जब एक 'दानवीर' की गाथा से जीवंत हुआ धामपुर का भगत सिंह चौक, राष्ट्रभक्ति के दीपों से रोशन हुई रात!
अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के भव्य आयोजन में सर्व-समाज ने मिलकर किया मेवाड़ के उद्धारक भामाशाह को नमन, गूंजा 'त्याग और एकता' का अमर संदेश।
Jun 29, 2025, 23:51 IST
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बिजनौर जिला प्रभारी अनिल कुमार शर्मा खबरी लाल मीडिया,धामपुर। धामपुर (बिजनौर) | आज 29 जून, 2025 की रात धामपुर की फिजाओं में इतिहास की वो अमर गाथा गूंज रही थी, जो त्याग, राष्ट्रभक्ति और अटूट मित्रता की मिसाल है। अवसर था मेवाड़ के स्वाभिमान के रक्षक, महाराणा प्रताप के संकटमोचक मित्र, महान दानवीर भामाशाह की जयंती का। नगर का ऐतिहासिक भगत सिंह चौक रात्रि 8 बजे उस समय देशभक्ति के रंग में सराबोर हो गया, जब विभिन्न धर्मों और समुदायों के लोग एक साथ मिलकर उस महापुरुष को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित हुए।READ ALSO:-बिजनौर: टूट गया पूरा परिवार…ज़हरीले कर्ज़ की मार ने छीन ली तीन जिंदगियां, एजेंट सलाखों के पीछे!
अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन, धामपुर द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम केवल एक जयंती समारोह नहीं, बल्कि एक ऐसा संगम था जहाँ भारत की 'सर्व-धर्म समभाव' की आत्मा साकार हो उठी।
श्रद्धा के दीपों से हुआ शुभारंभ
कार्यक्रम का शुभारंभ अत्यंत भावपूर्ण माहौल में हुआ। उपस्थित सभी गणमान्य नागरिकों ने एक साथ मिलकर दानवीर भामाशाह के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित किया। यह केवल एक दीपक की लौ नहीं थी, बल्कि यह उस त्याग की ज्योति का प्रतीक थी जिसे भामाशाह ने सदियों पहले राष्ट्र के लिए जलाया था। इसके पश्चात चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित किए गए।
"भामाशाह ने धन नहीं, राष्ट्र का भविष्य दान किया था" - डॉ. आदित्य अग्रवाल
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, डॉक्टर आदित्य अग्रवाल ने जब भामाशाह के जीवन पर प्रकाश डालना शुरू किया, तो मानो समय का चक्र घूम गया हो। उन्होंने अपने ओजस्वी उद्बोधन में कहा, "हम भामाशाह को केवल एक धनी सेठ के रूप में याद नहीं कर सकते। वे एक दूरदर्शी राष्ट्रभक्त थे, जिन्होंने उस कठिन दौर में यह समझा कि अगर राष्ट्र नहीं बचेगा तो संपत्ति का कोई मूल्य नहीं। जब महाराणा प्रताप निराश होकर मेवाड़ छोड़ने पर विवश थे, तब भामाशाह ने अपनी पीढ़ियों की कमाई उनके चरणों में समर्पित कर केवल धन नहीं, बल्कि मेवाड़ का स्वाभिमान और भारत का भविष्य दान किया था। उनका यह अतुलनीय त्याग आज भी हम सभी के लिए प्रेरणा का सबसे बड़ा स्रोत है।"
एकजुटता की मिसाल बना आयोजन
इस भव्य कार्यक्रम की सफलता का श्रेय अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के नगर अध्यक्ष और कार्यक्रम के संयोजक, डॉक्टर अमित गुप्ता के कुशल नेतृत्व को दिया गया। उनके प्रयासों से ही यह संभव हुआ कि समाज के हर तबके के लोग इस आयोजन का हिस्सा बने। कार्यक्रम में डॉक्टर अनिल शर्मा 'अनिल', दिनेश चंद्र नवीन, विनीत कौशिक, सचिन अग्रवाल, नरेश वर्मा, सतीश कुमार, मुदित कुमार, एवं मुकेश मित्तल जैसे कई प्रमुख हस्तियों ने सम्मिलित होकर न केवल अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, बल्कि कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना पूर्ण सहयोग भी प्रदान किया।
देर रात तक चले इस कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि भामाशाह जैसे महापुरुष किसी एक समाज या वर्ग के नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र की धरोहर हैं और उनका त्याग आज भी देशवासियों को एकता के सूत्र में पिरोने की शक्ति रखता है।
