धर्म और राष्ट्र की रक्षा के प्रतीक महाराणा प्रताप को नमन: धामपुर में 'शौर्य दिवस' के रूप में मनाई गई 495वीं जयंती
आरएसएम चौराहे पर जुटे देशभक्त, हवन में आहुति देकर एकजुटता का संकल्प; पाकिस्तान को दिया कड़ा संदेश
Updated: May 9, 2025, 21:35 IST
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बिजनौर जिला प्रभारी अनिल कुमार शर्मा खबरी लाल मीडिया। बिजनौर/धामपुर: धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले, हिंदू हृदय सम्राट, महान देशभक्त और अप्रतिम स्वतंत्रता सेनानी महाराणा प्रताप की 495वीं जयंती बिजनौर के धामपुर में बड़े ही उत्साह और देशभक्ति के जोश के साथ मनाई गई। इस विशेष अवसर को 'शौर्य दिवस' के रूप में याद करते हुए आरएसएम चौराहा धामपुर पर एक गरिमापूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।READ ALSO:-🚘 सड़क पर गाड़ी खड़ी करना पड़ेगा जेब पर भारी!! उत्तर प्रदेश के मेरठ समेत इन 17 शहरों में लागू होगी रात की पार्किंग फीस
इस कार्यक्रम में क्षेत्र की कई जानी-मानी हस्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिनमें मुख्य रूप से पूर्व विधायक डॉ. इंद्रदेव सिंह, डॉ. एनपी सिंह और दिनेश अग्रवाल शामिल रहे।
महाराणा प्रताप के शौर्य और बलिदान को समर्पित इस आयोजन को सफल बनाने में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासंघ, धामपुर इकाई का महत्वपूर्ण योगदान रहा। महासंघ के अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह चौहान, संयोजक रविंद्र सिंह, महामंत्री भूपेंद्र सिंह और कोषाध्यक्ष नागेंद्र सिंह ने मिलकर इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की और इसे भव्यता प्रदान करने में पूर्ण सहयोग दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित कर माल्यार्पण के साथ हुआ। इसके उपरांत, सभी उपस्थित जनों ने एक साथ मिलकर हवन-पूजन में आहुति दी और राष्ट्र की सुख समृद्धि, शांति और सुरक्षा की कामना की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता पूर्व विधायक डॉ. इंद्रदेव सिंह ने वर्तमान राष्ट्रीय परिदृश्य पर अपने विचार रखे। उन्होंने बल देते हुए कहा कि आज देश को एकजुट रहने की सबसे अधिक आवश्यकता है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि देश विरोधी ताकतों, विशेषकर पाकिस्तान की किसी भी नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जाना चाहिए। उनके ओजस्वी विचारों ने उपस्थित जनसमूह में राष्ट्रप्रेम और एकता की भावना को और प्रबल किया।
महाराणा प्रताप के शौर्य, त्याग और देशभक्ति को नमन करते हुए तथा राष्ट्र की सुरक्षा और एकता के संकल्प के साथ इस प्रेरणादायी कार्यक्रम का समापन हुआ। यह आयोजन महाराणा प्रताप की स्मृति को चिरस्थायी बनाने और युवा पीढ़ी को उनके आदर्शों से प्रेरणा लेने का एक सफल प्रयास रहा।
