रा शुरू होने से पहले का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें विधायक नंद किशोर गुर्जर पुलिस को चेतावनी देते हुए कह रहे हैं कि किसी में हिम्मत है तो उन्हें रोक कर दिखाए। इस वीडियो में वे कहते हुए सुने जा सकते हैं, ""चीफ सेक्रेटरी, यूपी पुलिस तेरी मां ने दूध पिलाया है तो इस कथा के बाद गाजियाबाद में कहीं भी तय कर लेना तेरी गोलियां होंगी तो हमारे सीने होंगे।"
इस पूरे मामले पर अभी तक प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन इस घटना ने धार्मिक आयोजनों की अनुमति और प्रशासन के सख्त रवैये को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। विधायक और उनके समर्थक इस मामले में प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
