गरीब बेटियों की शादी का सपना होगा साकार! बिजनौर DM सख्त, 'शादी अनुदान' में हर पात्र को मिले हक

 जिलाधिकारी जसजीत कौर ने योजना की समीक्षा कर अधिकारियों को लगाई फटकार, धीमी प्रगति और कम स्वीकृत आवेदनों पर जताई नाराजगी; शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के निर्देश
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BM BIJNOR
बिजनौर जिला प्रभारी अनिल कुमार शर्मा खबरी लाल मीडिया-बिजनौर: उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी शादी अनुदान योजना, जिसका लक्ष्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों के हाथ पीले करने में मदद करना है, की प्रगति की समीक्षा के लिए बुधवार को बिजनौर कलेक्ट्रेट सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी जसजीत कौर की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में योजना की वर्तमान स्थिति पर गहन चिंतन किया गया और पात्र लाभार्थियों को समयबद्ध तरीके से लाभ पहुंचाने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए।Read also:-बिजनौर: शेरकोट में सेल्फी और स्टंट के चक्कर में मौत को गले लगा रहे हैं युवा! खो बैराज बना 'खूनी' नहर, ऊँचाई से छलांग लगाना यहाँ फैशन, हर साल जा रही हैं जानें!

 

क्या है शादी अनुदान योजना?
राज्य सरकार द्वारा संचालित यह योजना उन गरीब परिवारों के लिए एक बड़ाSanskrit: सहारा है जो आर्थिक तंगी के कारण अपनी बेटियों के विवाह का खर्च उठाने में असमर्थ होते हैं। योजना के अंतर्गत, पात्र परिवारों को बेटी की शादी के लिए ₹20,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ पात्रता मानदंड निर्धारित हैं, जिनमें मुख्य रूप से आवेदक के परिवार की वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्रों में ₹46,080 और शहरी क्षेत्रों में ₹56,460 से अधिक नहीं होनी चाहिए। साथ ही, विवाह के समय पुत्री की आयु 18 वर्ष और वर की आयु 21 वर्ष पूर्ण होना अनिवार्य है। एक परिवार की अधिकतम दो बेटियों को इस योजना का लाभ मिल सकता है। योजना का लाभ सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से भेजा जाता है। आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से पूरी की जाती है।

 


समीक्षा बैठक के मुख्य बिंदु और जिलाधिकारी के निर्देश:
बैठक के दौरान, जिलाधिकारी जसजीत कौर ने जिले में शादी अनुदान योजना के तहत प्राप्त आवेदनों और उनके निस्तारण की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की। जिला समाज कल्याण अधिकारी जागेश्वर सिंह और जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारियों ने जिलाधिकारी को योजना की प्रगति से अवगत कराया।

 

समीक्षा में सामने आया कि पिछड़ी जाति के लाभार्थियों से कुल 214 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 133 आवेदनों को स्वीकृति प्रदान की गई है। हालांकि, अन्य वर्गों की स्थिति चिंताजनक दिखी, जहां 9 आवेदन प्राप्त होने के बावजूद केवल एक आवेदन ही स्वीकृत हो सका।

 

इस असमान प्रगति और अन्य वर्गों में बेहद कम संख्या में स्वीकृत आवेदनों पर जिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी लंबित आवेदनों का युद्धस्तर पर सत्यापन किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि सत्यापन प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब न हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि योजना के पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले सभी आवेदनों को बिना किसी भेदभाव के त्वरित रूप से स्वीकृत किया जाए ताकि पात्र लाभार्थियों को समय पर सहायता मिल सके।

 

जिलाधिकारी ने जोर देकर कहा कि यह योजना गरीब परिवारों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में व्यापक प्रचार-प्रसार के माध्यम से योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाए ताकि अधिक से अधिक पात्र परिवार योजना का लाभ उठाने के लिए आगे आएं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे सक्रिय होकर काम करें और यह सुनिश्चित करें कि जिले में शादी अनुदान योजना का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल हो।

 OMEGA

बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने जिलाधिकारी को आश्वस्त किया कि उनके निर्देशों का पूरी निष्ठा से पालन किया जाएगा और यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा कि जिले के सभी पात्र लाभार्थियों को शादी अनुदान योजना का लाभ मिले।

 

यह बैठक दर्शाती है कि जिला प्रशासन गरीब परिवारों की मदद के लिए संवेदनशील है और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि सरकारी योजनाओं का लाभ सही1 लोगों तक पहुंचे।
SONU

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