UP में अब शॉपिंग मॉल और रेस्टोरेंट में भी मिलेगी बीयर-वाइन, योगी सरकार की नई आबकारी नीति को मंजूरी
मल्टीप्लेक्स वाले मॉल में FL-4D लाइसेंस (₹6 लाख वार्षिक शुल्क) और रेस्टोरेंट्स में FL-7(1) लाइसेंस (₹4 लाख वार्षिक शुल्क) के तहत मिलेगी अनुमति; नोएडा, गाजियाबाद, आगरा, लखनऊ में पायलट प्रोजेक्ट शुरू।
Apr 15, 2025, 13:50 IST
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लखनऊ/मेरठ, 15 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य की आबकारी नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए अब हाई-एंड शॉपिंग मॉल्स और रेस्टोरेंट्स में भी बीयर और वाइन की बिक्री एवं परोसे जाने की अनुमति दे दी है। यह कदम राज्य में हॉस्पिटैलिटी और रिटेल सेक्टर को बढ़ावा देने तथा उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है। नई व्यवस्था के तहत, इच्छुक प्रतिष्ठानों को निर्धारित लाइसेंस प्राप्त करना होगा।READ ALSO:-बिजनौर: शादी में DJ पर गाने को लेकर खूनी संघर्ष, बरातियों ने 18 साल के युवक को मारी गोली, हालत नाजुक
मॉल्स में बीयर-वाइन बिक्री के नियम (FL-4D लाइसेंस)
नई नीति के अनुसार, अब उत्तर प्रदेश के उन शॉपिंग मॉल्स में बीयर और वाइन की बिक्री के लिए दुकानें खोली जा सकेंगी, जिनमें मल्टीप्लेक्स (सिनेमा हॉल) की सुविधा उपलब्ध है। इसके लिए आबकारी विभाग द्वारा FL-4D नामक नया लाइसेंस जारी किया जाएगा।
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पात्रता: केवल मल्टीप्लेक्स युक्त मॉल ही इस लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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वार्षिक शुल्क: इस लाइसेंस की सालाना फीस ₹6 लाख निर्धारित की गई है।
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दुकान का आकार: लाइसेंस के तहत खोली जाने वाली दुकान का न्यूनतम क्षेत्रफल 500 वर्ग फुट होना अनिवार्य है।
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प्रतिबंध: यह स्पष्ट किया गया है कि सिनेमा हॉल के अंदर (ऑडिटोरियम या लॉबी क्षेत्र में) बीयर या वाइन की बिक्री या सेवन की अनुमति कतई नहीं होगी। बिक्री केवल मॉल परिसर में निर्धारित दुकान से ही की जा सकेगी।
यह FL-4D लाइसेंस, मॉल्स में पहले से मौजूद प्रीमियम शराब की दुकानों के लिए आवश्यक FL-4C लाइसेंस का एक सस्ता विकल्प है। नई नीति से अब एक ही मॉल में प्रीमियम शराब की दुकान (FL-4C) और बीयर-वाइन की दुकान (FL-4D) दोनों खुल सकेंगी। जानकारी के अनुसार, नोएडा के सेक्टर-43 स्थित आर-क्यूब मोनाड मॉल ने इस श्रेणी के तहत वाइन शॉप खोलने के लिए आवेदन भी कर दिया है।
रेस्टोरेंट्स में बीयर-वाइन परोसने की अनुमति (FL-7(1) लाइसेंस)
मॉल्स के साथ-साथ, आबकारी विभाग ने रेस्टोरेंट्स के लिए भी बीयर और वाइन परोसने की सुविधा प्रदान करने हेतु FL-7(1) नामक एक नया लाइसेंस शुरू किया है।
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वार्षिक शुल्क: इस लाइसेंस की सालाना फीस ₹4 लाख रखी गई है।
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अनुमति: यह लाइसेंस प्राप्त करने वाले रेस्टोरेंट्स अपने ग्राहकों को डाइनिंग के दौरान बीयर और वाइन परोस सकेंगे।
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नोएडा के सेक्टर-43 स्थित एक रेस्टोरेंट द्वारा इस श्रेणी में लाइसेंस हेतु आवेदन किए जाने की सूचना है।
पायलट प्रोजेक्ट और भविष्य की योजना
फिलहाल, सरकार ने FL-4D (मॉल) और FL-7(1) (रेस्टोरेंट) लाइसेंस की व्यवस्था को गौतम बुद्ध नगर (नोएडा), गाजियाबाद, आगरा और लखनऊ जिलों में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया है। अधिकारियों का कहना है कि इन जिलों में योजना के कार्यान्वयन और परिणामों का मूल्यांकन किया जाएगा। यदि यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहता है, तो इस व्यवस्था को प्रदेश के अन्य जिलों, जिनमें मेरठ जैसे शहर भी शामिल हो सकते हैं जहां मल्टीप्लेक्स वाले मॉल मौजूद हैं, में भी लागू करने पर विचार किया जाएगा।
इस नीति का एक उद्देश्य छोटे उद्यमियों और नए व्यवसाय शुरू करने वालों को कम निवेश के साथ शराब खुदरा व्यापार या हॉस्पिटैलिटी सेवा में कदम रखने के लिए प्रोत्साहित करना भी है।
उद्योग जगत के साथ संवाद
नई नीति के प्रावधानों को स्पष्ट करने और उद्योग जगत के सुझाव प्राप्त करने के लिए आबकारी विभाग जल्द ही नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) की नोएडा इकाई और अन्य होटल एवं रेस्टोरेंट व्यवसायियों के साथ एक बैठक आयोजित करने की योजना बना रहा है, ताकि सभी हितधारकों को नियमों की पूरी और सही जानकारी मिल सके।
