₹500 करोड़ के महाघोटाले के IIT से बीटेक ने रची खूनी साजिश: गवाह को रास्ते से हटाने को ₹5 लाख में दी सुपारी! मेरठ के मास्टरमाइंड पर दर्ज हैं 56 मामले

 गाजियाबाद: 'अग्निवीर' बन रहे दो शूटरों सहित तीन गिरफ्तार; मास्टरमाइंड ने बेल तुड़वाकर 'फिल्मी' अंदाज़ में दी चकमा
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गाजियाबाद में एक सनसनीखेज आपराधिक साजिश का पर्दाफाश हुआ है, जिसने सबको चौंका दिया है। ₹500 करोड़ के एक विशाल ऑनलाइन धोखाधड़ी घोटाले के मुख्य आरोपी और IIT रुड़की से बीटेक डिग्रीधारी ने अपने खिलाफ अहम गवाह की हत्या के लिए ₹5 लाख की सुपारी दे डाली। गाजियाबाद पुलिस ने इस खूनी खेल का खुलासा करते हुए, दो ऐसे शूटरों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है, जो ironically 'अग्निवीर' में शामिल होने की तैयारी कर रहे थे। इस मामले में कुल तीन लोग गिरफ्तार हुए हैं, जबकि मास्टरमाइंड ने पुलिस को चकमा देने के लिए अपनी जमानत तुड़वाकर खुद को जेल भिजवा दिया था।Read also:-कांवड़ यात्रा स्पेशल: 11 जुलाई से गाजियाबाद में ट्रैफिक डायवर्जन लागू, 19 तारीख से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे भी रहेगा बंद

 

प्रॉपर्टी कारोबारी पर हमला: 18 जून का खूनी प्रयास
इस साजिश का पर्दाफाश तब हुआ जब 18 जून, 2025 को गाजियाबाद के रामप्रस्था कॉलोनी निवासी प्रॉपर्टी कारोबारी अमित किशोर जैन पर जानलेवा फायरिंग की गई थी। इस हमले में अमित जैन बाल-बाल बचे थे, जिसके बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस जांच में अश्वनी उर्फ दिलावर (बुलंदशहर) और अमित यादव (गाजियाबाद) के नाम शूटरों के तौर पर सामने आए। पुलिस ने इन दोनों को मुठभेड़ में पैर में गोली मारकर गिरफ्तार किया, और चौंकाने वाला तथ्य यह सामने आया कि ये दोनों युवा 'अग्निवीर' की तैयारी कर रहे थे।

 


मास्टरमाइंड का 'वेब वर्क' घोटाला और जेल का 'छलावा'
डीसीपी ट्रांस हिंडन, निमिष पाटील ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि साजिश में शामिल तीसरे आरोपी प्रियांशु गौतम (बुलंदशहर में स्कूल मालिक, 12वीं पास) को भी दबोचा गया है। इस पूरे कांड का 'दिमाग' अनुराग गर्ग है, जो मेरठ के नेहरू नगर का रहने वाला है और IIT रुड़की से इंजीनियरिंग कर चुका है।

 

अनुराग गर्ग ने 2017 में 'वेब वर्क' नाम की एक वेबसाइट शुरू की थी, जिसके ज़रिए उसने 'लाइक' करने के नाम पर एक ₹500 करोड़ का बड़ा 'पोंजी' घोटाला किया। अमित किशोर जैन इस धोखाधड़ी के मामले में मुख्य शिकायतकर्ता और अहम गवाह हैं। अनुराग को पता चला था कि जुलाई में इसी मामले में अमित की गवाही होनी है, और अमित को रास्ते से हटाने के लिए उसने यह साजिश रची। अनुराग गर्ग अप्रैल में जेल से बाहर आया, हत्या की सुपारी दी, और फिर जानबूझकर अपनी जमानत तुड़वाकर वापस जेल चला गया, ताकि उस पर कोई शक न कर सके।

 

CBI-ED की भी नजर, 'सेलिब्रिटी' से करवाया था प्रमोशन
अनुराग गर्ग की करोड़ों रुपये की इस धोखाधड़ी की जांच CBI और प्रवर्तन निदेशालय (ED) जैसी केंद्रीय एजेंसियां भी कर रही हैं। यह भी खुलासा हुआ है कि अनुराग गर्ग ने अपनी पोंजी स्कीम को बढ़ावा देने के लिए दो बड़े बॉलीवुड अभिनेताओं से विज्ञापन भी करवाए थे, जिससे आम लोग आसानी से उसके जाल में फंस गए। अनुराग गर्ग पर गाजियाबाद, नोएडा और मेरठ में कुल 56 मुकदमे दर्ज हैं, और वह पूर्व में भी भगोड़ा रह चुका है।

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यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि अपराध की दुनिया में कैसे पढ़े-लिखे लोग भी शामिल हो रहे हैं, और कैसे गवाहों को धमकाने या हटाने के लिए खतरनाक साजिशें रची जा रही हैं। पुलिस अब इस हाई-प्रोफाइल मामले की हर परत को खंगाल रही है।
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