UP में यहां बनेगा एम्स, नहीं लगाने पड़ेंगे दिल्ली के चक्कर, नोएडा-गाजियाबाद समेत पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को होगा फायदा

 गाजियाबाद में एम्स जैसा सरकारी अस्पताल बनाने की करीब एक दशक से चली आ रही मांग जल्द ही पूरी हो जाएगी, क्योंकि गाजियाबाद के वसुंधरा में एम्स के सैटेलाइट सेंटर के लिए 10 एकड़ जमीन आवंटित कर दी गई है।
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GHAZIABAD AIIMS Vasundhara
गाजियाबाद और आसपास के इलाकों के लोगों को अब दिल्ली एम्स में लंबी कतारों में लगने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि गाजियाबाद में ही एम्स का सेटेलाइट सेंटर बनने जा रहा है। वसुंधरा सेक्टर-7 में साहिबाबाद नमो भारत स्टेशन के पास इस सेंटर के लिए 10 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। शुक्रवार को लखनऊ में हुई आवास एवं विकास परिषद की बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी गई।READ ALSO:-UP : चैंपियंस ट्रॉफी में विराट कोहली के आउट होने से लड़की को इतना सदमा लगा कि उसे हार्ट अटैक आ गया और उसकी हो गई मौत हो गई

 

गाजियाबाद में बनेगा एम्स सेटेलाइट सेंटर:
गाजियाबाद और आसपास के लोगों को अब दिल्ली एम्स में लंबी कतारों में लगने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि गाजियाबाद में ही अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का एक सेटेलाइट सेंटर बनने जा रहा है।READ ALSO:-UP : चैंपियंस ट्रॉफी में विराट कोहली के आउट होने से लड़की को इतना सदमा लगा कि उसे हार्ट अटैक आ गया और उसकी हो गई मौत हो गई

 

स्थान:
  • यह सेंटर वसुंधरा सेक्टर-7 में साहिबाबाद नमो भारत स्टेशन के पास बनाया जाएगा। इसके लिए 10 एकड़ जमीन आवंटित कर दी गई है।

 

मंजूरी:
  • लखनऊ में आवास एवं विकास परिषद की बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

 

मुख्यमंत्री की घोषणा:
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल ही गाजियाबाद में एम्स सेटेलाइट सेंटर बनाने की घोषणा की थी।

 

स्थान का चयन:
एम्स की टीम ने वसुंधरा को सबसे उपयुक्त स्थान पाया क्योंकि:
  • यह दिल्ली के पास है।
  • यहां से नमो भारत ट्रेन और मेट्रो की कनेक्टिविटी बहुत अच्छी है।
लाभ:
  • दिल्ली जाने की जरूरत नहीं: गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर जैसे जिलों के मरीजों को इलाज के लिए दिल्ली जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
  • दिल्ली एम्स पर दबाव कम होगा: दिल्ली एम्स में मरीजों की भीड़ बहुत अधिक है, इस नए सेंटर से वहां का भार कम होगा और मरीजों को समय पर बेहतर इलाज मिल सकेगा।
जमीन:
  • आवंटित 10 एकड़ जमीन पहले से ही अस्पताल के लिए आरक्षित थी, इसलिए लैंड यूज बदलने की आवश्यकता नहीं होगी।
  • निर्माण कार्य जल्द ही शुरू हो सकेगा।
कनेक्टिविटी:
वसुंधरा को कनेक्टिविटी के मामले में सबसे अच्छा स्थान माना गया है क्योंकि:
  • यह दिल्ली और नोएडा से केवल 5 मिनट की दूरी पर है।
  • नमो भारत ट्रेन का साहिबाबाद स्टेशन और मेट्रो का वैशाली स्टेशन पास में ही हैं।
  • एलिवेटेड रोड से यहां कुछ ही मिनटों में आसानी से पहुंचा जा सकता है।
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जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा 
बताया जा रहा है कि वसुंधरा सेक्टर-7 में 10 एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव पास होने के बाद जल्द ही यह जमीन एम्स को ट्रांसफर कर दी जाएगी। जिसके बाद आगे की प्रक्रिया तेजी से शुरू की जाएगी। इस फैसले से गाजियाबाद और आसपास के जिलों के लाखों लोगों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाओं का लाभ मिलेगा और दिल्ली एम्स पर मरीजों का दबाव भी कम होगा।
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आगे की प्रक्रिया:
जमीन आवंटित होने के बाद इसे जल्द ही एम्स को हस्तांतरित कर दिया जाएगा, जिसके बाद निर्माण कार्य तेजी से शुरू होगा।
निष्कर्ष:
गाजियाबाद में एम्स सेटेलाइट सेंटर बनने से गाजियाबाद और आसपास के लाखों लोगों को उच्च स्तर की चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी और दिल्ली एम्स पर मरीजों का दबाव भी कम होगा।

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