बिजनौर में आदमखोर तेंदुए का आतंक खत्म! शेरकोट के हरेवली में 'आदमखोर' तेंदुआ पिंजरे में, ग्रामीणों ने ली चैन की सांस
पशुओं पर लगातार कर रहा था हमला, वन विभाग ने 4 साल के नर तेंदुए को दबोचा; अब पीलीडाम में सुरक्षित
May 31, 2025, 16:47 IST
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बिजनौर, उत्तर प्रदेश: बिजनौर जनपद के शेरकोट के हरेवली क्षेत्र में पिछले काफी समय से आतंक का पर्याय बन चुके एक तेंदुए को आखिरकार वन विभाग ने पिंजरे में कैद कर लिया है। इस खूंखार तेंदुए ने इलाके में खुले घूमने वाले पशुओं पर लगातार हमला करके ग्रामीणों की नींद उड़ा रखी थी। वन विभाग की इस सफल कार्रवाई के बाद क्षेत्र के लोगों ने बड़ी राहत महसूस की है।READ ALSO:-दहला देने वाली घटना: बिजनौर में कोचिंग जा रही छात्रा से ई-रिक्शा चालक ने अगवा कर किया दुष्कर्म, वीडियो बनाकर दी खौफनाक धमकी!
कैसे फंसा ये 'शिकारी'? वन विभाग की रणनीति हुई कामयाब
पिछले कुछ समय से हरेवली और आसपास के गांवों से तेंदुए द्वारा पशुओं पर हमले की शिकायतें लगातार मिल रही थीं, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल था। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए, वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने की रणनीति बनाई।
@khabreelal_news 🐆 बिजनौर में आदमखोर तेंदुए का आतंक खत्म! शेरकोट हरेवली में वन विभाग ने पकड़ा आदमखोर तेंदुआ, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस
— MK Vashisth (@vadhisth) May 31, 2025
🌾 कई दिनों से छुट्टा पशुओं पर कर रहा था हमला, अब पीलीडाम में रखा गया pic.twitter.com/MLqIviZiiE
करीब चार दिन पहले, वन विभाग की टीम ने शहजादपुर में एक बंद पड़े ईंट भट्ठे के पास एक बड़ा पिंजरा लगाया। गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात को यह चालाक तेंदुआ भोजन की तलाश में पिंजरे के पास पहुंचा और उसमें फंस गया। पिंजरे में तेंदुए के फंसने की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों ने तुरंत वन विभाग को इसकी सूचना दी।
वन दरोगा टीम के साथ मौके पर पहुंचे, तेंदुए का हुआ 'रेस्क्यू'
सूचना मिलते ही वन दरोगा सुनील कुमार राजौरा अपनी पूरी टीम के साथ तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि पकड़ा गया तेंदुआ एक नर है और उसकी उम्र लगभग 4 वर्ष है। वन विभाग की टीम ने सावधानीपूर्वक तेंदुए को पिंजरे से निकाला और उसे सुरक्षित तरीके से पीलीडाम में बने अस्थायी बाड़े में स्थानांतरित कर दिया।
अधिकारियों ने बताया कि पकड़े गए तेंदुए का पहले स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। उसके बाद, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार उसे किसी सुरक्षित और निर्धारित वन्यजीव क्षेत्र में छोड़ा जाएगा। यह कदम मानव-पशु संघर्ष को कम करने और वन्यजीवों को उनके प्राकृतिक आवास में रखने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
इस कार्रवाई से हरेवली और आसपास के गांवों के लोगों में खुशी की लहर है। उन्हें उम्मीद है कि अब उनके पशु सुरक्षित रहेंगे और उन्हें तेंदुए के लगातार हमलों के डर से मुक्ति मिलेगी। यह वन विभाग के लिए एक बड़ी सफलता है, जिसने ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित की है।
