शिक्षक की 'आपत्तिजनक टिप्पणी' से बिजनौर में बवाल: शेरकोट के PJM इंटर कॉलेज के टीचर पर FIR, निलंबित!
Facebook पर हिंदू महिलाओं और RSS के खिलाफ लिखा, 'ऑपरेशन सिंदूर' पर भी अभद्र पोस्ट; हिंदू संगठनों में भारी रोष
Updated: Jun 3, 2025, 11:18 IST
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बिजनौर, उत्तर प्रदेश: बिजनौर के शेरकोट स्थित पीजेएम इंटर कॉलेज में कार्यरत शिक्षक शहजाद अली के खिलाफ पुलिस ने कड़ा कदम उठाया है। शहजाद अली पर अपने फेसबुक अकाउंट से हिंदू महिलाओं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है, जिसके बाद उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।READ ALSO:-मेरठ के मवाना में 'गन कल्चर' का नंगा नाच: दिनदहाड़े नकाबपोश बदमाशों ने मचाई दहशत,15 राउंड फायरिंग से थर्राया गाँव!
Facebook पोस्ट बना विवाद की जड़
मामला तब सामने आया जब शिक्षक शहजाद अली ने 'ऑपरेशन सिंदूर' से जुड़ी एक पोस्ट पर अभद्र टिप्पणी की। यह टिप्पणी इतनी आपत्तिजनक थी कि इसने तत्काल हिंदू संगठनों और महिलाओं में भारी रोष पैदा कर दिया। सोशल मीडिया पर उनकी पोस्ट तेजी से वायरल हुई और लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
भाजपा मंडल अध्यक्ष की शिकायत पर कार्रवाई
इस गंभीर मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मंडल अध्यक्ष विजय पाल सैनी ने पहल करते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शिक्षक शहजाद अली के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
थानाध्यक्ष पुष्पेंद्र कुमार ने इस बात की पुष्टि की है कि आरोपी का चालान किया जा रहा है और आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है।
विद्यालय ने भी की सख्त कार्रवाई: शिक्षक निलंबित
केवल पुलिस ही नहीं, बल्कि विद्यालय प्रशासन ने भी इस मामले में तत्परता दिखाई है। पीजेएम इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य राजीव कुमार की रिपोर्ट के आधार पर विद्यालय के प्रबंधक निशांत यादव ने आरोपी शिक्षक शहजाद अली को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई स्पष्ट संदेश देती है कि संस्थान इस तरह की आपत्तिजनक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
हिंदू संगठनों ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
इस घटना से बिजनौर में हिंदू संगठनों में भारी नाराजगी है। उन्होंने आरोपी शिक्षक के खिलाफ न केवल कानूनी कार्रवाई, बल्कि समाज में सद्भाव बिगाड़ने के प्रयासों के लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग की है। उनकी मांग है कि ऐसे मामलों में कठोरता से निपटा जाए ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने या सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का दुस्साहस न करे।
यह घटना सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी से व्यवहार करने और धार्मिक तथा सामाजिक भावनाओं का सम्मान करने के महत्व को रेखांकित करती है।
